कोविड-19 के बढ़ते मामलों और लॉकडाऊन के बीच टीवी चैनल 'आज तक' का एक ग्राफ़िक वायरल है। इसमें ये कहा गया है कि सरकार ने देश में स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। बूम ने पाया की दावा झूठा है और 'आज तक' का ग्राफ़िक फ़र्ज़ी है जिसे एडिटिंग करके बनाया गया है।
अपने 'अनलॉक 2' दिशानिर्देशों के तहत गृह मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विद्यालयों और महाविद्यालयों को 31 जुलाई तक फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बाद का फ़ैसला सरकार ने अब तक नहीं सुनाया है।
बूम को 'आज तक एचडी' चैनल का यह ग्राफ़िक अपने हेल्पलाइन नंबर पर मिला।
फ़ेसबुक पर भी यही दावा शेयर किया गया है। इसका आर्काइव यहाँ देखें।
यही दावा करता एक 'इंडिया न्यूज़' का भी ग्राफ़िक बूम को अपने हेल्पलाइन नंबर पर मिला। ये तस्वीर मई 2020 से वायरल है।
फ़ैक्ट चेक
'आज तक एच.डी' के ग्राफ़िक के साथ रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमने देखा कि इस ग्राफ़िक पर इस्तेमाल की गई लिखाई चैनल की लिखाई से नहीं मिलती। हमें चैनल के सोशल मीडिया पर भी ये दावा करता कोई वीडियो नहीं मिला।
बूम ने वायरल ग्राफ़िक की 'आज तक एचडी' के ग्राफ़िक के साथ तुलना की। हमने देखा कि वायरल ग्राफ़िक में प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर और संदेश फ़्रेम में नहीं बैठते। "मोदी" शब्द की लिखावट दोनों तस्वीरों में अलग है। वायरल ग्राफ़िक में लिखावट 'आज तक एचडी' के ग्राफ़िक से बड़ी है। ये बातें इशारा करती हैं कि वायरल ग्राफ़िक असली नहीं बल्कि एडिटिंग से तैयार किया गया है।
'इंडिया न्यूज़' के ग्राफिक को गृह मंत्रालय ने 26 मई 2020 को ही ख़ारिज कर दिया था। एक ट्वीट में मंत्रालय ने कहा था कि उन्होंने स्कूल कॉलेजों को खोलने का कोई फ़ैसला नहीं लिया है।
गृह मंत्रालय ने 31 जुलाई तक विद्यालयों और महाविद्यालयों को खोलने की अनुमति नहीं दी है। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने की अनुमति दी है जो अपने अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं दे रहे थे।
ख़बरों के अनुसार, मंत्रालय ने राज्यों से ये कहा है कि स्कूलों को फिर से खोलने के निर्णय पर पहुंचने से पहले वे माता-पिता से परामर्श कर ले।