फ्रांस में कैथेड्रल में आग का पुराना वीडियो हालिया हिंसा से जोड़कर वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडयो जुलाई 2020 का है. इसका हालिया हिंसा से कोई सम्बन्ध नहीं है.
सोशल मीडिया पर फ्रांस में चल रही हिंसा से जोड़कर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें एक ऐतिहासिक सी नज़र आने वाली ईमारत आग की चपेट में जलती हुई दिख रही है. बीजेपी के नेता और अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स कांग्रेस और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए शेयर कर रहे हैं कि 'फ्रांस ने भी मोहब्बत की दुकान खोली थी, हाल खुद देख सकते हैं.'
गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से फ्रांस भयानक रूप से हिंसा की चपेट में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 जून 2023 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में अल्जीरियाई मूल के 17 वर्षीय युवक की पुलिस गोलीबारी में मौत के बात हिंसा भड़क उठी. 45 हज़ार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को हालात संभालने के लिए उतारा गया है और अब तक कुल 3 हज़ार से अधिक लोगों को डिटेन किया जा चुका है.
हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित अल्पसंख्यक शरणार्थियों के इलाके हैं जो मुख्यता अरब या अफ़्रीकी मूल के लोग हैं. इसी सन्दर्भ में इस वीडियो को शेयर कर देश के अल्पसंख्यकों और शरणार्थियों पर तंज किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो जुलाई 2020 का है. हालिया फ्रांस हिंसा से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.
ट्विटर पर खुद को बीजेपी की बिहार की प्रदेश मंत्री लिखने वाली डॉ. अमृता राठोड ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "फ्रांस ने भी मोहब्बत की दुकान खोली थी, हाल खुद ही देख लो।" (आर्काइव लिंक)
बीजेपी से जुड़े नवीन कुमार जिंदल ने भी वीडियो को फ्रांस का बताते हुए शेयर किया है. (आर्काइव लिंक)
ट्विटर पर अन्य कई यूज़र्स ने इस वीडियो को इसी दावे से शेयर किया है जिसे आप यहां देख सकते हैं.
फ़ेसबुक पर भी अनेक यूज़र्स ने इसे फ्रांस का बताते हुए शेयर किया है जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 19 जुलाई 2020 की स्काई न्यूज़ (Sky News) रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में शामिल वीडियो में वायरल वीडियो का हिस्सा भी देखा जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस की राजधानी पेरिस में 15वीं सदी में बने ऐतिहासिक नान्तेस कैथेड्रल में आग लग गयी. सुरक्षाकर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है. आग की लपटों से कैथड्रल को नुकसान पहुंचा है.
18 जुलाई 2020 की बीबीसी की रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो को हूबहू देखा जा सकता है. रिपोर्ट में आग बुझाने वालों के अनुसार लिखा गया है कि, फ्रांस के नान्तेस में सेंट-पियरे-एट-सेंट-पॉल कैथेड्रल में लगी आग अब नियंत्रण में है. अभियोजकों का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर किसी ने आग लगाई हो. 15वीं सदी के इस कैथेड्रल को 1972 में आग से भी नुकसान हुआ था.
18 जुलाई 2020 की न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के नान्तेस में 15वीं सदी के कैथेड्रल में काम करने वाले एक रवांडन शरणार्थी वालंटियर ने आग लगाने की बात कबूल की है, जिससे चर्च के अंदरूनी हिस्से को गंभीर नुकसान पहुंचा था.
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो पुराना है और इसका फ्रांस में जारी हालिया हिंसा से कोई सम्बन्ध नहीं है.
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