HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
फ़ैक्ट चेक

काल्पनिक अनिल उपाध्याय की वापसी, इस बार सीएए के ख़िलाफ भाजपा विधायक के रूप में

बूम ने स्पीकर की पहचान फ़ारुक अहमद के रूप में की, जो वंचित बहुजन अगाड़ी के साथ नेता हैं

By - Anmol Alphonso | 14 Jan 2020 8:09 AM GMT

काल्पनिक राजनेता अनिल उपाध्याय वापस आ गए हैं और इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता के रूप में हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ बोल रहे हैं।

महराष्ट्र के एक राजनेता के वीडियो को झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि वह भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय है जो सरकार की आलोचना कर रहे है और सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के ख़िलाफ खड़े हैं। 2.23 मिनट की क्लिप में स्टेज के बैकग्राउंड में एनआरसी का पोस्टर लगा हुआ देखा जा सकता है।

यह भी पढ़ें: क्या बीजेपी विधायक ने की राजनाथ सिंह से सी.ए.ए-एन.आर.सी वापसी की मांग?

बूम ने पहले भी फ़र्ज़ी पोस्टों को ख़ारिज किया था जिन्हें एक काल्पनिक राजनेता,'अनिल उपाध्याय' नाम के नाम के साथ शेयर किया गया था।


बूम को यह वीडियो हमारे व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन नंबर (7700906111) पर प्राप्त हुआ है जिसमें इसके बारे में जानकारी मांगी गई है।

यह भी पढ़ें: नेटफ़्लिक्स से लेकर सेक्स तक: अजीब ट्वीट्स कर रहे हैं सी.ए.ए हेल्पलाइन को प्रमोट

क्लिप में एक राजनीतिक नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "आज हमसे पूछा जा रहा है, की आपके बुज़ुर्गों का साबुत क्या है? अरे दिल्ली में इतनी बड़ी सात बारा है ना मुसलामानों की... डेक्कन का चार मीनार पी.आर कार्ड है ना मुसलामानों का..."

हमने फ़ेसबुक पर कैप्शन के साथ खोज की और पाया कि इसी वीडियो को भ्रामक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है।


अर्काइव के लिए यहां देखें|

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो को कीफ्रेम में तोड़ा और रूसी खोज इंजन यैंडेक्स का उपयोग करके एक रिवर्स इमेज सर्च को चलाया और पहचान की कि वीडियो में मौजूद व्यक्ति वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) नेता फारुक अहमद है।

यह भी पढ़ें: भाजपा में कोई अनिल उपाध्याय नाम का विधायक नहीं है, वायरल वीडियो के साथ दावे झूठे हैं

हमें 20 दिसंबर, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक लंबा वीडियो मिला, जिसे कैप्शन के साथ लिखा गया, "20 दिसंबर को नांदेड़ में बड़े धरना में फारुख अहमद का पूरा भाषण।" 25 सेकंड के टाइमस्टैम्प में एक टिकर देखा जा सकता है जिसमे उनकी पहचान '' प्रदेश प्रवक्ता फारुक अहमद, वीबीए, महाराष्ट्र "के रूप में बताई गई है।

Full View

इसके अलावा, हमें 20 दिसंबर, 2019 को महाराष्ट्र के नांदेड़ में आयोजित सीएए विरोध पर समाचार रिपोर्ट मिली। हमने वायरल वीडियो से अहमद के चेहरे की तुलना एक अन्य वीडियो के साथ की, जहां वह एक वीबीए नेता के रूप में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं और पाया कि दोनों तस्वीरें मेल खाती है।


काल्पनिक विधायक अनिल उपाध्याय के नाम का इस्तेमाल करते हुए कई ग़लत जानकारी और फ़र्ज़ी खबरें शेयर की गई हैं। (यहां और यहां पढ़ें)। उनमें से कुछ ने दावा किया कि उपाध्याय भाजपा के विधायक थे, बाकी ने दावा किया कि वह कांग्रेस के साथ थे। दिलचस्प बात यह है कि बूम ने पाया कि उपाध्याय एक काल्पनिक चरित्र था, जिसका कोई भी रिकॉर्ड राजनीतिक पार्टी में नहीं था।

Related Stories