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फ़ैक्ट चेक

फ़ैक्ट चेक: क्या वीडियो में दिख रहा पुलिस अधिकारी आरएसएस का सदस्य है?

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो पुराना है. वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी विनोद नारंग हैं और उनका आरएसएस सदस्य अशोक डोगरा से कोई संबंध नहीं है.

By - Dilip Unnikrishnan | 1 Feb 2021 10:29 AM GMT

साल 2019 के नागरिकता संशोधन क़ानून (Citizen Amendment Act) के विरोध प्रदर्शन (Anti-CAA) के दौरान ड्यूटी पर मौजूद दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सदस्य है, जिसने हाल ही में दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा में किसानों को पीटने के लिए एक पुलिसकर्मी का वेश धारण किया था.

बूम ने वायरल वीडियो में दिख रहे पुलिस अधिकारी की पहचान विनोद नारंग के रूप में की, जो कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन के एसएचओ हैं. जबकि वीडियो के दूसरे हिस्से में दिखने वाली तस्वीर आरएसएस सदस्य और बीजेपी नेता अशोक डोगरा की है.

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया था. इस दौरान दिल्ली के लाल क़िला, आईटीओ सहित गाज़ीपुर हाईवे पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई. हिंसा में एक किसान की मौत हो गई और दिल्ली पुलिस के कई जवान घायल हो गए.

पुलिसकर्मियों को सीसीटीवी कैमरा तोड़ते दिखाता है यह वीडियो कब का है?

वीडियो में, एक व्यक्ति पुलिस अधिकारी से उसकी वर्दी पर नाम का बैज न होने पर सवाल उठाता है, जिसके जवाब में पुलिस अधिकारी बैज गिर जाने की बात कहता है. वीडियो के वॉयस ओवर में दावा करते सुना जा सकता है कि राजस्थान के एक भाजपा सदस्य अशोक डोगरा दिल्ली के एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे. वीडियो में डोगरा का फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल दिखाया गया है.

फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा कि, "बीजेपी की सच्चाई पूरी दुनिया देख रही है. जितना जल्दी हो सके बीजेपी से किनारा करो और इनका इनके घर तक विरोध करो."

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

इसके अलावा ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ वीडियो वायरल है.

आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

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संबित पात्रा ने शेयर की अरविन्द केजरीवाल की कृषि कानूनों का समर्थन करते दिखाती एडिटेड क्लिप

फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि इसी वीडियो को पहले दिल्ली में एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान वायरल किया गया था कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य है, जो एक पुलिसकर्मी के वेश में है. हमने दोनों व्यक्तियों की पहचान कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन के अधिकारी विनोद नारंग और राजस्थान के बीजेपी नेता अशोक डोगरा के रूप में की, जिनका एक दूसरे से कोई संबंध नहीं है.

बूम ने पहले दोनों के चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण किया था और पाया कि वे दो अलग-अलग लोग हैं.  दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल ने बूम को बताया कि वीडियो में दिखने वाले पुलिस अधिकारी कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन के एसएचओ विनोद नारंग हैं.

बूम ने तब विनोद नारंग से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वीडियो शूट होने से पहले उनके नाम का बिल्ला (बैज) खो गया था. उन्होंने किसी भी राजनीतिक संबद्धता से इनकार किया. नारंग ने कहा, "मेरा कोई राजनीतिक जुड़ाव नहीं है, आरएसएस का सदस्य होना तो दूर की बात है."

हमने फिर अशोक डोगरा को देखा और पाया कि वह राजस्थान में बूंदी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजेपी विधायक हैं और कभी भी पुलिस अधिकारी नहीं रहे हैं और न ही वीडियो में देखे गए दिल्ली पुलिस के एसएचओ नारंग से संबंध रखते हैं. यहां अशोक डोगरा की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल का लिंक दिया गया है.

बूम ने पहले भी इस दावे को खारिज किया था जब इसे 2019 के एंटी-सीएए विरोध की पृष्ठभूमि में शेयर किया गया था.

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