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फ़ैक्ट चेक

क्या डॉ आंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर के साथ कोलंबिया में एक बस चलाई गयी है?

बूम ने पाया कि डॉ भीम राव आंबेडकर और उनकी पत्नी की तस्वीर बस की फ़ोटो पर अलग से जोड़ी गयी है |

By - Saket Tiwari | 20 Sep 2020 2:51 PM GMT

सोशल मीडिया पर वायरल टूरिस्ट बस की एक तस्वीर जो दिखाती है कि बस पर डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर और सविता आंबेडकर की तस्वीर है, एडिट की हुई है | फ़र्ज़ी तस्वीर के साथ एक दावा भी वायरल है कि अमेरिका के कोलंबिया में बस चलाई गयी है जिसपर बाबासाहेब की तस्वीर है - जैसा कि वायरल तस्वीर में देखा जा सकता है |

बूम ने पाया कि बस की वास्तविक तस्वीर करीब 12 साल पहले बाथ, इंग्लैंड - ना की कोलंबिया - में ली गयी थी जिसमें आंबेडकर की कोई तस्वीर नहीं है | हमें इस तरह की कोई खबर या न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जो आंबेडकर की तस्वीर लेकर चलाई गयी बस के बारे में बताती हो |

पिछले दिनों एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि अमेरिका के कोलंबिया में बस पर बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर की तस्वीर लगाईं गयी है | इसी दावे के साथ डॉक्टर्ड फ़ोटो भी है |

शिव सेना कार्यकर्ताओं के मारपीट का ये वीडियो पिछले साल का है

यह ध्यान देने योग्य बात है कि हालांकि वायरल तस्वीर फ़र्ज़ी है पर इतिहास में कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने वक़्त वक़्त पर डॉ आंबेडकर का सम्मान किया है | बाबा साहेब ने अपना स्नाकोत्तर और पी.एच.डी कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यू यॉर्क, से पूरा किया है | यह यूनिवर्सिटी बाबासाहेब की आत्मकथा वेटिंग फॉर ऐ वीसा अपने पाठ्यक्रम में पढ़ाती है |

यह तस्वीर एक कैप्शन के साथ वायरल है जिसमें लिखा है 'कोलंबिया (अमेरिका) की सड़कों पर दौड़ती सिटी बस पर बाबा साहब का चित्र यह असली सम्मान है, अमेरिका आज भी बाबा साहब को अपना आदर्श मानता है क्योंकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था उसी पुस्तक पर आधारित है जिसे बाबा साहब ने ब्रिटिश काल में अपनी डाक्टर की डिग्री के लिए यिसिस के रूप में लिखा था ' द प्राब्लम आफ रुपी' जिसके आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक की भी स्थापना हुई! और हमारे यहाँ पर बाबा साहब की मूर्ति को तोडते हैं सोचो अगर बाबा साहब ने इंग्लैंड तत्कालीन प्रधानमंत्री रैम्स मैग्डानोल्ड के अनुरोध पर इंग्लैंड की नागरिकता स्वीकार कर ली होती तो बहुजनों का क्या होता??" (Sic)




बूम को यही तस्वीर अपनी टिपलाइन पर भी प्राप्त हुई |


यही दावे ट्विटर पर भी वायरल हैं |

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल फ़ोटो को रिवर्स इमेज सर्च कर देखा और पाया कि यह तस्वीर कई वेबसाइटों पर मौजूद है | उनमें से एक है विकिमीडिआ कॉमन्स वेबसाइट जो यही तस्वीर तक पहुँचाती है |

वास्तविक तस्वीर नीचे देखें | इसमें कहीं भी बाबासाहेब आंबेडकर की तस्वीर नहीं है |


तस्वीर जो 28 जुलाई 2008 को बाथ, इंग्लैंड में ली गयी है, के डिस्क्रिप्शन में लिखा है: "English: City Sightseeing's 273 (EU05 VBJ), a Volvo B7L/Ayats Bravo City, in Bath, Somerset, England. Unlike many City Sigthseeing tours which are run under frachicse to other operators, this one is run directly by the company themseleves. (Sic)"

इसके अलावा हमने वास्तविक और वायरल तस्वीर की तुलना भी की | आंबेडकर की तस्वीर के किनारे बस पर साफ़ तौर से दिख रहे हैं | वहीँ वास्तविक तस्वीर में बस पर बनी कृतियाँ, लोग और कार वगैरह वायरल तस्वीर में हुबहु हैं | नीचे देखें |


इंटरनेट पर हमें इस बात की पड़ताल भी की कि कोलंबिया में कहीं इस तरह बसें चलाई गयी हों? पर हमें कोई खबर नहीं मिली | बस पर अलग से लगाईं गयी डॉ आंबेडकर और सविता आंबेडकर की तस्वीर भी हमने इंटरनेट पर मिली | इसे अलग से एडिट कर के जोड़ा गया है |


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