फ़र्ज़ी: कर्नूल विधायक हाफ़ीज़ खान ने नर्स को एक मौलवी से माफ़ी मांगने पर किया मजबूर
बूम ने पता लगाया की फ़ोटो में नज़र आ रहे आदमी का पैर चोटिल था| यह नर्स उसका इलाज़ कर रही थी।
फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावे के साथ एक नर्स का पेशेंट के पैर का घाव देखते समय का फ़ोटो वायरल हो रहा है| यह तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है की पेशेंट को लेकर अपने अपमानजनक वाक्यों के लिए नर्स को मजबूरन उनसे माफ़ी माँगनी पड़ी।
वायरल हुआ फ़ोटो कर्नूल, आंध्र प्रदेश के एक क्वॉरंटीन सेंटर का है, जिसमें एक नर्स एक व्यक्ति के पैर को छूती नज़र आती है। इस फ़ोटो के साथ साझा हुआ कैप्शन कहता है कि लेजिस्लेटिव असेम्ब्ली के सदस्य हाफ़ीज खान, जो फ़ोटो में सफ़ेद शर्ट में हैं, उन्होंने नर्स को मौलवी के पैर छूकर माफ़ी माँगने का आदेश दिया था।
यह वायरल फ़ोटो झूठे दावों के साथ शेयर किया जा रहा है, (हिंदी अनुवाद) "आंध्र प्रदेश के कर्नूल मेडिकल कॉलेज में, लोकल विधायक हाफ़ीज खान ने एक नर्स को एक मौलवी के पैर छूकर माफ़ी माँगने पर मजबूर किया। कारण यह की नर्स अपने सहयोगियों से कह रही थी, अगर ये लोग जो मार्काज़ जाते हैं, अगर वे ख़ुद क्वारंटाइन पर गए होते, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।"
कैप्शन को फ़ेसबुक पर सर्च कर हमें पता लगा की यह फ़ोटो ग़लत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने कर्नूल विधायक हाफ़ीज खान से सम्पर्क किया जिन्होंने बताया की फ़ोटो उनके एक इन्स्पेक्शन दौरे की है जब वह कर्नूल के रायलसीमा यूनिवर्सिटी क्वॉरंटीन सेंटर गए थे। उन्होंने समझाया कि दौरे के दौरान, उनको एक नर्स दिखी जो एक पेशेंट की देख रेख कर रही थी, जिसके पैर में चोट लगी थी।
बूम से बात करते हुए खान ने कहा (हिंदी अनुवाद) "मैं क़रीब एक महीने पहले उस क्वॉरंटीन सेंटर गया था और वहाँ मैंने एक पेशेंट के पैर से ख़ून बहता हुआ देखा। एक नर्स उसके पैर के घाव की देख भाल ही कर रही थी। जब यह फ़ोटो खींचा गया था, मैं उस नर्स से पूछ रहा था यदि हमें इस पेशेंट को मेरी गाड़ी में अस्पताल ले जाना चाहिए।" नर्स ने मना करते हुए कहा की एक ऐम्ब्युलन्स पेशेंट को लेने आ रही है। वह एक डाइबीटीज़ पेशंट था और इस फ़ोटो के पश्चात उसे अस्पताल ले जाया गया था।"
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हमें खान द्वारा शेयर की गई एक फ़ेसबुक पोस्ट भी मिली जहाँ उन्होंने इन दावों को बकवास बताते हुए ग़लत कहा है। अपनी पोस्ट में खान ने कहा है कि "क्वॉरंटीन के समय एक वृद्ध व्यक्ति को चोट लग गयी थी इसीलिए नर्स उनका फ़र्स्ट एड कर रही थी।"
खान ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो भी शेयर किया है| इसमें एक व्यक्ति बैठा हुआ नज़र आता है। उसके पैर पर ख़ून के निशानो से भरी पट्टियाँ भी दिखायी देती है। वायरल हुए फ़ोटो में दिख रहे वृद्ध व्यक्ति के कपड़े, इस वीडियो में दिख रहे आदमी के कपड़ों से मेल खाते हैं - अर्थात यह एक ही व्यक्ति है।
दोनों की तुलना करने पर वायरल फ़ोटो में व्यक्ति के पैर पर ख़ून नज़र आता है और नीचे की ज़मीन गीली नज़र आती है। वीडियो एवं फ़ोटो, दोनो में ही, वृद्ध व्यक्ति की शारीरिक विशेषताएँ और कपड़े मेल खाते हैं जो इस बात की पुष्टि करता है की दोनो एक ही इंसान हैं।
कर्नूल पुलिस ने भी 23 अप्रैल 2020 को बयान जारी किया जिसमें उन्होंने इन साम्प्रदायिक दावों को झूठा बताया। पुलिस ने अपने बयान में साफ़ कहा की वह व्यक्ति एक डाइबीटीज़ पेशेंट था और कमज़ोर आँखें होने के कारण ग़लती से अपने पैर को बिल्डिंग के गेट से चोटिल कर चूका था। ख़ून काफ़ी बह रहा था और वहाँ की एक नर्स, सरस्वती, उनके घाँव को साफ़ कर पट्टी लगा रही थी। इसलिए ऐम्ब्युलन्स बुलाकर व्यक्ति को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था।( तेलुगु से हिंदी में अनुवाद )
खान ने उस नर्स का भी एक वीडियो फ़ेसबुक पर अपलोड किया जिसमें वह पूरी घटना समझाती हैं। वह कहती हैं की वह केवल पेशेंट के घाव का इलाज कर रही थी।
यह वायरल फ़ोटो भारतीय मुसलमानों को जानबूझकर कोरोनावायरस फ़ैलाने के लिए निशाना बना रहे सोशल मीडिया पोस्ट्स में एक नई कड़ी है। इसकी शुरुआत तब हुई जब एक इस्लामी संप्रदाय - तबलिग़ी जमात के कई सदस्य कोरोनावायरस पॉज़िटिव टेस्ट हुए और कई राज्यों में अचानक संकर्मित लोगों की संख्या बढ़ाने का कारण बने।
इस रिपोर्ट के लिखने तक आंध्र प्रदेश में 1,332 पॉज़िटिव केस एवं 31 की मृत्यु हो चुकी हैं।
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