सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भयंकर ठंड और बर्फ़ में एक तपस्वी हिमालय की गोद में बैठकर तपस्या कर रहा है. तस्वीर में एक जटाधारी साधु शरीर में कोई पदार्थ लपेटे ध्यानमग्न है. पहली नज़र में ऐसा लगता है जैसे साधु की शरीर पर बर्फ़ जमी हो.
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इस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करते हुए एक यूजर ने कैप्शन में लिखा, "रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम, ईश्वर तुलसी शालीग्राम सत्य सनातन धर्म महान. हम साधारणतः 7 डिग्री में कांपने लगते हैं। ये तपस्वी हिमालय के गोद मे तपस्या करते हुए कोटि प्रणाम, ॐ नमः शिवाय."
फ़ैक्ट-चेक
बूम ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए इसे गूगल रिवर्स इमेज किया तो हमें ये तस्वीर 18 June 2019 की एक फ़ेसबुक पोस्ट पर मिली. पोस्ट में तस्वीर के साथ लिखा था 'बाबा भाले गिरी जी महराज की जय हो पंच दशनाम जूना अखाड़ा.'
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भालेगिरी जी महाराज की कई अन्य तस्वीरें भी उसी फ़ेसबुक पेज पर, यहाँ और यहाँ देखी जा सकती है। इन तस्वीरों में कहीं भी यह साधु हिमालय में बर्फ़ से ढके योगी की तरह नहीं दिख रहे हैं.
बूम ने यहां से हिंट लेते हुए 'Baba Bhale Giri Ji maharaj' के बारे में गूगल सर्च किया तो पाया कि ये बाबा पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महंत हैं और हरियाणा के बहलोलपुर में पराशर ऋषि के तीर्थ स्थल में महंत हैं. बूम ने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया तो पाया कि 2019 में महंत जी ने 31 दिनों तक अग्नि तप किया था जिसकी आस पास के इलाके में बहुत चर्चा हुई थी.
बूम ने कई वीडियो में देखा की महंत के शिष्य उनके शरीर में उपलों की राख मल रहे हैं. धीरे धीरे साधु के पूरे शरीर को ही राख से ढक दिया जाता है. इस वीडियो में साफ़-साफ़ दिख रहा है कि साधु के शरीर में राख लपेटी जा रही है. वीडियो को ध्यान से देखने पर स्पष्ट होता है कि वायरल तस्वीर Bhale Giri Maharaj की ही है.
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हालांकि बूम ये पता लगाने में असमर्थ रहा की वायरल तस्वीर किसने और कब खींची है लेकिन ये सत्य है की ये तस्वीर bhale giri maharaj की ही है जो अग्नि तपस्या कर रहे हैं.