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फैक्ट चेक

अंबाला में पुल को लेकर कहासुनी का वीडियो किसान आंदोलन का बताकर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो अंबाला का है, जब भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरुनाम सिंह चढूनी और सरकारी आधिकारी के बीच निर्माणाधीन पुल की ऊंचाई को लेकर बहस हो गई थी.

By - Jagriti Trisha | 25 Feb 2024 11:28 AM GMT

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों के बीच कहासुनी का एक वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि यह मौजूदा किसान आंदोलन में पैसों को लेकर बंटवारे का वीडियो है.

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अंबाला का है, जब भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरुनाम सिंह चढूनी और सरकारी आधिकारी के बीच निर्माणाधीन पुल की हाईट को लेकर कहासुनी हो गई थी.

56 सेकेंड के वीडियो में भीड़ दिखाई दे रही है. भीड़ में से एक बुजुर्ग एक अन्य व्यक्ति से कहते दिख रहे हैं कि "... एक करोड़ बचेगा, उस एक करोड़ में से पांच लाख आपके पास भी जाएगा." इसके जवाब में सामने कुर्सी पर बैठा शख्स कहता है, "मैं मीटिंग छोड़ रहा हूं, आप कौन होते हैं मुझपर भ्रष्टाचार का इल्जाम लगाने वाले..." इसके बाद दोनों में बहस होने लगती है. पीछे भीड़ को नारे लगाते भी देखा जा सकता है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स इसे मौजूदा किसान आंदोलन में पैसों को लेकर बातचीत का वीडियो बता रहे हैं.

13 फरवरी से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लगभग 200 से अधिक किसान संगठन आंदोलनरत हैं. एमएसपी के अलावा किसान संगठन कर्ज माफी और 2021 की खीरी हिंसा में न्याय की मांग कर रहे हैं. आंदोलनकारी किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं. इसके मद्देनजर पुलिस ने दिल्ली के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान और पुलिस के बीच झड़पें भी हुई हैं. इस आंदोलन के शुरू होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी फर्जी और भ्रामक खबरें भी लगातार शेयर की जा रही हैं, इस क्रम में यह वीडियो भी वायरल है.

वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, "किसान आंदोलन की परतें खुलने लगी, ये सब पैसों का खेल है..."


लगभग ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ अन्य फेसबुक यूजर्स ने भी वीडियो को शेयर किया है. यहां, यहां देखें.

इंस्टाग्राम पर भी यह वीडियो किसान आंदोलन से जोड़कर इसी दावे से वायरल है.


 फैक्ट चेक 

वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा, वीडियो में एक माइक पर SANDHU HR  04 लिखा नजर आ रहा था. हमने इस माइक की आईडी से हिंट लेते हुए यूट्यूब पर इस चैनल की तलाश की.



सर्च करने पर हमें इस नाम का यूट्यूब चैनल मिला, जहां वायरल वीडियो से संबंधित लगभग 23 मिनट का एक लंबा वीडियो मौजूद था. इस लंबे वर्जन के वीडियो में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल्स देखे जा सकते हैं. इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह अंबाला के तंदवाल गांव की 30 जनवरी की घटना है, जहां किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी और एक सरकारी अधिकारी के बीच एक निर्माणाधीन पुल की हाईट को लेकर बातचीत हो रही है.

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इसके आगे हमने गुरुनाम सिंह चढूनी के सोशल मीडिया हैंडल्स की भी पड़ताल की. उनके फेसबुक पेज पर 31 जनवरी का वायरल वीडियो से मिलता-जुलता एक पोस्ट मिला. वीडियो के साथ लिखा था, खेत के रास्ते का पुल जो रास्ते से 1 मीटर नीचे खोद कर बना दिया ताकि मिट्टी कम डालनी पड़े..." इस पोस्ट में National Highways Authority of India के अधिकारी से झड़प का भी जिक्र है.

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हमने पुष्टि के लिए किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी से भी संपर्क किया. उनके बेटे अर्शपाल सिंह चढूनी भी घटनास्थल पर मौजूद थे, उन्होंने बूम को बताया कि यह अंबाला की घटना है. किसानों की जमीन के ऊपर से एक पुल निकल रहा है, उसकी ऊंचाई पर्याप्त नहीं है, इसकी वजह से किसानों को अपने खेतों में कंबाइन वगैरह ले जाने के लिए पांच-छः किलोमीटर घूम कर आना पड़ेगा, अधिकारीयों से क्रासिंग को और ऊंचा करने की मांग हो रही थी. उसी संदर्भ में अधिकारी से बहस हो गई थी. यह लगभग 20-25 दिन पहले की घटना है, इसका अभी के किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.

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