छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में बच्चा चोरी के शक में पांच साधुओं के पकड़े जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचाने की अपील के साथ कहा जा रहा है कि तेलीबांधा में बच्चा चोरी के इरादे से पांच साधु आये थे.
हालांकि, बूम की जांच में सामने आया कि साधुओं द्वारा बच्चा चोरी करने का दावा ग़लत है. तेलीबांधा थाना प्रभारी ने भी इसकी पुष्टि की है.
वीडियो में लोगों की भीड़ के बीच कुछ पुलिसकर्मी मौजूद हैं जो एक दुकान से 6 साधुओं को निकालकर अपनी गाड़ी में बिठाते हैं. वीडियो रिकॉर्ड करने वाला युवक कहते हुए सुनाई देता है कि बाबा (साधु) एक बच्चे की चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं. इस बीच, एक महिला की भी आवाज़ सुनाई देती है जिसमें वो साधुओं से कहती है कि बच्चा लेकर जा रहे है थे शर्म लगनी चाहिए. वीडियो में मौजूद लोग साधुओं को गलियां देते भी सुनाई दे रहे हैं.
वीडियो में आगे, साधुओं की बैलगाड़ी भी दिखाई जाती है और बताया जाता है कि इसी गाड़ी में साधु बच्चे को चोरी करके ले जा रहे थे.
ट्विटर पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया, “आज तेलीबांधा,रायपुर,छत्तीसगढ़,में 5 साधु के रूप में बच्चे चोरी करने आए थे,तेलीबांधा जनता ने और पुलिस ने पकड़ लिया है इन पांचों चोरो को,सबूत के साथ.”
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी दावे के साथ वीडियो को फ़ेसबुक पर भी बड़े पैमाने पर शेयर किया गया है.
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के साथ किये जा रहे दावे की सत्यता जांचने के लिए संबंधित कीवर्ड्स के साथ खोजबीन शुरू की तो हमें हिंदी न्यूज़ वेबसाइट नई दुनिया पर 4 जुलाई, 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक़, रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र के अंतर्गत देवार पारा क्षेत्र में बच्चा चोरी के शक में बाबाओं के साथ बदसलूकी का एक मामला सामना आया है. 3 जुलाई को रविग्राम के पहली कक्षा का एक बच्चा स्कूल से जल्दी छुट्टी हो जाने पर घर जाने के लिए निकला. वह घर न पहुंच कर एक दुकान के पास बैठकर रो रहा था. उस बच्चे की मां स्कूल गई तो पता चला कि स्कूल की छुट्टी हो चुकी है. बच्चे की मां अपने उसको ढूढ़ते हुए निकली तो बच्चा एक दुकान के पास मिला.
इसी दौरान दूसरी तरफ़ से बैलगाड़ी में सवार चार से पांच बाबा (साधु) गुज़र रहे थे, जिन्हें आस-पास के लोग देखकर बच्चा चोर समझकर शोर मचा दिया और बाबाओं के साथ धक्का-मुक्की करने लगे.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले जाकर पूछताछ की. इसके बाद पुलिस ने ऐसी किसी भी घटना के घटित नहीं होने की पुष्टि की और बाबाओं को छोड़ दिया गया. वहीं, पुलिस ने इसे अफ़वाह बताते हुए वीडियो को कहीं भी शेयर ना करने की अपील की है.
बूम ने वीडियो के स्थान को गूगल मैप्स की मदद से लोकेट किया और आसपास के दुकानदारों से संपर्क किया. हालांकि, उनमें से अधिकतर घटना के समय वहां मौजूद नहीं थे और हमें सिर्फ़ सुनी-सुनाई बातें ही बताईं.
इस दौरान हमारी बात घटनास्थल के पास मौजूद एक टेलर शॉप के ओनर से हुई जिन्होंने बताया कि बच्चा चोरी की अफ़वाह के चलते बाबाओं को लोगों ने पकड़ा था. बाद में, पुलिस आई और उनको अपने साथ ले गई और शायद बाद में सबको छोड़ भी दिया.
हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए तेलीबांधा थाना प्रभारी से संपर्क किया जिसमें उन्होंने साधुओं द्वारा बच्चा चोरी करने के दावे को ख़ारिज कर दिया.
उन्होंने बताया कि पहली कक्षा का एक बच्चा स्कूल की जल्दी छुट्टी पर घर लौट रहा था. वह घर नहीं पहुंचा तो उसकी माँ उसे ढूंढती हुई स्कूल पहुंची जहां मालूम हुआ कि स्कूल की छुट्टी हो चुकी है. माँ ने बच्चे को खोजना शुरू किया तो वह एक दुकान पर बैठा हुआ रो रहा था. इस बीच, वहीं से एक बैलगाड़ी में कुछ साधु गुज़र रहे थे जिन्हें लोगों ने बच्चा चोर के शक में पकड़ लिया.
“हम वहां पहुंचे और साधुओं को थाना लेकर आये. पूछताछ में पता चला कि वो लोग किसी धार्मिक स्थान जाने के लिए निकले थे. बच्चा चोरी करने जैसा कोई मामला नहीं है,” तेलीबांधा थाना प्रभारी ने बूम को बताया.
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