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फैक्ट चेक

नहीं, दिल्ली स्थित जामा मस्जिद ने तनिष्क के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी नहीं किया है

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है। शाही इमाम अहमद बुख़ारी ने वायरल दावे को बकवास क़रार दिया

By - Mohammad Salman | 19 Oct 2020 7:42 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुख़ारी ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क के ख़िलाफ़ फ़तवा जारी करेंगे। दावे के मुताबिक़ हाल ही में वापस लिए गए तनिष्क के विज्ञापन में 'गोद भराई' रस्म दिखाई गयी है जो हिन्दुओं की परंपरा है।

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है। हमने शाही इमाम अहमद बुख़ारी से संपर्क किया जिन्होंने इस दावे को बकवास क़रार दिया।

अंतर-धार्मिक पारिवारिक रिश्तों का जश्न मनाते हुए तनिष्क के एक हालिया विज्ञापन की पृष्ठभूमि में वायरल दावे को शेयर किया जा रहा है। विज्ञापन में एक हिंदू बहू के लिए उसके मुस्लिम ससुराल वालों द्वारा गोद भराई रस्म का आयोजन दिखाया गया था और इसे उसके 'एकत्वम आभूषण संग्रह' के ब्रांड के अभियान के हिस्से के रूप में जारी किया गया था। हालांकि विज्ञापन को दक्षिणपंथी लोगों के विरोध को सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद आखिरकार कंपनी ने विज्ञापन वापस ले लिया।

पोस्ट में दो तस्वीरों का एक सेट शामिल है – एक तस्वीर में शाही इमाम अहमद बुख़ारी हैं जबकि दूसरे में तनिष्क विज्ञापन से लिया गया एक स्क्रीनशॉट है।

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पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है "हाहाहा –सेक्युलर लिब्रांड्स कहाँ हैं। जामा_मस्जिद # तनिष्क के खिलाफ # फ़तवा जारी करेगा, क्योंकि उन्होंने 'गोद भराई' परंपरा दिखाई थी जो कि हिंदू संस्कृति है, मुसलमानों में इस तरह की परंपराएँ नहीं हैं। तनिष्क चुपचाप संस्कृति, परंपराओं और इस्लाम धर्म को नुकसान पहुंचा रहा है।"

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें 

यह पोस्ट फ़ेसबुक के साथ-साथ ट्विटर पर भी बहुत वायरल है।


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फ़ैक्ट चेक 

बूम ने जामा मस्जिद द्वारा तनिष्क के ख़िलाफ़ जारी किए गए या जारी होने वाले फ़तवे से जुड़ी ख़बर खोजी लेकिन ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली।

हमने दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुख़ारी से संपर्क किया तो उन्होंने इस वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया।

अहमद बुख़ारी ने बूम को बताया, "आप जानते हैं कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल ऐसी अफ़वाहों को फैलाने के लिए किया जाता है। फ़तवे का कोई सवाल ही नहीं है। सोशल मीडिया अफ़वाहें और उपद्रव फैलाने के अलावा और क्या करता है।"

हमें सैयद शाबान बुख़ारी, नायब शाही इमाम, जामा मस्जिद के वेरीफ़ाइड फ़ेसबुक पेज पर एक पोस्ट भी मिला, जिसे फ़तवे के बारे में फ़र्ज़ी अफ़वाह शुरू होने से कई दिन पहले 14 अक्टूबर को पोस्ट किया गया था।

नायब शाही इमाम ने तनिष्क द्वारा आधिकारिक तौर पर विज्ञापन वापस लेने के एक दिन बाद विज्ञापन शेयर करते हुए लिखा कि "मुझे यह विज्ञापन बेहद सुंदर लगता है। विभाजन कुछ अतिवादियों के दिमाग में है। हम #मुस्लिम होने के बावजूद 'वास्तव में' हमारे अच्छे #हिन्दू दोस्त हैं और हम सभी एक-दूसरे से प्यार करते हैं और हां जब आप सुरक्षा के बारे में बात करते हैं, तो हमारे घरों में # हिंदू सुपर सुरक्षित होते हैं। प्यार फ़ैलाने के लिए तनिष्क ने बहुत अच्छा काम किया।"

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