अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वह बीजेपी सांसदों के साथ हंसते-खिलखिलाते हुए नजर आ रहे हैं. यूजर इस वीडियो को वक्फ बिल के संसद में पास होने के बाद का बताकर शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो 29 जनवरी 2025 को संसद में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की एक बैठक के दौरान का है. यह बैठक वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी.
गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद अब यह कानून बन गया है.
फेसबुक एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'सदन में रो पड़ने वाले असदुद्दीन ओवैसी साहब भाजपा सांसदों के साथ कैंटीन में आखिर किस बात पर इतने ज्यादा खुश हो कर ठहाके लगा रहे?...खेल देखो खेल की धार देखो आप.'
एक अन्य यूजर ने इसी वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा, 'देखो, मैं न कहता था कि ओवैसी अपना आदमी है. खुद ही देख लो कि वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद संसद की कैंटीन में बैठकर कैसे अमिस्सा के साथ ठहाके लगा रहा है.'
एक्स पर एक यूजर ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, 'संसद में कैमरे के सामने रोते हैं चीखते हैं, कैंटीन में ठहाके लगाते हैं. नेता जनता और देश को आपस में लड़ा कर खुद मस्ती में मस्त रहते हैं. देश को इनकी हकीकत समझनी होगी.'
फैक्ट चेक
वीडियो जनवरी 2025 का है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया तो पाया कि यह वीडियो जनवरी 2025 का है. वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य, समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल से बातचीत कर रहे थे.
वीडियो से रिलेटेड कीवर्ड को गूगल पर सर्च करने पर भी हमें इससे जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं. अगस्त 2024 में लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया गया था. इसके बाद विधेयक की विस्तृत समीक्षा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया, जिसमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे. जनवरी 2025 में जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत सौंपी थी.
जेपीसी की बैठक के दौरान का वीडियो
द इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 29 जनवरी 2025 को जेपीसी ने बिल पर चर्चा के बाद ड्राफ्ट रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को बहुमत से मंजूरी दी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, समिति के 15 सदस्यों ने इस पारित विधेयक के पक्ष में वोट किए थे जबकि 11 सदस्य इसके विपक्ष में थे. विपक्षी सदस्यों ने विधेयक की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया था.
रिपोर्ट को लेकर विपक्षी सांसदों ने इसे 'अलोकतांत्रिक' बताते हुए असहमति पत्र (डिसेंट नोट) सौंपने की बात कही थी. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने भी 29 जनवरी 2025 को यह वीडियो शेयर किया था. कैप्शन में लिखा गया, 'विधेयक की समीक्षा कर रही संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य, ड्राफ्ट रिपोर्ट को अपनाने के बाद चाय पर मुलाकात करते हुए.'
एनडीटीवी की वीडियो रिपोर्ट में भी इसे देखा जा सकता है. इस बैठक के अगले दिन 30 जनवरी 2025 को जेपीसी के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह रिपोर्ट सौंपी थी.