HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फ़ैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फ़ास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
एक्सप्लेनर्स

संभल के एक मदरसे में अंतिम संस्कार के लिए जमा भीड़ का वीडियो वायरल

हजारों की तादाद में कोविड नियमों का उल्लंघन करती दिख रही ये भीड़ संभल के नखास क्षेत्र में स्थित अंजुमन मुऐनुल इस्लाम मदरसा की है. लोग मौलाना अब्दुल मोमिन नदवी के जनाज़े की नमाज़ के लिए जुटे थे.

By - Mohammad Salman | 17 April 2021 2:34 PM GMT

उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) ज़िले में स्थित मदरसा अंजुमन मुऐनुल इस्लाम (Madrasa Anjuman Muainul Islam) में जुटी हजारों की भीड़ दिखाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है. वीडियो क्लिप शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूज़र्स सवाल उठा रहे हैं कि हरिद्वार में जारी कुंभ मेला (Kumbh Mela) को कोरोना वायरस (Corona Virus) का कारण बताने वाली मीडिया और सेक्युलर लोग आख़िर संभल की इस वीडियो पर क्यों चुप हैं.

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मदरसे के अंदर और बाहर सड़क पर हजारों की तादाद में सफ़ेद टोपी पहने हुए लोग जुटे हुए हैं. वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए ज़रूरी सरकारी दिशानिर्देश- सामाजिक दूरी - का पालन नहीं किया गया है.

बूम मदरसे में जुटी भारी भीड़ का कारण पता लगाने में सक्षम रहा. हमने पाया कि हजारों लोगों की यह भीड़ मौलाना अब्दुल मोमिन नदवी के अंतिम संस्कार के लिए जुड़ी थी. मौलाना मोमिन संभल और इसके आसपास के इलाकों में एक बड़ी शख्सियत माने जाते थे.

वीडियो का दावा शाही स्नान के दिन हरिद्वार में कोई भीड़ नहीं थी? फ़ैक्ट चेक

यह वीडियो ऐसे वक़्त पर शेयर किया जा रहा है जब देशभर में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच हरिद्वार में जारी कुंभ मेला की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है. 11 मार्च से हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच विवादों के केंद्र में है. यूज़र्स इस वीडियो को शेयर करते हुए सवाल उठा रहे हैं कि क्या कोरोना का प्रसार केवल कुंभ मेला से ही हो रहा है?

ट्विटर पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि कोई भी एलीट मीडिया इस बारे में बात करने की हिम्मत नहीं करेगा, ना ही धर्मनिरपेक्ष दक्षिणपंथी क्लब जो हर किसी को विश्वास दिलाने में लगे हुए हैं कि कोविड-19 का प्रसार कुंभ मेला और बीजेपी की रैलियों के कारण हो रहा है. यह वीडियो ज़ाहिर तौर पर संभल का है.

पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी वीडियो ट्वीट किया था. हालांकि, बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. कंगना ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा था, कुंभ मेला के बाद .... माननीय प्रधानमंत्री जी कृपया रमज़ान की सभा को भी रोकने का अनुरोध करें."


ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें .

ट्विटर पर ही एक अन्य यूज़र ने इस वीडियो का संबंध मुरादाबाद से जोड़ते हुए सपा सांसद टीएस हसन और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया.

आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

सोशल मीडिया पर यह वीडियो अलग-अलग दावे के साथ बड़े पैमाने पर वायरल है.

मंदिर में टूटी मूर्तियां दिखाती इस वीडियो में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है

बूम ने वायरल वीडियो के साथ उठ रहे सवालों का जवाब ढूंढने के लिए सबसे पहले संभल के निवासी शान से संपर्क किया. शान ने हमें बताया कि "वीडियो में हजारों की तादाद में दिख रही भीड़ संभल के नखास क्षेत्र में स्थित अंजुमन मुऐनुल इस्लाम मदरसा की है. उन्होंने आगे बताया कि संभल में कल मौलाना अब्दुल मोमिन नदवी का इंतेक़ाल हुआ था, यह भीड़ उन्हीं के जनाज़े की नमाज़ के लिए इकठ्ठा हुई थी."

हमने यह भी जानना चाहा कि क्या वायरल वीडियो में दिखने वाला दृश्य अंजुमन मुऐनुल इस्लाम मदरसा का ही है. इसकी पुष्टि हमें यहां, यहां और यहां से हुई. फ़ेसबुक पर अदनान नामक यूज़र ने मौलाना अब्दुल मोमिन की नमाज़-ए-जनाज़ा में जुटी भीड़ दिखाती दो वीडियो पोस्ट की. नीचे देखें

Full View

अब जब कोरोना वायरस अपने विकराल रूप में है, रोज़ाना लाखों नए मामले और सैकड़ों संक्रमित लोगों की मौत से का मीडिया रिपोर्ट्स भरी पड़ी हुई हैं, ऐसे में किसी आयोजन में इतनी भारी भीड़ जुटना, कई सवाल उठाती है.

हमने मदरसे से जुड़े एक व्यक्ति ज़ैद नोमानी से संपर्क किया और यह जानना चाहा कि कोरोना काल में इतनी भारी भीड़ आखिर किस आयोजन के लिए जुटी थी.

चाकू से गोदकर पत्नी की हत्या का वीडियो 'लव जिहाद' के दावे के साथ वायरल

ज़ैद ने बताया कि "कल सुबह मौलाना अब्दुल मोमिन नदवी का इंतक़ाल हो गया था. उनकी जनाज़े की नमाज़ कल जुमा की नमाज़ के बाद मदरसे के प्रांगण में होनी थी. मौलाना नोमानी बहुत बड़ी शख्सियत थे. काफ़ी लोग उनके मुरीद थे. मौलाना मोमिन सालों से मदरसा चलाते थे. लोग दूर-दूर से उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आये थे. हम लगातार लोगों से सामाजिक दूरी बनाये रखने की अपील कर रहे थे. सैनीटाईज़ भी करवाया जा रहा था. लेकिन इतनी भीड़ को मैनेज करना और कण्ट्रोल करना हमारे लिए बहुत मुश्किल था."

"हालांकि, हम चेन बनाकर कब्रिस्तान तक गए और अंतिम संस्कार पूरा करवाया. पुलिस प्रशासन की तरफ़ से हमें कोई ख़ास निर्देश प्राप्त नहीं थे. हमने कोशिश ज़रुर की थी कि कोविड दिशानिर्देशों का पालन हो लेकिन भीड़ को कण्ट्रोल करना आसान नहीं था." ज़ैद ने बूम को बताया.

बूम ने फ़ेसबुक पर मौलाना मोमिन का फ़ेसबुक पेज भी चेक किया. हमें उनके नाम से एक पेज मिला, जिसकी हम स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करते कि यह पेज उनका ही था. 

हमें इस पेज पर 16 अप्रैल 2021 का एक पोस्ट मिला, जिसमें उनकी मौत से जुड़ा अपडेट पोस्ट किया गया था. पोस्ट में लिखा है, "हज़रत मौलाना अब्दुल मोमिन साहब डीबी का इंतेक़ाल हो गया है. जुमे के बाद नमाज़ अदा की जाएगी इंशाअल्लाह."

बूम ने संभल पुलिस से संपर्क किया जिसमें पुलिस ने पहले इस तरह के किसी भी आयोजन की जानकारी होने से इंकार किया. आगे पूछने पर पुलिस ने कहा कि कल एक मौलाना की मृत्यु हुई तो ज़ाहिर है अंतिम संस्कार होगा. पुलिस ने बताया कि अंतिम संस्कार के आयोजन की अनुमति नहीं ली गई थी.

दिल्ली में वीकेंड लॉकडाउन, जानिए क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

Related Stories