तालियों और फूलों से सम्मानित यह महिला हाथरस गैंगरेप पीड़िता नहीं है
बूम ने पाया कि वीडियो में दिख रही महिला मार्केटिंग और ई-कॉमर्स कंपनी सेफ़ शॉप इंडिया के हैदराबाद कार्यालय की एसोसिएट है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें एक महिला भीड़ भरे कमरे से गुज़र रही है, लोग उसके पैर छूकर आशीर्वाद ले रहे हैं और फूल देकर सम्मानित कर रहे हैं। वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि वो महिला हाथरस सामूहिक बलात्कार की पीड़िता है। वीडियो के कैप्शन में दावा किया गया है कि परीक्षा में टॉप करने पर पीड़िता का सत्कार किया गया है।
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो का दावा फ़र्जी है। वीडियो में दिख रही महिला मार्केटिंग और ई-कॉमर्स कंपनी सेफ़ शॉप इंडिया के हैदराबाद, तेलंगाना कार्यालय की एक एसोसिएट है।
वीडियो ऐसे समय में वायरल हो रहा है जब उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गौरतलब है कि हाथरस में चार उच्च जाति के लोगों द्वारा कथित रूप से बलात्कार और बेरहमी से पिटाई के बाद 19 वर्षीय पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके परिवार को अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाज़त नहीं दी और गुपचुप तरीक़े से 30 सितंबर की रात को पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर छा गया और प्रशासन को ख़ासी आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस ने इन दावों का खंडन किया है।
वायरल वीडियो में एक महिला को भीड़ भरे कमरे से गुज़रते हुए देखा जा सकता है। सूट पहने पुरुष उसके पैर छूने के लिए झुकते हैं जबकि महिलाएं उसे गुलाब का फूल देती हैं और उसपर गुलाब की पंखुड़ियों डालती हैं।
जी नहीं, वायरल हो रही यह तस्वीर हाथरस पीड़िता की नहीं है
वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा कि "हाथरस की बेटी पढ़ाई मे टॉपर भी थी ओर जो स्वागत हुआ देखने लायक था...ये वो ही बेटी हैं जिसका गेंगरेप कर के जीभ काटकर और आँखे एवं शरीर को जख्म करके हत्या कर दी थी"
फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर यूज़र्स ने वीडियो शेयर किया है।
उत्तर प्रदेश बीजेपी नेता की तस्वीर हाथरस गैंगरेप आरोपी का पिता बताकर वायरल
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो की सत्यता की जांच करने के लिए रिवर्स इमेज पर सर्च किया. साथ ही वीडियो का फ़्रेम-बाय-फ़्रेम विश्लेषण किया तो एमडी. आदिल फ़याज़ नामक यूज़र का 20 फ़रवरी 2020 को अपलोड किया 1:09 का दूसरा यूट्यूब वीडियो मिला।
इसके बाद हमने आदिल फ़याज़ को फ़ेसबुक पर सर्च किया। हमने पाया कि उसे डायरेक्ट और नेटवर्क मार्केटिंग वेबसाइट सेफ़ शॉप के अधिकारियों द्वारा उसके 'दिशा कार्यक्रम' के लिए सम्मानित किया गया था।
बूम ने तब वायरल वीडियो में महिला की पहचान की पुष्टि करने के लिए हैदराबाद के सेफ़ शॉप के अधिकारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने उस महिला की पहचान एक वरिष्ठ सहयोगी के रूप में की। बूम उनके अनुरोध पर नाम उजागर नहीं कर रहा है।
हमने वायरल वीडियो में महिला के चेहरे की तुलना सेफ शॉप के अधिकारियों द्वारा बताई गयी महिला के चेहरे से की |सेफ़ शॉप में सहयोगी के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वीडियो का उपयोग करते हुए, हमने पुष्टि की कि वायरल वीडियो में महिला और सेफ़ शॉप कर्मचारी एक ही हैं।
अधिकारी ने बूम को यह भी बताया कि वीडियो 2019 या 2020 की शुरुआत का है। यह पूछे जाने पर कि वीडियो में पुरुष महिला के पैर क्यों छू रहे थे, अधिकारी ने कहा कि यह संगठन में एक प्रथा थी।
बूम पहले भी उस दावे को ख़ारिज कर चुका है जिसमें पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने हाथरस पीड़िता के रूप में एक अन्य मृतक महिला की तस्वीर शेयर की थी।
नहीं, योगी आदित्यनाथ ने नहीं कहा 'हमारा काम गाय बचाना है, लड़की नहीं'