सोशल मीडिया पर एक ग्राफ़िक इस दावे से वायरल है कि यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीय नागरिक अगर अपने घर और गाड़ी पर भारतीय तिरंगा लगायेंगे तो उन्हें रूसी (Russian army) सेना का खोजी दस्ता सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएगा. यह दावा रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई कुज़ुगेतिविच शोइगु के हवाले से किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा ग़लत है. रूस ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों को तिरंगा लगाने जैसी कोई सलाह नहीं दी.
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वायरल ग्राफ़िक पर रूस (Russia) के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु की तस्वीर के साथ लिखा है 'यूक्रेन में जो भारतीय घर और गाड़ी पर तिरंगा लगा लेंगे. उनसे रूसी सैनिक कुछ नहीं कहेंगे. अलबत्ता उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्वयं पहुंचाया रूस की सेना का खोजी दस्ता. Sergey Kuzhugetivich Shoigu- General of the Army Defence Russian Federation . कुछ तो दम है हमारे चाय वाले में'.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वायरल ग्राफ़िक शेयर करते हुए लिखा, "और लोग कहते है की मोदी केवल विदेश घूमते है."
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हमें यही वायरल ग्राफ़िक हमारे टिपलाइन नंबर पर प्राप्त हुआ.
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बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा ग़लत है. रूस ने यूक्रेन में मौजूद भारतीय नागरिकों को तिरंगा लगाने जैसी कोई सलाह नहीं दी, बल्कि भारत की ओर से ही अपने नागरिकों को यह सलाह दी गई है कि वो अपनी गाड़ियों में तिरंगा लगाकर रखें.
बूम ने वायरल दावे के संबंध में जब खोजबीन शुरू की तो हमें ऐसी कोई ख़बर नहीं मिली जिसमें रूस ने यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को तिरंगा लगाने की सलाह देने की बात रिपोर्ट की गई हो. यदि रूस की ओर से ऐसी कोई सलाह दी गई होती तो निश्चित तौर पर यह ख़बर सुर्ख़ियों में रहती.
हालांकि, भारत ने ज़रूर यूक्रेन में फंसे भारतीयों को अपनी गाड़ियों में तिरंगा चिपकाकर चलने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि 26 फ़रवरी 2022 को प्रकाशित दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने अपने सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से लगे यूक्रेन के इलाक़ों में आते समय अपने वाहनों पर तिरंगा चिपकायें.
वहीं, द प्रिंट पर 26 फ़रवरी को प्रकाशित रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के हवाले से लिखा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षा के लिए अपने वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज ले जाने की सलाह दी जाती है.
"हमने उन छात्रों से कहा है जो बाइक, कार और बसों में यात्रा कर रहे हैं, वाहनों पर प्रमुखता से भारतीय ध्वज लगायें. जो लोग झंडे की तस्वीरें नहीं ले रहे हैं, उन्हें सोशल मीडिया के जरिए झंडे भेजे गए हैं. रूस ने वादा किया है कि वह भारतीय छात्रों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करेगा. हमने उन्हें भारतीय झंडे के साथ यूक्रेन की सीमा तक पहुंचने के लिए कहा है," केंद्रीय मंत्री ने कहा.
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न्यूज़ वायर एजेंसी ANI ने एक ट्वीट के साथ हंगरी स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी की गयी नोटिस शेयर की, जिसमें भारतीय झंडे का ज़िक्र है.