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फैक्ट चेक

भारतीय संविधान में संशोधन पर पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई का यह ट्वीट फ़र्ज़ी है

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के नाम पर फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट का यह पहला मामला नहीं है. बूम ने पिछले दिनों में ऐसे कई ट्विटर हैंडल और ट्वीट को ख़ारिज किया है.

By - Mohammad Salman | 14 Jun 2021 4:33 PM GMT

सोशल मीडिया पर एक एडिटेड ट्वीट (Tweet) का स्क्रीनशॉट वायरल है. पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई (Ex CJI Ranjan Gogoi) के नाम पर शेयर किये गए ट्वीट में लिखा है, मुस्लिम (Muslim), बौद्ध (Buddhists) और ईसाई (Christian) धर्म के त्योहार (Festival) कैसे मनाया जायेगा यह उनके समाज के लोग तय करते हैं, जबकि हिन्दुओं (Hindu) के त्योहार को भारतीय कोर्ट तय करता है. भारतीय संविधान (Indian Constitution) के मूलक में अब संशोधन (Amendment) किया जाना चाहिए. यूज़र्स ट्वीट को सही मानते हुए ख़ूब शेयर कर रहे हैं.

बूम ने पाया कि वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है और इसे एडिट करके ट्वीट की शक्ल दी गई है. पूर्व सीजेआई ट्विटर पर मौजूद नहीं हैं. 

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वायरल ट्वीट में लिखा है, "मुस्लिम", "बौद्ध" और "ईसाई" अपने अपने "त्योहार" कैसे मनाएंगे? यह उनके "समाज" के लोग तय करेंगे, लेकिन #हिन्दू अपने "त्योहार" कैसे मनाएंगे? यह भारत का कोर्ट तय करेगा ! भारतीय संविधान के "भेदभाव" मूलक अनुच्छेद 25, 26, 27, 28, 29, 30 और 31 में अब "संशोधन" किया जाना चाहिए."

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

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बूम ने जब वायरल ट्वीट की वास्तविकता जांचने के लिए ट्विटर हैंडल @RanjanGogoii – को सर्च किया तो हमें यह हैंडल नहीं मिला. इससे स्पष्ट हो गया कि रंजन गोगोई के नाम पर बनाये गया यह हैंडल अब ट्विटर पर मौजूद नहीं है.

ट्वीट में किये गए दावे को हमने सर्च किया तो पाया कि ट्वीट में कही गई बातें पहले भी पोस्ट के रूप में शेयर किया जा चुका है.

ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि दूसे धर्म के त्योहारों पर टिप्पणी को पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन के नाम पर फ़र्ज़ी ट्वीट किया जा रहा है, ताकि लोग इसे सच मानें.

बूम ने पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई से संपर्क किया था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि वो ट्विटर पर एक्टिव नहीं हैं. हमने पहले भी जस्टिस रंजन गोगोई के नाम पर बने कई फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल का खंडन किया है.

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ट्विटर पर हैं ही नहीं, वायरल ट्वीट फ़र्ज़ी है

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