सोशल मीडिया पर अमित शाह के बयान को कोट करते हुए दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल है. इस कोलाज में पहली तस्वीर न्यूज एजेंसी आजतक की एक खबर की है, जिसमें अमित शाह के हवाले से लिखा गया है कि 'बनिया हूं मेरी बात का भरोसा रखना.'
दूसरी तस्वीर न्यूज पेपर की कटिंग है इसमें लिखा है, 'चोरी और मुनाफाखोरी देश के बनियों की आदत है: अमित शाह.' यूजर्स इन दोनों तस्वीरों के कोलाज को सच मानकर शेयर कर रहे हैं कि अमित शाह बनिया समुदाय के लोगों के लिए यह कह रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि पहली तस्वीर आजतक की एक खबर से ली गई है. ये 2021 बंगाल चुनाव के समय का वीडियो है जब अमित शाह ने संकल्प पत्र जारी करने के दौरान कहा था कि 'आने-पाई का हिसाब कर के इसे बनाया है, मैं बनिया हूं मुझ पर भरोसा रखना.' अमित शाह के इसी भाषण की एक लाइन को भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. इस कोलाज की दूसरी तस्वीर फेक है.
गौरतलब है कि देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है. देशभर में 19 अप्रैल से सात चरणों में चुनाव होने हैं, जिसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. चुनाव के मद्देनजर कई गलत और भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं. इसी क्रम में अमित शाह से जुड़ी हुई ये तस्वीरें हमारे सामने हैं.
इस कोलाज को फेसबुक पर एक यूजर ने लिखा, 'इन दोनों में से किसपर भरोसा करना है.'
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फेसबुक पर एक अन्य यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'कुछ समझा विनोद.'
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फैक्ट चेक
तस्वीर एक: बनिया हूं मेरी बात पर भरोसा रखना: अमित शाह
वायरल दावे की सच्चाई जाने के लिए हमने कोलाज की पहली तस्वीर से जुड़े कुछ कीवर्ड्स सर्च किए, इसके जरिए हमें आजतक के आधिकारिक फेसबुक पेज पर 21 मार्च 2021 को अपलोड किया गया 23 सेकंड का एक वीडियो मिला.
इस वीडियो के अनुसार, बंगाल चुनावों के दौरान संकल्प पत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा कि 'आने-पाई का हिसाब कर के इसे बनाया है, मैं बनिया हूं मुझ पर भरोसा रखना.' स्पष्ट है कि इसी क्लिप के अधूरे बयान के स्क्रीनशॉट को भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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तस्वीर दो: चोरी और मुनाफाखोरी देश के बनियों की आदत: अमित शाह
दूसरी तस्वीर किसी अखबार की कटिंग है. हमने वायरल खबर को ध्यान से पढ़ा, इसमें बताया गया था कि राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बूंदी में अमित शाह ने बनिया समाज और व्यवसायी समाज के लोगों की तुलना चोरों से कर डाली. इस पेपर कटिंग में अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया गया था. हमने भारतीय जनता पार्टी की वेबसाइट पर देखा तो पाया कि वह 2014 से 2020 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. इससे हमें अंदेशा हुआ की यह पेपर कटिंग पुरानी है.
सबसे पहले हमने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया, हमने पाया कि यह पेपर कटिंग इससे पहले 2018 में इन्हीं दावों के साथ वायरल थी. इसके अलावा इसी बयान के साथ यह पेपर कटिंग कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे से 2019 में भी शेयर की गई थी. बूम ने तब भी इसका फैक्ट चेक किया था. रिपोर्ट यहां पढ़ें.
इस खबर की सच्चाई जानने के लिए हमने इसकी हेडिंग को गूगल सर्च किया पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें अमित शाह के इस बयान की चर्चा हो.
आगे हमने खबर में मेंशन किए गए राजस्थान के बूंदी में हुई इस चुनावी रैली को बारे में सर्च किया. इसके जरिए हमें भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 3 दिसंबर 2018 को बूंदी में हुए चुनावी रैली का लाइव वीडियो मिला. इस 35 मिनट के वीडियो में लगभग 5 मिनट के बाद अमित शाह जनता को संबोधित करने आते हैं. हमने अमित शाह का पूरा भाषण सुना तो पाया कि इसमें अमित शाह ने समुदाय विशेष को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.