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फैक्ट चेक

क्या उज्जैन में 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' नारा लगाने पर सरकार ने बस्ती खाली करा दी? फ़ैक्ट चेक

बूम ने इस मामले पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उज्जैन के एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज कर दिया.

By - Mohammad Salman | 28 Aug 2021 7:18 PM IST

मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हटाने का एक वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व वाली सरकार ने पूरी गफूर बस्ती खाली करवा दी, जहां पाकिस्तान ज़िंदाबाद (Pakistan Zindabad) के नारे लगाये गए थे.

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में उज्जैन प्रशासन ने इंदौर रोड पर हरि फ़ाटक के पास सरकारी ज़मीन से अतिक्रमण हटाया है. उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ला ने वायरल दावे को ख़ारिज किया है.

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23 अगस्त 2021 को उज्जैन के गीता कॉलोनी में मुहर्रम के मौक़े पर कथित तौर 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाये गए थे. इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 लोगों के ख़िलाफ़ 124 (ए) (देशद्रोह) एवं 153 (दंगे के लिए उकसाने हेतु) धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. वायरल वीडियो उसी पृष्ठभूमि में शेयर किया जा रहा है.

ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा, यूपी की सोशल मीडिया हेड ऋचा राजपूत ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "उज्जैन में जिस गफूर बस्ती के लोगो ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था,, शिवराज सरकार @ChouhanShivraj ने पूरी अवैध बस्ती खाली करवा दी."

आर्काइव वर्ज़न यहां देखें

फ़ेसबुक पर वायरल

वायरल वीडियो "उज्जैन में जिस गफूर बस्ती के लोगो ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था,, शिवराज सरकार ने पूरी अवैध बस्ती की उजाड़ दी" दावे के साथ फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर शेयर किया गया है.

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.

यही नहीं, यूट्यूब पर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर की गई है. यहां और यहां देखें 

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. असल वीडियो उज्जैन के इंदौर रोड पर हरि फ़ाटक के पास सरकारी ज़मीन पर सालों से अवैध कब्ज़ा करके बनाई गई सैकड़ों दुकानों के ध्वस्तीकरण को दिखाती है.

हमें वायरल वीडियो से हूबहू मेल खाता एक वीडियो ट्विटर पर मिला, जिसमें बताया गया है कि उज्जैन के हरि फ़ाटक ब्रिज के पास अवैध रूप से बनी 214 दुकानों को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया.

संबंधित कीवर्ड के साथ खोज करने पर हमें अतिक्रमण हटाने की कार्यवाई पर कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. हिंदी न्यूज़ वेबसाइट दैनिक भास्कर, अग्निबाण और दैनिक अवंतिका के अनुसार, कल यानी शुक्रवार की सुबह ज़िला प्रशासन ने इंदौर रोड पर हरि फाटक ओवर ब्रिज के पास सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हटाया.

रिपोर्ट के मुताबिक़, हरि फ़ाटक ब्रिज और मन्नत गार्डन के आसपास गैरेज, ऑटो पार्ट्स तथा ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की क़रीब दो सौ से ज़्यादा दुकानें बन गई थी. ज़िला प्रशासन और पुलिस की टीम ने सुबह से ही अवैध कब्ज़ा हटाने का काम शुरू कर दिया था. 

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बूम ने गूगल मैप पर अतिक्रमण हटाये जाने के स्थान को ट्रेस किया. इंदौर रोड पर हरि फाटक ब्रिज के पास 'प्रेसिडेंट होटल' है, जोकि वायरल वीडियो में 1:15 की समयावधि पर देखा जा सकता है.

बूम ने हरि फ़ाटक ब्रिज के नजदीक इंदौर रोड पर स्थित 'अब्दुल ऑटो गैरेज' दुकान के मालिक से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि "कल सुबह ही यहीं पास में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया था. यहां क़रीब 200 से ज़्यादा दुकानें थी." हमने उनसे यह भी जानने की कोशिश कि क्या उज्जैन में 'गफूर बस्ती' जैसी कोई जगह है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें उज्जैन में इस बस्ती के बारे में पहली बार सुना है.

चूंकि वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया था कि पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे गफूर बस्ती में लगे थे. ऐसे में हमने इसकी पुष्टि के लिए मीडिया रिपोर्ट खंगाली, जिसमें पता चला कि पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने की घटना उज्जैन के गीता कॉलोनी में हुई थी.

बूम से बात करते हुए उज्जैन के जीवाजीगंज थाना प्रभारी ने स्पष्ट किया कि 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' लगाने का मामला गीता कॉलोनी में आया था.

बूम ने उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला से संपर्क किया, जिसमें उन्होंने वायरल दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि दोनों मामले अलग हैं, इनका आपस में कोई लेना देना नहीं है. पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने वालों पर कार्यवाई में अब तक 15 लागों पर 124 (ए) और 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं आतिक्रमण हटाने का मामला सरकारी ज़मीन से जुड़ा है. यह दोनों मामले एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं.

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बूम स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता कि उज्जैन की गीता कॉलोनी में पाकिस्तान समर्थित नारे लगाये गए थे या नहीं.

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