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फैक्ट चेक

मणिपुर में महिला के साथ मारपीट का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल

बूम को मणिपुर पुलिस ने बताया कि इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल नहीं है. पुलिस के अनुसार, वह पीड़ित महिला कथित तौर पर एक ड्रग डीलर है.

By - Swasti Chatterjee | 24 July 2024 12:43 PM GMT

हथियारबंद महिलाओं और पुरुषों के ग्रुप द्वारा एक अधेड़ उम्र की महिला को बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूजर्स वीडियो को लेकर सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं कि मणिपुर में हिंदू गौ-भक्त एक मुस्लिम महिला की बेरहमी से पिटाई कर रहे हैं.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि इस घटना में किसी भी तरह का सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मणिपुर पुुलिस के अनुसार, वह पीड़ित महिला कथित तौर पर एक ड्रग डीलर है.

एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'एक ऐसा वीडियो जिसे पूरी दुनिया को देखना चाहिए. भारत के मणिपुर राज्य में गंदे गौ भक्तों ने एक मुस्लिम महिला को बेरहमी से पीट रहे.'


(आर्काइव पोस्ट)

इस दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी हमें यह वीडियो प्राप्त हुआ.



फैक्ट चेक

बूम ने अपने मणिपुरी सूत्रों की मदद से यह पता लगाया कि वीडियो में वह महिला मैतेई समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर बोली जाने वाली भाषा में बात कर रही थी. 

हमें एक्स पर वायरल वीडियो के कमेंट सेक्शन में एक रिप्लाई मिला, जिसमें बताया गया कि यह किसी भी तरह की सांप्रदायिक घटना नहीं है. पीड़िता कथित तौर पर एक ड्रग डीलर है.


इससे संकेत लेते हुए फेसबुक पर संबंधित कीवर्ड से सर्च किया तो हमें मणिपुर फैक्ट चेक पेज पर वायरल वीडियो से मिलते जुलते विजुअल्स वाली वीडियो के साथ एक पोस्ट मिली. 



वायरल वीडियो और पोस्ट में शामिल वीडियो के बीच तुलना देखिए. 



पोस्ट में बताया गया कि यह महिला इबेम बेगम (Ibem Begum) है, जो कथित तौर पर एक ड्रग डीलर है. पोस्ट में आगे बताया कि यह घटना इंफाल के गोलापति की है, जहां अधेड़ उम्र की एक महिला को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट मिलिटेंट्स (UNLF) ग्रुप के सदस्यों द्वारा पीटा गया था. यह एक प्रतिबंधित उग्रवादी (insurgency) समूह है.

पोस्ट में वीडियो में दिख रहे लोगो और प्रतीक चिह्न के आधार पर हमलावरों की पहचान UNLF के सदस्यों के रूप में की गई. इसके आधार पर दावा किया गया कि हमलावर भी मुस्लिम हैं.

इसके बाद हमने मणिपुर पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि घटना मणिपुर की है. पुलिस ने इस घटना में किसी भी तरह के सांप्रदायिक एंगल से इनकार किया है.

इंफाल ईस्ट के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बूम को बताया, "कथित तौर पर वह एक मुस्लिम महिला है. यह घटना मणिपुर के इंफाल में हुई थी, जहां उस महिला को कथित नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया था. प्रथम दृष्टया इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है."

इसके बाद कीवर्ड सर्च से हमें मणिपुर मैतेई पंगन रिवोल्यूशनरी आर्मी (MMPRA) नामक संगठन द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज भी मिली. मैतेई बोली में मुसलमानों को पंगल या पंगान (Pangals or Pangans) कहकर पुकारा जाता है.

मैतेई में जारी प्रेस रिलीज में लिखा गया है पंगाल समुदाय में MMPRA के अलावा किसी अन्य संगठन को ड्रग्स को खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं है. 16 जुलाई 2024 को जारी प्रेस रिलीज में कथित ड्रग किंग पिन मोहम्मद ताज खान और मुमताज उर्फ इबेम बेगम सहित उनके परिवार के सदस्यों के नाम भी शामिल हैं.

Full View


नीचे प्रेस रिलीज में आरोपी के नाम वाले हिस्से का स्क्रीनशॉट दिखाया गया है.



इसके बाद हमने मणिपुरी मैतेई-पंगल सोशल यूनिफिकेशन एंड अपलिफ्टमेंट ऑर्गनाइजेशन के एक प्रतिनिधि से संपर्क किया. यह इंफाल में स्थित मणिपुरी मुसलमानों के उत्थान के लिए काम करने वाला एक मुस्लिम संगठन है. संगठन के प्रतिनिधी ने कंफर्म किया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला का नाम मुमताज इबेम है, जो कथित तौर पर ड्रग्स की तस्करी के लिए कुख्यात है. मुमताज इबेम को UNLF के मुस्लिम संगठन (MMPRA) के सदस्यों ने इंफाल के गोलापति, हट्टा में पकड़ा था. प्रतिनिधि ने पुष्टि की कि MMPRA के लोगों द्वारा पीटे जाने के दौरान यह महिला गर्भवती नहीं थी. प्रतिनिधि ने घटना में किसी भी तरह के सांप्रदायिक एंगल होने से भी इनकार किया.

संगठन के प्रतिनिधि ने बूम को बताया, "मुमताज इबेम एक ड्रग तस्कर है और ग्रुप ने उसे ड्रग्स की खरीद और बिक्री में शामिल नहीं होने के लिए कहा है. महिला को तब आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था और चेतावनी दी गई थी कि वह ड्रग्स की तस्करी न करे."

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