पिछले कुछ महीनों से दिल्ली से जुड़ी पंजाब और हरियाणा की सीमाएं किसान आंदोलन के कारण भीड़ से जकड़ी हुई हैं | यह भीड़ दिल्ली चलो मार्च के कारण और भी ज़्यादा बढ़ी है | इसी के चलते सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल फ़र्ज़ी दावे के साथ यह बताने के लिए किया जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली - करनाल रोड पर 80 किलो मीटर लम्बा जाम लगा है |
बूम ने पाया कि यह ग्रिडलॉक ट्रैफ़िक जाम 2019 में लगा था | इसका कारण था दिल्ली पुलिस को मिले कुछ इनपुट जिसमें उन्हें जामिया मिल्लिया इस्लामिया का समर्थन करने मेवात से आ रहे एक समूह कि सूचना मिली थी | परिणामस्वरूप पुलिस ने गुरुग्राम से राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाली एक सड़क पर बेरिकेड्स लगा दिए और जाम लग गया |
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नेटिज़ेंस अलग अलग दावों के साथ इस तस्वीर को वर्तमान से जोड़ रहे हैं | एक दावा कुछ यूँ है: "मोदी सरकार की किसान विरोधी मानसिकता और अपने गलत कृत्य पर अड़े रहने हठधर्मिता की वजह से आज दिल्ली जाम हो गई है दोस्तों किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली में 80 किलोमीटर लंबा लग गया है जाम"
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनका आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें |
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कर के देखा | हमें यही तस्वीर न्यूज़18 द्वारा बनाई गयी एक फ़ोटो गैलेरी में मिली जो पिछले साल गुरुग्राम-दिल्ली हाईवे पर लगे जाम पर बनाई गयी थी |
इस ट्रैफ़िक जाम पर आउटलुक ने भी एक आर्टिकल लिखा था जो सोशल मीडिया पर मचे हंगामे के बारे में था |
लेख के मुताबिक़, "गुरुवार को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर और दिल्ली-एनसीआर में अन्य जगहों पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम के मद्देनजर, ट्विटर यूज़र्स ने ट्रैफ़िक ग्रिडलॉक की क्लिपिंग और तस्वीरें पोस्ट कीं और अपनी नाराजगी व्यक्त की।"
हमनें वायरल तस्वीर और वास्तविक तस्वीर की तुलना की और दोनों को समान पाया ।
इस ट्रैफ़िक जाम के बाद गुरुग्राम पुलिस ने फ़ेसबुक पर 'अफ़सोस' जताते हुए एक पोस्ट की थी | इस पोस्ट में लिखा है: "गुरुग्राम की विभिन्न सड़कों पर आज यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने गहरा खेद व्यक्त किया। दिल्ली की कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण दिल्ली की सीमाओं को सील करने के संबंध में दिल्ली पुलिस ने सुबह 8:05 बजे हमें सचेत किया। चूंकि पूर्व अलर्ट की योजना बनाने और जारी करने का कोई समय नहीं था, हमारी टीम स्थिति को संभालने के लिए तुरंत विभिन्न दिल्ली सीमाओं की ओर रवाना हो गई। अधिक जानकारी जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क स्थापित किया गया था। विविधता संभव नहीं थी क्योंकि फंसे हुए वाहनों को खाली करने के बजाए अन्य विकल्प मौजूद नहीं थे क्योंकि उस भाग में यू-टर्न की उपलब्धता के सभी एंट्री पॉइंट उपलब्ध नहीं थे। हालाँकि हमारी टीमों ने यातायात को साफ़ करने के लिए दिन भर अथक परिश्रम किया, फिर भी यात्रियों का कीमती समय पारगमन में खो गया।"