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फैक्ट चेक

क्या गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों ने पत्रकार अजीत अंजुम के साथ मारपीट की?

हमने अजीत अंजुम से बात कर के इस वायरल वीडियो की सच्चाई का पता लगाया। पढ़िए बूम की ये रिपोर्ट

By - Mohammad Salman | 24 Dec 2020 7:57 AM GMT

दिल्ली-यूपी (Delhi-UP) बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन में अमर उजाला के एक फ़ोटोग्राफ़र और कुछ युवा किसानों के बीच हाथापाई का एक वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि किसानों ने पत्रकार अजीत अंजुम (Ajit Anjum) के साथ धक्कामुक्की और बदसलूकी की।

बूम ने अजीत अंजुम से संपर्क किया और उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि अमर उजाला के फ़ोटोग्राफ़र के साथ धक्कामुक्की की घटना के समय वे वहां पर मौजूद थे, और झगड़े में बीचबचाव किया। उनके साथ मारपीट की यह घटना नहीं हुई।

क़रीब 13 सेकंड की इस क्लिप में देखा जा सकता है कि भीड़ में घिरे युवक के साथ कुछ लोग हाथापाई कर रहे हैं। वीडियो क्लिप में 8 सेकंड के टाइमस्टैम्प पर अजीत अंजुम को बीचबचाव करते हुए भी देखा जा सकता है। इस बीच एक युवक भीड़ से दूसरे व्यक्ति को अलग करता है।

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ट्विटर पर सुदर्शन टीवी के प्रमुख संवाददाता गौरव मिश्रा ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि "अजीत अंजुम को किसानों ने धोया एक्सक्लुसिव तस्वीरें देखिये इस क्रांतिकारी पत्रकार के स्वागत की..."

आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।

वीडियो क्लिप सोशल मीडिया साईट फ़ेसबुक और ट्विटर पर सामान दावे के साथ बड़े पैमाने पर वायरल है।

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आर्काइव यहां देखें।

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फ़ैक्ट चेक

बूम को वायरल क्लिप की सत्यता की जांच के दौरान अजीत अंजुम का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा कि "कुछ लोग गलत जानकारी के साथ ये वीडियो वायरल कर रहे हैं। किसी फोटोग्राफर के साथ किसी बात पर कुछ लड़कों की बहस हुई। फिर झगड़े जैसी नौबत देख मैं और मेरे जैसे कई लोग भागकर बीच बचाव करने पहुंचे। उसी वक़्त का यह वीडियो है।"

उन्होंने यह ट्वीट एक ट्विटर यूज़र अबुज़र कमालउद्दीन के ट्वीट को क्वोट ट्वीट करते हुए लिखा था।

हालांकि कमालुद्दीन ने इस ट्वीट को बाद में डिलीट कर दिया था।

हमने अबुज़र कमालउद्दीन से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि "यह वीडियो फ़ेसबुक से डाउनलोड की थी, फिर उसे ट्विटर पर पोस्ट किया था। अजीत अंजुम ने उनके इस ट्वीट को क्वोट ट्वीट करते हुए घटना के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद मैंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया।"

बाद में अबुज़र ने अजीत अंजुम से बातचीत का एक स्क्रीनशॉट भी ट्वीट किया, जिसमें अजीत अंजुम ने असल घटना का ज़िक्र किया है।

टाइम्स नाउ में बतौर जूनियर रिपोर्टर कार्यरत अबुज़र ने हमें बताया कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर अमर उजाला के एक फ़ोटोग्राफ़र और कुछ युवा किसानों के बीच तस्वीर खींचने को लेकर कहासुनी हो गयी थी।

इसके बाद उसके साथ हाथापाई भी हुई, इस दौरान अजीत अंजुम ने मौक़े पर पहुंचकर बीचबचाव करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि उनका ट्वीट ग़लत कारणों से शेयर होने की वजह से उसे डिलीट करना पड़ा। अबुज़र ने हमें वो फ़ेसबुक पोस्ट भी भेजा, जहां से उन्होंने वीडियो डाउनलोड की थी।

हमें प्रशांत त्रिपाठी के फ़ेसबुक पोस्ट में वही वीडियो क्लिप, जो वायरल है, मिला। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा कि "किसान प्रदर्शन कवर करने वाले एक पत्रकार के साथ मारपीट।" इसमें कहीं भी अजीत अंजुम का ज़िक्र नहीं किया गया।

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हमने वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया।

उन्होंने बताया कि "हाथापाई और बदसलूकी की घटना मेरे साथ नहीं बल्कि अमर उजाला के फ़ोटोग्राफ़र से हुई थी। प्रदर्शनकारी किसानों और फ़ोटोग्राफ़र के बीच कुछ कहासुनी हुई थी। किसानों में से किसी ने तस्वीर खींचने की वजह और अपना आईडी कार्ड दिखाने के लिए कहा था तो उसने इनकार कर दिया था। मैं पास में ही अपनी टीम के साथ वीडियो शूट कर रहा था, तभी मेरे पीछे एक शोर के साथ भीड़ इकट्ठा हुई दिखी। मैं कुछ स्थानीय किसानों के साथ वहां गया और बीचबचाव किया।"

अजीत अंजुम के साथ किसानों की बदसलूकी और मारपीट के दावे के साथ वायरल क्लिप के जवाब में उन्होंने पूरे घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए अपने यूट्यूब चैनल एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें अमर उजाला के फ़ोटोग्राफ़र के साथ हाथापाई की घटना को विस्तार से बताया है।

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बूम ने हाथापाई का शिकार अमर उजाला के फ़ोटोग्राफ़र कुमार संजय से संपर्क किया। संजय ने बताया कि 'कुछ लड़कों ने मेरे तस्वीर खींचने पर आपत्ति जताई और मेरी आईडी मांग रहे थे'। लड़कों ने उनसे बदतमीज़ी की, जिसकी शिकायत उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत से भी की। राकेश टिकैत ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले पर वे संज्ञान लेंगे।

अजीत अंजुम के साथ हाथापाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने साफ़ किया कि अजीत अंजुम उन्हें बचाने आये थे।

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