सोशल मीडिया पर मूर्ति की एक तस्वीर इस दावे के साथ वायरल है कि यह हजारों साल पुरानी मूर्ति है और इसमें भगवान विष्णु के वराह अवतार को दिखाया गया है. तस्वीर में भगवान विष्णु के वराह अवतार गोल आकार की पृथ्वी को उठाये हैं.
इस तस्वीर को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का ज्ञान 500-600 पहले मिला जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में हजारों वर्ष पहले से मौजूद है.
बूम ने पाया कि वायरल वराह मूर्ति ओडिशा के बालासोर में श्री जगन्नाथ मंदिर की दीवारों पर बनी हुई है, जिसका निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था और इसका उद्घाटन 2015 में हुआ था.
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फ़ेसबुक पर वायरल हो रही इस तस्वीर के साथ एक लंबा कैप्शन दिया गया है, "इस मूर्ति को ध्यान से देखिए, यह भगवान विष्णु के वराह अवतार की है जिसमे वह पृथ्वी को रसातल से निकालते हुए दिखाए गए है। अब सबसे बड़ा आश्चर्य यह होता है की इसमें पृथ्वी का आकार गोल दिखाया गया, और दुनिया को पृथ्वी के गोल होने का ज्ञान आज से 500 - 600 साल पहले मिला, जबकि यह मूर्ति जगन्नाथ मंदिर में सहस्त्रों वर्ष पूर्व से ही है। सनातन का गौरवपूर्ण इतिहास अपनी चीख चीख कर अभिसाक्ष्य दे रहा है। यही निहितार्थ है कि हमारे पाठ्यक्रम इस विषय को भूगोल के नाम से वर्गीकृत किया, क्योंकि हमारे पूर्वजो को ज्ञान था कि पृथ्वी का आकार वृत्ताकार है। वाम हस्त से इतिहास लिखने वालों तुम क्या हमारा इतिहास मिटाओगे, हमारा इतिहास तो पत्थरो पर लिखा हुआ है। सौन्दर्य देखना हो तो यूरोप जाओ किन्तु सौन्दर्य के साथ आश्चर्य और यथार्थ भी देखना हो तो हमारे मंदिर आओ!!"
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा. इस दौरान जो परिणाम सामने आये उसके मुताबिक़ यह मूर्ति ओडिशा के बालासोर में स्थित इमामी जगन्नाथ मंदिर की है.
हमें जांच के दौरान वायरल मूर्ति की तस्वीर Amino Apps की वेबसाइट पर एक यूज़र द्वारा अपलोड की हुई मिली.
इसके बाद, हमने यूट्यूब पर इमामी जगन्नाथ मंदिर के वीडियो को ढूंढा. इस दौरान हमें एक वीडियो में 9 मिनट 18 सेकंड की समयावधि पर मंदिर की दीवार पर नक्काशी की हुई हूबहू आकृति नज़र आई, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है.
एक अन्य वीडियो में उसी मूर्ति को 7 मिनट 12 सेकंड पर देखा जा सकता है.
हमें अपनी जांच के दौरान गूगल मैप पर एक तस्वीर में भी बालासोर में स्थित इमामी जगन्नाथ मंदिर की दीवार पर नक्काशी की हुई उसी मूर्ति की तस्वीर दिखाई दी.
हमारी अब तक की जाँच में इस बात की पुष्टि हो जाती है कि वायरल तस्वीर ओडिशा के बालासोर में स्थित इमामी जगन्नाथ मंदिर की दीवार पर बनी मूर्ति की है.
इसके बाद, हमने यह जानना चाहा कि असल में इस मंदिर का निर्माण कब हुआ. इसके लिए हमने इमामी जगन्नाथ मंदिर की वेबसाइट चेक की. वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण कार्य इमामी ग्रुप द्वारा प्रख्यात वास्तुकार रघुनाथ मोहपात्रा की अगुवाई में करवाया गया है.
वेबसाइट में बताया गया है कि मंदिर का निर्माण कार्य साल 2009 में शुरू हुआ था और साल 2015 में बनकर तैयार हुआ. मंदिर का उद्घाटन समारोह 27 नवंबर से 29 नवंबर के बीच आयोजित किया गया था. ऐसे में, वायरल मूर्ति की तस्वीर के साथ किया गया दावा ख़ारिज हो जाता है.
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