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फैक्ट चेक

भारत सरकार की कोविड-19 के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया की प्रशंसा में अमेरिकी सी.इ.ओ ने बनाया यह मैप?

सोशल मीडिया पर इस मैप - मानचित्र - को हाल ही का बताया जा रहा है, जबकि हमनें पता लगाया की यह 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है|

By - Archis Chowdhury | 20 April 2020 7:40 AM GMT

इस मैप को सोशल मीडिया पर फ़ैलाया जा रहा है जिसमें भारत के हर राज्य की दूसरे देशो से आबादी के आधार पर तुलना की जा रही है | मैप को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है की किस तरह एक अमेरिकी सी.इ.ओ यह बता रहा है की भारत अपनी बड़ी आबादी के चलते कोविड-19 से कई देशों के बराबर लड़ रहा है | यह दावा पूरी तरह फ़र्ज़ी है क्योंकि इस मैप का कोविड-19 से कोई सम्बन्ध नहीं है और यह इंटरनेट पर 2016 से मौजूद है - यानी अब से तीन वर्ष पूर्व|

इस मैप को बूम की व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन पर एक अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ भेजा गया जिसका हिंदी में अनुवाद इस तरह है :

"इस भारत के मैप को एक अमेरिकी CEO ने नया स्वरूप दिया जिसमें उन्होंने भारतीय राज्यों की जनसंख्या को दर्शाया है जो की लगभग कुछ देशों की जनसंख्या के बराबर है | उन्होंने अपने कर्मचारियों को यह समझाने की कोशिश की की भारत अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 को कई देशों के बराबर संभाल रहा है | यह परिस्तिथि समस्या से लड़ने के कुशल प्रबंधन को दर्शाती है | उन्होंने मोदी जी की प्रशंसा इस अनोखे अंदाज़ में की | पूरा विश्व मोदी जी के प्रयासों की प्रशंसा कर रहा है लेकिन घर के कुछ देशद्रोही और गुलाम अब भी मोदी जी की आलोचना भारत में कोविड-19 से लड़ने के ख़राब प्रबंधन का हवाला देकर कर रहे है |"


मैप में देखा जा सकता है की राज्यों के नामो की जगह दूसरे देशों के नाम लिखे गए है |

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हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर कीवर्ड्स सर्च करने पर मालूम हुआ की यह तस्वीर दोनों जगहों पर वायरल हुई है|

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राम माधव ने भी इसी प्रकार के कैप्शन के साथ तस्वीर को शेयर किया |

बूम ने यह भी देखा की इस मैप को मिलते-जुलते कैप्शन के साथ कई बार शेयर किया गया लेकिन उनमें कही भी कोविड-19 का ज़िक्र नहीं किया गया |

हिंदी पोस्ट में इस मैप को यह बताते हुए फैलाया गया की यह एक एन.आर.आई द्वारा बनाया गया है जो अमेरिकी कम्पनी का सी.इ.ओ भी है | इस कैप्शन से यह भी दर्शाने की कोशिश की गयी है की इतने बड़े देश को जिसकी जनसंख्या कई देशों के बराबर है उसे संभालने में कितनी चुनौतियों होती है |

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फ़ैक्ट चेक

हमें कई कीवर्ड्स सर्च करने पर भी ऐसे कोई विश्वसनीय न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें इस मैप को किसी अमेरिकी कम्पनी के सी.इ.ओ द्वारा बनाया हुआ बताया गया हो | लेकिन रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इस तरह की कई पोस्ट मिली जो की साल 2016 की थी जिनमें से एक में इस मैप की तस्वीर भी थी |

हमें मिलने वाली सबसे पुरानी पोस्ट अमित रंजन नाम की ट्विटर प्रोफाइल से मिली जो अपने आप को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय से बताते है | उनकी पोस्ट का हिंदी अनुवाद इस तरह है : ' सोचने पे मज़बूर करे --> भारतीय राज्यों की दूसरे देशों से सामान जनसंख्या के आधार पर की गयी रचना |"

इस पोस्ट में कहीं भी एन.आर.आई या अमेरिकी सी.इ.ओ का उल्लेख नहीं है | कुछ ही दिनों बाद, इस मैप को एरिक सोल्हेम द्वारा भी शेयर किया गया जो नॉर्वे के भारत में राजदूत रह चुके है| हालांकि उन्होंने भी मैप का रचियता कौन है इस बारे में कुछ नहीं कहा |

जैसे जैसे यह मैप वायरल हुआ है उसमें साल दर साल 'अमेरिकी सी.इ.ओ', 'एन.आर.आई' जैसे शब्द जुड़ते चले गए |

अप्रैल, 2020 में जब यह मैप वायरल हुआ तो इस बार शब्दों की इस श्रंखला में 'कोविड-19' जुड़ गया |

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