पिछले हफ़्ते सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें, व्हाट्सएप संदेश और वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल रहे. सोशल मीडिया यूज़र्स ने इन वायरल फ़र्ज़ी और भ्रामक दावे वाले पोस्ट्स पर विश्वास करते हुए सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म पर बड़ी संख्या में शेयर किया. बूम ने जब इन वायरल तस्वीरों और वीडियो की जांच की तो ये दावे फ़र्ज़ी निकले.
बूम की इस साप्ताहिक सीरीज़ 'हफ़्ते की पांच फ़र्ज़ी ख़बरें' में जो फ़र्ज़ी ख़बरें शामिल है उनमें कुर्ता-पजामा पहनने पर शिक्षक को डांटने वाले लखीसराय के डीएम की बताकर शेयर की गई तस्वीर, केदारनाथ में 26 साल की उम्र में योग करते पीएम मोदी का वीडियो, राजस्थान में कांस्टेबल संदीप चौधरी पर मुस्लिमों द्वारा हमले का दावा, कैंसर का इलाज नहीं होने पर मरीज़ द्वारा ज़मीन में पैसे फेंकने के दावे से वायरल तस्वीर और सरकार द्वारा व्हाट्सएप मैसेज की निगरानी करने के दावे से वायरल पोस्ट, शामिल हैं.
1. लखीसराय में शिक्षक को डांटने वाले डीएम ख़ुद कुर्ता-पजामा पहनकर घूम रहे हैं?
वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा ग़लत है. तस्वीर में कुर्ता पहने शख्स लखीसराय के डीएम नहीं बल्कि पूर्व ज़िला परिषद् अध्यक्ष रामशंकर शर्मा हैं.
नहीं, फ़ोटो में कुर्ता पहने शख़्स लखीसराय में शिक्षक को डांटने वाले डीएम नहीं हैं
2. केदारनाथ में 26 साल की उम्र में योग करते पीएम मोदी का वीडियो
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स केदारनाथ के पुरोहित संतोष त्रिवेदी हैं ना कि प्रधानमंत्री मोदी.
केदारनाथ में योग करते पुरोहित का वीडियो पीएम मोदी का बताकर वायरल
3. कन्हैयालाल के हत्यारों की गिरफ़्तारी से नाराज़ मुस्लिमों ने कांस्टेबल संदीप चौधरी पर किया हमला
बूम ने पाया कि पुलिस कांस्टेबल संदीप चौधरी पर हमले के लिए गिरफ़्तार किए गए लोग हिंदू समुदाय हैं और इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल संदीप चौधरी पर मुस्लिमों ने नहीं किया हमला
4. कैंसर का इलाज नहीं होने पर मरीज़ ने अस्पताल में फेंके पैसे?
बूम ने अपनी जांच में पाया वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा ग़लत है. हमारी जांच में सामने आया कि चीन में यह एक प्रेमी युगल के बीच झगड़े का मामला था जिसमें प्रेमी ने नाराज़ होकर पैसे फेंक दिए थे.
कैंसर का इलाज़ न होने पर निराश होकर चीन में मरीज़ ने फेंके रुपये? फ़ैक्ट चेक
5. व्हाट्सएप मैसेज और कॉल की निगरानी के लिए नए संचार नियम लागू होंगे?
बूम ने पाया कि वायरल मैसेज में कोई सच्चाई नहीं है. व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने इस दावे को ख़ारिज करते हुए इसे मनगढ़ंत बताया है.