बीते दिनों 3 जून को बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर अभिनीत 'सम्राट पृथ्वीराज' (Samrat Prithviraj) रिलीज़ हुई. फ़िल्म कई वजहों से चर्चा में रही और इसे लेकर कई विवाद भी उभरे.
गुर्जर समाज से जुड़े संगठनों ने पृथ्वीराज चौहान की जाति को लेकर सवाल खड़ा करते हुए कई जगह ऐलान किया कि अगर फ़िल्म में पृथ्वीराज चौहान को राजपूत बताया गया तो वे फ़िल्म की स्क्रीनिंग नहीं होने देंगे. समाज से ही जुड़े एक संगठन ने इस मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका डालकर फ़िल्म पर रोक लगाने की भी मांग की लेकिन फ़िल्म निर्माताओं के पक्ष से जवाब मिलने के बाद इस केस को दो जजों की बेंच ने बंद कर दिया.
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अब दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किए गए इसी याचिका से जोड़कर एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है. समाचार चैनल एबीपी न्यूज़ (ABP News) का लोगो लगे इस स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि 'दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि फ़िल्म में राजपूत नहीं दिखाया जाएगा क्योंकि सम्राट पृथ्वीराज चौहान गुर्जर थे'.
यह स्क्रीनशॉट अलग अलग कैप्शन के साथ फ़ेसबुक और ट्विटर पर काफ़ी वायरल है.
वीर गुर्जर रामप्रसाद नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने इस स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा 'राजपूत नही थे पृथ्वीराज चौहान दिल्ली हाइकोर्ट ने गुर्जरों के पक्ष में सुनाया फैसला साथ ही मूवी में कही भी नही किया जायेगा राजपूत शब्द का इस्तेमाल यशराज फिल्म्स को दिये आदेश.'
वहीं द ग्लोरियस जाट्स नाम के फ़ेसबुक पेज से इस स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा गया है 'गुर्जरों को सलाम, उनके संघर्षो की जीत हुई। लेकिन बावले जाट है जिनके पुरखों ने रामलाल खोखर जाटों ने चौहान के कातिल गोरी को मारा, लेकिन सम्राट पृथ्वीराज चौहान फिल्म में चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण दोहे से जाटों के इतिहास को मिटाने की नापाक कोशिश की लेकिन कोई जाट नहीं बोल रहा. शर्म आनी चाहिए जाटों को'.
वायरल पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट की पड़ताल के लिए सबसे पहले एबीपी न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर इससे जुड़ी ख़बरों को खोजना शुरू किया तो हमें फ़िल्म से संबंधित कई सारी न्यूज़ रिपोर्ट मिली, लेकिन ऐसी कोई ख़बर नहीं मिली जो वायरल दावे से संबंधित हो.
हालांकि हमें शुरू से ही स्क्रीनशॉट संदिग्ध लग रहा था इसलिए हमने एबीपी न्यूज़ पर हाल के दिनों में ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए उपयोग किए टेम्पलेट को खोजा, तो हमने पाया कि स्क्रीनशॉट में दिख रहा टेम्पलेट और चैनल पर मौजूद वीडियो का टेम्पलेट काफ़ी अलग है.
इतना ही नहीं वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रहा फॉन्ट और एबीपी न्यूज़ का लोगो भी चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो में दिख रहे फॉन्ट और लोगो से काफ़ी अलग है. स्क्रीनशॉट में दिख रहा लोगो एबीपी न्यूज़ का पुराना लोगो है जिसे साल 2020 में बदल दिया गया था.
जांच के दौरान हमें एबीपी न्यूज़ के ट्विटर अकाउंट पर वायरल स्क्रीनशॉट को लेकर किया गया एक ट्वीट भी मिला. ट्वीट में टीवी चैनल ने लिखा है कि 'abp न्यूज़ के नाम से एक फर्जी स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. ऐसी कोई भी खबर abp न्यूज़ पर प्रसारित नहीं की गई है'.
गौरतलब है कि गुर्जर समाज सर्व संगठन नाम के एक संगठन ने फ़िल्म सम्राट पृथ्वीराज के निर्माता यश राज फ़िल्म्स के खिलाफ़ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए फ़िल्म पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि फ़िल्म में पृथ्वीराज चौहान को गलत तरीक़े से राजपूत बताया जा रहा है जबकि उनके गुर्जर जाति से संबंध रखने के साक्ष्य मौजूद हैं.
बाद में जस्टिस विपिन सांघी की पीठ के सामने यश राज फ़िल्म्स की तरफ़ से प्रस्तुत हुए वकीलों ने इस मामले में जवाब दायर करते हुए कहा कि फ़िल्म में यह कहीं भी दर्शाया नहीं गया है कि पृथ्वीराज चौहान का संबंध अमुक जाति से है. फ़िल्म निर्माता के जवाब दायर करने के बाद अदालत ने इस याचिका को निरस्त कर दिया.
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