क्या किसानों ने धरना स्थल पर एक भाजपा नेता की पिटाई कर दी?
दावा है कि किसानो ने भाजपा नेता उमेश सिंह को इसलिए पीटा क्यूंकि उन्होंने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे
एक व्यक्ति की पिटाई दिखाता वीडियो सोशल मीडिया पर ज़ोरों से वायरल हो रहा है | कुछ लोग उसपर हाथ छोड़ रहे हैं और एक पुलिसकर्मी उसे भीड़ से दूर ले जा रहा है | इसके साथ एक फ़र्ज़ी दावा किया जा रहा है कि पिट रहा व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा (BJP) के नेता (neta) उमेश सिंह हैं जो किसान आंदोलन (Kisan Andolan) में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' (Pakistan Zindabad) के नारे लगा रहे थे एवं परिणामस्वरूप उन्हें किसानों ने पीट दिया |
बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि ना तो इस घटना में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगे और ना ही यह पिट रहा व्यक्ति भाजपा के उमेश सिंह (Umesh Singh) हैं | इस शख़्स का नाम अरुण कुमार (Arun Kumar) है जो कुंडली, ग़ाज़ीपुर, दिल्ली (Delhi) में एक सिक्योरिटी एजेंसी चलता है |
पुरानी तस्वीर कांग्रेस द्वारा तोड़फोड़ के फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है जिसमें लिखा है: "किसान आंदोलन में शामिल होकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते भाजपा नेता उमेश सिंह को किसानों ने पकड़कर जूतों से मारा... किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश |"
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां, यहां और यहां देखें |
पुरानी तस्वीर कांग्रेस द्वारा तोड़फोड़ के फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल
सेना ने ख़ारिज़ किया किसान आंदोलन में ट्रुप्स भेजने वाला दावा
फ़ैक्ट चेक
बूम ने देखा कि वायरल वीडियो पर 'भारत समाचार' लिखा हुआ है | इसी चैनल के ट्विटर हैंडल पर हमें वायरल वीडियो मिला जिसमें उस व्यक्ति का नाम "अरुण" बताया गया था जिसे भीड़ पीट रही है | इसके अलावा वीडियो के साथ कैप्शन में कहीं भी भाजपा के नेता उमेश सिंह का उल्लेख नहीं है | इस वीडियो में कहीं भी 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' नारा भी सुनाई नहीं दे रहा है |
इसके बाद हमनें भारत समाचार के पत्रकार लोकेश राय से संपर्क किया | यह उनकी ही स्टोरी थी | उन्होंने कहा, "वीडियो में पुलिसकर्मी जिस व्यक्ति को ले जा रहा है उसका नाम अरुण कुमार है जो कुंडली, ग़ाज़ीपुर, दिल्ली में वैशाली सिक्योरिटी एन्टेर्प्रिसेज़ नामक एक फर्म का मालिक है | वहां ना ही पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगे और ना ही यह शख़्स भारतीय जनता पार्टी के नेता उमेश सिंह हैं |"
लोकेश ने यह भी बताया कि घटना खोड़ा थाने के अंतर्गत हुई थी । इसके बाद हमनें खोड़ा के स्टेशन हाउस अफसर मोहम्मद असलम से संपर्क किया ।
उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति किसी राजनैतिक दल से नहीं जुड़ा है । उन्होंने कहा कि घटना 14 दिसंबर 2020 की शाम को हुई थी । उन्होंने शख़्स का नाम अरुण कुमार बताया और कहा कि वह सहारनपुर के निवासी हैं जो किसानों के समर्थन में वहां आया था ।
नहीं, तस्वीर में पीएम मोदी अडानी की पत्नी को झुककर प्रणाम नहीं कर रहे
असलम ने कहा, "वहां पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगे हैं, यह दावा फ़र्ज़ी है | और ना ही वहां भाजपा के नेता उमेश सिंह को मारा गया है |"
उन्होंने कहा कि अरुण कुमार एक स्थानीय चैनल के रिपोर्टर से बात कर रहा था तभी रिपब्लिक भारत के रिपोर्टर से उनकी कहा सुनी हो गयी | आस पास के किसान परेशान हो गया क्योंकि वह प्रदर्शन ख़राब कर रहा था | रिपब्लिक भारत के रिपोर्टर्स ने वहां खड़े पुलिसकर्मियों को बुलाया जो उसे वहां से दूर लेगये | क्योंकि कोई एफ़.आई.आर नहीं दाखिल हुई थी तो हमनें उससे जाने दिया |
हमनें उमेश सिंह नाम से भाजपा में किसी नेता की तलाश की पर मायनेता वेबसाइट पर इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं है जो भाजपा में नेता हो |
यह पुष्टि करने के लिए कि अरुण कुमार नामक कोई व्यक्ति भाजपा में है या नहीं, हमनें इसी वेबसाइट पर देखा और पाया कि हिमाचल प्रदेश में एक अरुण कुमार हैं जो भाजपा के नेता हैं |
असलम ने यह भी पुष्टि की कि अरुण कुमार वास्तव में सहारनपुर का निवासी है और उसकी दिल्ली के कुंडली में वैशाली सिक्योरिटी फर्म नामक कंपनी है |
इस वीडियो में भारतीय किसान यूनियन के लीडर राकेश टिकैत भी नज़र आ रहे हैं । बूम ने वीडियो का संदर्भ जानने के लिये टिकैत से संपर्क किया है । जवाब मिलने पर लेख को अपडेट किया जाएगा ।
भारतीय तिरंगे का अपमान करते ये प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन में नहीं हैं