फैक्ट चेक

2016 का पुराना वीडियो कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह की पिटाई बताकर वायरल

वायरल दावा फ़र्जी है, वीडियो अक्टूबर 2016 की है, जब बीजेपी नेता सुब्रत मिश्रा पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से हमला किया था।

By - Mohammad Salman | 7 Oct 2020 4:00 PM IST

2016 का पुराना वीडियो कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह की पिटाई बताकर वायरल

सोशल मीडिया पर लगभग चार साल पुराना वीडियो फ़र्जी दावे के साथ वायरल हो रहा है। वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश उपचुनाव में दतिया जिले की भांडेर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया की भीड़ ने जमकर पिटाई कर दी है। वायरल क्लिप में लोगों की भीड़ को एक आदमी की पिटाई करते देखा जा सकता है जबकि पुलिस उसे भीड़ से बचाने और दूर ले जाने की कोशिश करती है।

बूम ने पाया कि वायरल पोस्ट का दावा फ़र्ज़ी है। वायरल क्लिप में भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया नहीं हैं बल्कि पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुब्रत मिश्रा हैं, जिन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से पीटा था।

फूल सिंह बरैया की पिटाई का यह फ़र्ज़ी वीडियो हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उनके एक विवादित बयान की पृष्ठभूमि में वायरल हो रहा है। सभा को संबोधित करते हुए फूल सिंह बरैया ने कथित तौर पर कहा था कि "अभी भी वक्त है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को जाग जाना चाहिए वरना सवर्ण देश को हिंदू राष्ट्र बना देंगे।" इसके अलावा उन्होंने कथित तौर पर सवर्ण महिलाओं को लेकर विवादास्पद बयान दिया था।

एक यूज़र ने फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि "सवर्णो की औरतों को अपने घर रखने की बात कहने वाले #कांग्रेस_उम्मीदवार_फूल_बरैया की ठुकाई में कोई कमी नहीं रही अब नहीं बोलेगा आगे से।।"

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें। 

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अशोक तिवारी नाम के एक शख्स ने ट्विटर पर उसी कैप्शन के साथ वीडियो शेयर किया।

आर्काइव वर्ज़न यहां देखें।

फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर यूज़र्स ने उसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया। 


नई दुनिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ फूल सिंह ने अपने भाषण में कहा कि "सवर्ण वर्ग के लोगों का कुत्ता अगर अनुसूचित जाति के लोग छू लेता हैं तो वे उस कुत्ते को अनुसूचित जाति के घर बांध आते हैं। इसलिए अनुसूचित जाति के लोगों को भी सवर्णों के घर जाकर उनकी महिलाओं को लड्डू खिलाने चाहिए, जिससे वह भी अस्पृश्य हो जाएं और फिर सवर्ण वर्ग के लोग उन्हें अनुसूचित जाति के घर के लोगों के घर छोड़ आएं। इस तरह अनुसूचित जाति के लोगों के दो-दो पत्नियां हो जाएंगी।"

नहीं, भीड़ ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन की पिटाई नहीं की है

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वीडियो की सत्यता की जांच करने के लिए वायरल वीडियो को इन्विड पर फ़्रेम टू  फ़्रेम सर्च किया तो पाया कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2016 की है। वायरल क्लिप में पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुब्रत मिश्रा हैं, जिन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से पीटा था।

एनडीटीवी की 19 अक्तूबर की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो जो आसनसोल से बीजेपी सांसद हैं, आसनसोल के बीएनआर मोरे इलाक़े में गए थे। वहां स्थानीय बीजेपी नेता सुब्रत मिश्रा की टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पिटाई की थी, उसके बाद सुप्रियो के काफ़िले पर भी हमला किया था। इस दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई की इस वीडियो रिपोर्ट में उसी दृश्य को देखा जा सकता है और उसी आदमी को 14 सेकंड के टाइमस्टैम्प पर पीटा जा रहा है।

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19 अक्तूबर 2016 के एएनआई के ट्वीट में सुब्रत मिश्रा को देखा जा सकता है।

यह पहला मामला नहीं है जब यह वीडियो ग़लत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. इससे पहले 29 सितंबर को एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया था कि भीड़ ने केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर हमला कर दिया. कैप्शन में लिखा कि "जनता को भी अब पता चल गया है भाजपा नेताओं के चाल चरित्र और चेहरा की, गुस्साई जनता ने बीजेपी सांसद हर्षवर्धन की कर दी जमकर धुनाई!"

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नोट बंदी के बाद नवंबर 2016 में उसी क्लिप को वायरल किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली के एक बैंक के बाहर गुस्साई भीड़ ने भाजपा सांसद डॉ. हर्षवर्धन की पिटाई की थी।

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट करते हुए घटना को ख़ारिज किया था और इसे दुर्भावनापूर्ण व शरारती तत्वों का कृत्य करार दिया था। बूम पहले भी नेताओं की पिटाई के फ़र्जी वीडियो का फ़ैक्ट चेक कर चुका है।

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