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फैक्ट चेक

शरजील इमाम की रिहाई की मांग करता यह बैनर किसान आंदोलन का नहीं है

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन से संबंध नहीं रखती, बल्कि केरल में फ़रवरी 2020 में हुए एक एंटी सीएए प्रदर्शन की है।

By - Mohammad Salman |
Published -  19 Dec 2020 7:40 PM IST
  • शरजील इमाम की रिहाई की मांग करता यह बैनर किसान आंदोलन का नहीं है

    केंद्र सरकार के नये कृषि क़ानून (Agriculture Bills) के ख़िलाफ़ दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर आन्दोलनरत किसानों के प्रदर्शन से जोड़कर एक तस्वीर फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर की जा रही है। शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की रिहाई की मांग करने वाले बैनर पकड़े हुए लोगों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) से जुड़े होने के दावे के साथ वायरल है।

    बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन से संबंध नहीं रखती, बल्कि केरल में फ़रवरी 2020 में हुए एक एंटी सीएए प्रदर्शन की है।

    गौरतलब है कि क़रीब 3 हफ़्तों से किसान सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और बुरारी सहित कई स्थानों पर नये कृषि क़ानून को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) के अवसर पर टिकरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्र संगठनों के नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए तख्तियां दिखाई थीं, जो मुख्य रूप से एल्गर परिषद और दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में गिरफ़्तार किए गए थे। उसी दिन किसानों ने शरजील इमाम की रिहाई की मांग करते हुए पोस्टर भी देखे गए थे।

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    फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "गलतफ़हमी नहीं रहे यह CAA की नहीं, किसान आंदोलन की तस्वीर है। जो लोग कह रहे हैं कि इस मांग से किसानों का कोई लेना-देना नहीं है वो झूठ बोल रहे हैं।सरकार को 41 किसान नेताओं ने अपने हस्ताक्षर करके जो मांग पत्र दिया है उसके बिंदू संख्या 6 पर यह मांग लिखी गई है।"


    पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

    Are we really talking for farmers or just mistakingly pursuing the hidden agenda of anti nationals to use any means to criticise positive change this country is undergoing with aggressive reforms. Hope the bhola bhala people like @diljitdosanjh can see through. #Diljit_Kitthe_aa pic.twitter.com/20c17OUjeS

    — Nikhil Nanda 🇮🇳 (@iamnikhilnanda) December 11, 2020

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

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    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो इसी तस्वीर के साथ 15 अप्रैल 2020 का एक ट्वीट मिला, जिसमें कहा गया कि 'जक्का जाम' की अपील करने पर पुलिस हिरासत में लिए 76 दिन हो गए।

    It has been 76 days since Sharjeel Imam is under police custody for just appealing for "Jakka Jaam". After that BJP leaders instigate the violence which resulted into the Delhi pogrom against muslim minorities but unfortunately they are roaming free.#Release_Sharjeel_Imam pic.twitter.com/0Umcrqgkos

    — Md. Imran Lone (محمد عمران لون) (@ImraanSpeaks) April 15, 2020

    हालांकि, ट्वीट में तस्वीर के बारे में ख़ास जानकारी उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में हमने तस्वीर के विवरण की जांच करने का फ़ैसला किया। चूंकि, वायरल तस्वीर में अधिक स्पष्टता नहीं थी, हमने दूसरी तस्वीर खोजी जिसमें बैनर के विवरण को देखा जा सकता है।


    'फ़्री शरजील इमाम' की मांग करते बैनर को ध्यानपूर्वक देखने पर हमें 'वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया' का नाम और बैनर के पीछे पार्टी का झंडा दिखा। हमने वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के केरल प्रदेश सचिव सजीद ख़ालिद से संपर्क किया।

    सजीद ख़ालिद ने हमें बताया कि यह तस्वीर केरल के तिरुवनन्तपुरम में 25-26 फ़रवरी 2020 को नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में हुए 'ओक्युपाई राजभवन' प्रदर्शन की है। पार्टी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान केरल राजभवन का 30 घंटे घेराव किया था।

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    इसके अलावा हमने वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रवक्ता शमसीर से भी बात की, जिसमें उन्होंने साफ़ किया कि यह तस्वीर एंटी सीएए के विरोध में वेलफेयर पार्टी की केरल विंग द्वारा आयोजित 'ओक्युपाई राजभवन' प्रदर्शन के दौरान ली गयी थी। इसकी पुष्टि वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष (केरल) हमीद वनियाम्बलम ने भी की, कि तस्वीर फ़रवरी में तिरुवनन्तपुरम में हुए नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध प्रदर्शन की है।

    हालांकि, बूम फ़रवरी की तस्वीर का पता नहीं लगा सका जैसा कि डब्ल्यूपीआई नेताओं ने दावा किया था। हमने तस्वीर के संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उस ट्विटर यूज़र से संपर्क किया जिसने 15 अप्रैल को तस्वीर पोस्ट की थी। प्रतिक्रिया मिलने के बाद रिपोर्ट अपडेट की जाएगी।

    गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने 10 दिसंबर को सुधा भारद्वाज, उमर ख़ालिद, शरजील इमाम के पोस्टर प्रदर्शित किए थे।

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    Tags

    Farmers ProtestKisan AndolanSharjeel ImamFarm LawsHindi KhabarDaily News Hindi
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    Claim :   गलतफ़हमी नहीं रहे यह CAA की नहीं,किसान आंदोलन की तस्वीर है।
    Claimed By :  Social Media Users
    Fact Check :  False
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