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फैक्ट चेक

होशियारपुर में स्वामी पुष्पेंद्र स्वरुप पर हुए हमले को सोशल मीडिया पर दिया गया सांप्रदायिक कोण

वायरल हुए पोस्ट में दावा किया गया है की यह हमला पालघर लिंचिंग से प्रेरित था। बूम ने होशियारपुर पुलिस से सम्पर्क कर पता लगया इसमें कोई साम्प्रदायिक कोण शामिल नहीं है।

By - Sumit | 30 April 2020 9:47 AM GMT

पंजाब के होशियारपुर में एक संत पर हुए हमले को साम्प्रदायिक और राजनैतिक मोड़ दिया जा रहा है। संत स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप का होशियारपुर के एक अस्पताल में इलाज दिखाता हुआ एक वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल हुआ है| इसके साथ का कैप्शन हिंदी में कहता है की मुसलामानों ने 'पालघर - स्टाइल' में इस हमले का नेतृत्व किया है। यह दावे फ़र्ज़ी हैं|

बूम ने होशियारपुर पुलिस से सम्पर्क किया और पता लगाया की यह घटना चोरी की थी| हालांकि, हमला करने वालों का पकड़ा जाना अभी बाक़ी है। पुलिस ने इसमें किसी भी साम्प्रदायिक कोण होने की बात से इंकार भी किया। इसके अलावा, वीडियो में दिख रहे संत ने भी रिकॉर्ड किए हुए एक मेसेज में इस घटना में किसी भी प्रकार का राजनैतिक कोण होने से इंकार किया है।

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हाल में, महाराष्ट्र के पालघर में तीन लोगों पर चोर और अपहरणकर्ता होने के संदेह में हमला हुआ| उनमें से एक 70 साल के वृद्ध साधु थे। हमले के कुछ दिन पूर्व ही, पालघर के आस पड़ोस के गांवों में व्हाट्सएप्प पर अफ़वाहें फ़ैल रही थी की चोर एवं बच्चों का अपहरण करने वाले रात को आते हैं। लिंच हुए तीनों में से दो हिंदू साधु थे। इस घटना के पश्चात कई परेशान कर देने वाले वीडियो सामने आए और सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसको साम्प्रदायिक रूप देने का प्रयत्न किया।

इस दो मिनट लम्बे वीडियो में केसरी रंग के कपड़े पहने हुए व्यक्ति के चोटों का इलाज होता नज़र आता है। इस बीच वह अस्पताल के कर्मचारियों को घटना के बारे में भी बताते हुए नज़र आते हैं। इस वीडियो के साथ का हिंदी कैप्शन कहता है "पालघर की तर्ज पर पंजाब के होशियार पुर में संत पुष्पेंद्र स्वरूप जी महाराज पर शांतिदूतों ने हमला किया है, जब वो घर पर बेटे के साथ थे!! आखिर ये साधु संत की हत्या कांग्रेस शासित राज्यो में ही क्यों हो रही है?"

पालघर लिंचिंग पर बूम की रिपोर्ट यहाँ पढ़ें|

इसका वीडियो नीचे देखिये या आर्काइव वर्जन यहाँ देखें

Full View

इसी वीडियो को फ़ेसबुक पर इन झूठे दावों के साथ कई प्रोफ़ाइल्ज़ ने शेयर किया है।



ऐसे समय में, जब देश कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहा है और मुसलमान समुदाय को लेकर देश में कई ग़लत एवं फ़र्ज़ी दावे सामने आ रहे हैं, इस मेसेज को साम्प्रदायिक और राजनैतिक कोण दिया जा रहा है।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने होशियारपुर पुलिस से और जानकारी प्राप्त करने हेतु सम्पर्क किया। पुलिस कर्मचारियों ने हमें बताया की मामले की जांच अभी जारी है।

पुलिस कर्मचारी ने कहा "दो आदमी संत को लूटकर भाग गए। इसी बीच उन्होंने संत पर चाकुओं से हमला किया। चोरों का पकड़ा जाना अभी बाक़ी है।" जब बूम ने उनसे इस घटना के आस पास बुने जा रहे साम्प्रदायिक कोण के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ़ कह दिया कि इसमें कोई भी 'हिंदू - मुसलमान' से जुड़ा कोण नहीं है।

पंजाब पुलिस के वेरिफ़ाइड ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया गया जिसमें घायल हुए संत ने इस हमले के बारे में बताया।

वीडियो में संत कहते हैं 'मेरा नाम स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप है। जैसा कि आप सब जानते हैं, कुछ दिन पहले मुझ पर हमला हुआ। यह हमला कुछ नशे के आदि लूटेरों ने किया। मुझ पर उन्होंने हमला किया क्यूँकि मैंने लड़ने की कोशिश की और उनका मास्क हटाने का प्रयास किया। उनका मुझ पर हमले करना स्वाभाविक ही था। मुक्कों से भी मारा मारी हुई। किंतु इस हमले का राजनीति से कोई सम्बंध नहीं है क्यूँकि इसमें राजनैतिक कोण आ ही नहीं सकता। वे दोनो लड़के थे और पैसे माँग रहे थे। उन्होंने पैसे चुराए और भाग गए। पुलिस ने मुझे काफ़ी सहयोग दिया है। वे इस केस की अच्छे से छानबीन कर रहे हैं - मैं संतुष्ट हूँ। मैं आपसे शांती रखने की एवं पुलिस का सहयोग करने की माँग करता हूँ।

पंजाब एवं होशियारपुर की पुलिस ने अपने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके लोगों से अफ़वाहें ना फैलाने की माँग की है। स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप का मेसेज यहाँ देखिए|

पंजाब पुलिस ने होशियारपुर पुलिस के ट्वीट को क्वोट भी किया।


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