Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025-icon
    बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • यह ख़ुदकुशी की पुरानी तस्वीर है...
फैक्ट चेक

यह ख़ुदकुशी की पुरानी तस्वीर है जिसे लॉकडाउन से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

बूम ने पाया की यह घटना जून 2018 में महाराष्ट्र के वर्धा में हुई थी| उस वक़्त परिवार ने क़र्ज़ के कारण आत्महत्या की थी|

By - BOOM FACT Check Team |
Published -  29 April 2020 7:37 PM IST
  • यह ख़ुदकुशी की पुरानी तस्वीर है जिसे लॉकडाउन से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

    परेशान कर देने वाली इस वायरल तस्वीर में एक जोड़ा और छोटे बच्चे को पेड़ से लटकते देखा जा सकता है, यह असल में नागपुर के पास वर्धा का मामला है| हाल ही में इसे सूरत, गुजरात के एक प्रवासी कर्मचारी के परिवार की ख़ुदकुशी का बताया जा रहा है |

    यह तस्वीर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन से जोड़कर वायरल किया जा रही है |

    हज़ारों की संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार और ओड़िशा से आए सूरत में काम कर रहे कई प्रवासी कर्मचारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जारी लॉकडाउन के चलते पंडोल इंडस्ट्रियल इलाके में फ़से हुए हैं|

    यह भी पढ़ें: अफ़वाहों के चलते पालघर में भीड़ ने की तीन लोगों की हत्या

    यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में हिन्दुओं को खाद्य पदार्थ की मनाही का वीडियो भारत का बता कर किया गया वायरल

    तस्वीर फ़ेसबुक पर इस दावे के साथ शेयर की जा रहा है कि यह परिवार सूरत से अपने घर की तरफ रवाना हो रहा था जहाँ परिवार ने भूख के कारण ख़ुदकुशी कर ली |

    तस्वीर में लिखा कैप्शन इस तरह है: "सुरत से आ रहें थे पैदल भुख बरदाश्त नहीं हुई तो सुसाइड कर ली. कोरोना मिडिया अगर मरकज़ निजामुद्दीन से फुरसत मिल गई हो तो जरा अपनी न्युज में उसको जगह दे" (Sic)

    यह तस्वीर मिलते-जुलते प्रकरण के साथ अन्य तरीकों से भी वायरल हुई जिसमें इसे मौजूदा लॉकडाउन में हुई घटना के तौर पर पेश किया गया | इस पोस्ट का कैप्शन इस प्रकार है: "दीप- मोमबत्ती- जला कर आप क्या करना चाहते हो ? कभी देश इन गरीब मजदूर के बारे मे भी सोच लिया किजीये माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी। जो कोरोना लॉकडाउन में भुखमरी से आत्म हत्या कर रहें है? इस मासूम की गलती क्या?"

    देश के कई शहरों से हज़ारों प्रवासी कर्मचारियों ने अपने घर जाने का सफ़र तब शुरू किया जब सरकार ने मार्च 24 को राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन की घोषणा की और साथ ही लोगों की आवाजाही पर संपूर्ण रोक का एलान किया| दूसरे चरण का लॉकडाउन 3 मई को खुलने कि सम्भावना है|

    यह भी पढ़ें: कैंसर उपचार केन्द्र से एक शिशु की तस्वीर कोविड-19 कोण के साथ वायरल

    बूम ने इस लेख में विचलित कर देने वाली इस तस्वीर को नहीं रखने का फ़ैसला किया है| हालाँकि विवेक का इस्तेमाल कर ट्वीट को यहाँ देख सकते है | फ़ेसबुक पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहाँ देखें |

    इस तस्वीर को बड़े पैमाने में फ़ेसबुक पर शेयर किया गया है |

    कांग्रेस पार्टी की नेता अलका लाम्बा ने भी इस तस्वीर को वायरल प्रसंग के साथ ही ट्वीट किया |

    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया की यह तस्वीर वर्धा, महाराष्ट्र में 2018 हुए आत्मा हत्या की घटना से है | इससे जुड़े कीवर्ड सर्च से हमें यह मालूम हुआ की यही तस्वीर नागपुर टुडे के जून 13, 2018 को प्रकाशित हुए लेख में भी छपी थी|

    लेख के अनुसार यह घटना महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले की है जहाँ तीन लोगों के परिवार ने सामूहिक आत्महत्या की जिसका कारण परिवार कि आर्थिक समस्याओं को बताया गया|

    यह भी पढ़ें: लॉकडाउन के दौरान मेन्टल हेल्थ का ख्याल रखें, मानसिक समस्याओं को ना करें नज़रअंदाज़

    हादसे में परिवार के मरने वाले सदस्यों की शिनाख़्त अनिल वानखेड़े, उनकी पत्नी स्वाति और उनकी बेटी आस्था के तौर पर हुई | प्रारंभिक जांच में यह सामने आया की परिवार ने आत्महत्या कर्ज़ को चुकता ना कर पाने की वजह से की| इस रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट नीचे देखें|




    Tags

    Fake NewsLockdownCOVID-19Migrant laboursFact CheckCoronavirusindia lockdowncovid-19 indiaफ़ेक न्यूज़
    Read Full Article
    Claim :   वायरल तस्वीर का दावा की प्रवासी परिवार ने लॉकडाउन के चलते भूख के कारण ख़ुदकुशी की
    Claimed By :  Social media
    Fact Check :  False
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!