फ़ेसबुक पर डायबिटीज़ (मधुमेह) की एक दवा का प्रचार करते हुए मशहूर टीवी एंकर्स के वीडियोज की भरमार है. सभी वीडियोज में एंकर्स एक ही बात को समान लहजे में बोलते हुए नज़र आ रहे हैं. सोशल मीडिया यूज़र्स इन्हें डायबिटीज़ की दवा के प्रचार के वास्तविक वीडियो समझते हुए शेयर कर रहे हैं.
वीडियो में एंकर्स बोलते हैं कि "एक भारतीय डॉक्टर ने एक दवा विकसित की है जो एक ही खुराक में ब्लड शुगर को सामान्य कर देती है! वह इस परिणाम में इतना विश्वास करते हैं कि वह आपको डायबिटीज को ठीक नहीं करने पर 100 मिलियन रुपए देंगे! इस जानकारी को नीचे दी गई लिंक पर पढ़ें क्योंकि यह प्रस्ताव अज ही समाप्त हो जाता है."
बूम ने अपनी जांच में पाया कि ये सभी वीडियो एडिटेड हैं. संभवता सभी एआई टूल्स की मदद से एंकर्स की वॉइस क्लोन को इस्तेमाल कर बनाये गए हैं.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने एनडीटीवी (NDTV) के पूर्व एंकर और यूट्यूबर रवीश कुमार का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'भारत से मधुमेह रोगियों के लिए अत्यावश्यक सूचना."
ऐसा ही एक अन्य वीडियो 'आज तक' की एंकर अंजना ओम कश्यप का शेयर किया जा रहा है. जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है.
आजतक के एंकर सुधीर चौधरी का ऐसा ही एक वीडियो का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है जिस पर डायबिटीज़ की दवा के बारे में लिखा है. इसके अलावा, रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी का ऐसा ही एक स्क्रीनशॉट भी वायरल हो रहा है. सुधीर चौधरी का वायरल स्क्रीनशॉट से अलग एक अन्य वीडियो भी है जिसमे वह डायबिटीज़ की बीमारी को लेकर एक डॉक्टर के बारे में बता रहे हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियोज को ध्यानपूर्वक देखा तो स्पष्ट समझ आ रहा है कि वीडियो से जो आवाज आ रही है वह एंकर्स के होठों के मूवमेंट से मैच नहीं कर रही है. इससे हमें इनके एडिटेड होने का अंदेशा हुआ.
सबसे पहले हमने रवीश कुमार की वीडियो को लेकर पड़ताल की. रवीश कुमार के यूट्यूब चैनल पर जाकर खोजने पर इससे मिलता-जुलता वीडियो हमें 15 अक्टूबर 2023 को अपलोड किया हुआ मिला. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दी गयी जानकारी के मुताबिक यह वीडियो उद्योगपति गौतम अड़ानी को लेकर आयीं पांच मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. पूरी वीडियो में कहीं भी रवीश कुमार किसी डायबिटीज़ की दवा का प्रचार नहीं करते हैं.
इस वीडियो के शुरू में रवीश कुमार की जो भाव भंगिमा एवं हाथों का मूवमेंट नज़र रहा है वह हूबहू वायरल वीडियो के समान है. हालंकि जो वह बोल रहे हैं वह बिलकुल अलग है. अधिक स्पष्टता के लिए नीचे हमने वायरल वीडियो और इस वीडियो के शुरुवाती हिस्से की तुलना की है.
आगे हमने वायरल वीडियो के सन्दर्भ में रवीश कुमार से संपर्क किया. उन्होंने कहा, "यह फ़ेक है, मैंने ऐसा कोई एड नहीं किया है."
इससे स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो एडिटेड है और उसमें इस्तेमाल की गयी ऑडियो फ़र्ज़ी है. पूरी सम्भावना है कि वायरल वीडियो में रवीश कुमार की आवाज को एआई टूल्स की मदद से क्लोन कर इस्तेमाल किया हो.
इसके बाद हमने एंकर अंजना ओम कश्यप का वीडियो देखा जिसमें वह डाइबिटीज़ की दवा के बारे में बता रही हैं. अंजना ओम कश्यप के होठों का मूवमेंट, वायरल वीडियो में बोले जा रहे शब्दों से मैच नहीं कर रहा है. बिलकुल इसी तरह, एंकर सुधीर चौधरी के होठों का मूवमेंट भी उनके द्वारा बोले जा रहे शब्दों से मैच नहीं करता है.
इससे स्पष्ट होता है कि ये वीडियो भी एडिटेड हैं और इनमें इस्तेमाल की गयी ऑडियो फ़र्ज़ी है. आगे हमने असल वीडियो ढूंढने का प्रयास किया जिनपर ये ऑडियो जोड़ी गयी हैं लेकिन असफल रहे. बूम ने अंजना ओम कश्यप और सुधीर चौधरी से भी संपर्क करने का प्रयास किया है. उनसे संपर्क होते ही स्टोरी को अपडेट कर दिया जाएगा.
इसके बाद हमने वायरल वीडियोज से रवीश कुमार, अंजना ओम कश्यप और सुधीर चौधरी की ऑडियो निकालकर एआई टूल्स से जनरेटेड ऑडियो को डिटेक्ट करने वाले एक टूल (AI Voice Detector) पर चेक किया. इसके मुताबिक़, रवीश कुमार की वायरल वीडियो में इस्तेमाल की गयी ऑडियो 77% तक एआई टूल की मदद से तैयार की गई है. वहीं, अंजना ओम कश्यप की 60% और सुधीर चौधरी की 41% वॉइस एआई टूल की मदद से तैयार की गई है.
अंत में हमने रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी के स्क्रीनशॉट को लेकर पड़ताल की लेकिन अर्नब गोस्वामी का ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला जिसमें वह डायबिटीज़ की दवा का प्रचार कर रहे हों. संभव है कि यह स्क्रीनशॉट भी ऊपर वाले वीडियोज की तरह किसी फ़र्ज़ी वीडियो का हो. हालाँकि बूम इसकी पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं करता है.
बूम इससे पहले एआई टूल की मदद से तैयार सद्गुरु की फ़र्ज़ी आवाज वाले एडिटेड विज्ञापनों को फैक्ट चेक कर चुका है. यहां देखें.
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