कोरोना वैक्सीन लगने के बाद शरीर में आई चुंबकीय शक्ति? फ़ैक्ट चेक
वायरल वीडियो में दिख रहे एक शख़्स ने अपने शरीर में ढेर सारे चम्मच और सिक्के चिपकाये हुए हैं. दावा किया जा रहा है कि COVID 19 की वैक्सीन लगवाने के बाद उनके शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई है.
सोशल मीडिया की नई सनसनी इन दिनों एक वायरल वीडियो है जिसमें महाराष्ट्र के एक शख़्स के शरीर में ढेर सारे चम्मच और सिक्के चिपक रहे हैं. कई मराठी न्यूज़ चैनलों और वेबसाइट्स में भी इस खबर के बारे में लिखा गया कि 'कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद इस शख़्स के शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई है.'
फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो इस दावे के साथ शेयर हो रहा: 'Magnetic man of India'.
इस वीडियो में नासिक के अरविंद सोनार (71) दिख रहे हैं जिसमें उनका बेटा ढ़ेर सारे सिक्के,चम्मच और प्लेट उनके शरीर के ऊपरी हिस्से में रखता है. जैसे ही वह इसे शरीर में रखता है ये चीज़ें तुरंत अरविंद के शरीर से ऐसे चिपक जाती हैं मानों चुम्बक में लोहा चिपकता हो. बीबीसी,नवभारत टाइम्स और तमाम मेनस्ट्रीम मीडिया संस्थानों में इस पर खबर बनाई और अरविंद सोनार से इस मामले पर बातचीत भी की. बीबीसी की वीडियो स्टोरी में अरविंद ये कह रहे हैं कि उन्हें एक व्हाट्सएप फ़ॉर्वर्ड आया था जिसके बाद उन्होंने ये प्रयोग किया और देखा कि सच में ऐसा हो रहा है.
फैक्ट चेक:
बूम ने सबसे पहले अरविंद सोनार का पता लगाया और उनसे सीधे इस वीडियो और उससे जुड़े दावे पर बातचीत की. अरविंद के परिवार वालों ने कहा कि उन्होंने कभी भी ये वीडियो इस लिये नहीं बनाया कि वैक्सीन को लेकर भ्रामक जानकारी फैलायें या वैक्सीन को इसका ज़िम्मेदार ठहरायें. "हम बस इसका कारण जानना चाहते थे कि ऐसा क्यों हो रहा है," उन्होंने बूम को बताया.
अरविंद के बेटे जयंत सोनार ने ये बात ज़ोर देकर कही कि वो बिल्कुल भी लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर भ्रम नहीं फैलाना चाहते थे. "हम बस व्हाट्सएप फ़ॉरवर्ड में जो कहा गया था उसका प्रयोग कर रहे थे," जयंत ने हमें बताया.
जयंत ने कहा, "मुझे व्हाट्सएप पर ढ़ेर सारे मैसेज आये थे जिसमें कहा जा रहा था कि वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में लोहा चिपक जा रहा है. मैंने भी अपने माँ और पिताजी से बताया और कहा कि प्रयोग करके देखते हैं. वो आगे कहते हैं, "मेरी माँ के शरीर में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा था जबकि पिताजी के शरीर में चीजें चिपक रही थीं. हम जानते हैं कि ये वैक्सीन की वजह से नहीं हो रहा है पर ये क्यों हो रहा है इसकी वजह हमें जाननी है."
बूम ने इस दावे के के संबंध में नासिक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के मेडिकल अधिकारी डॉ. बापूसाहेब नागरगोजे से बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि ये चुंबकीय शक्ति का मामला कोरोना वैक्सीन से जुड़ा नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरे ज़िले में इसके अलावा इस तरह की कोई भी शिकायत नहीं आई है. अरविंद को जो वैक्सीन लगी है बिल्कुल वही वैक्सीन लगभग चार लाख लोगों को लग चुकी है. किसी भी व्यक्ति से कोई शिकायत अब तक नहीं मिली है कि उनके शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई है.
सोनार परिवार का क्या कहना है?
जयंत ने बूम को बताया कि जैसे ही उन्होंने देखा कि मीडिया में इस तरह की खबरें फैलने लगी हैं कि उनके पिता के शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई है उन्होंने तुरंत नरेन्द्र दाभोलकर द्वारा स्थापित अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (MANS) में संपर्क किया जिससे कोई ग़लत जानकारी ज़्यादा न फैले. बूम ने MANS के एक सदस्य प्रशांत पोद्दार से संपर्क किया जो अरविंद के परिवार में ये जानने गये थे कि आख़िर हो क्या रहा है. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैलती है जब इसे हाथ में इंजेक्ट किया जाता है. इसलिये यदि उस वैक्सीन में चुंबकीय शक्ति है तो पूरा शरीर एक चुंबक बन जाना चाहिये. पोद्दार ने यह भी कहा कि पहली नज़र में तो ये झूठ लग रहा था कि कोविशील्ड लगने से कैसे किसी के शरीर में चुंबकीय गुण आ सकता है. उन्होंने कहा कि विज्ञान में सिर्फ़ एक घटना से कुछ साबित नहीं होता. हमें और शोध और सत्यापन की ज़रूरत है इस मामले में. स्टेनलेस स्टील हमेशा चुंबक से ही आकर्षित नहीं होता हो सकता है कोई और कारण हो.
बूम ने Indian Scientists Response to COVID-19 के संस्थापक और बॉयोइंफॉर्मेटिक्स के रिटायर्ड प्रोफ़ेसर डॉ. संकरण कृष्णास्वामी से इस मामले को समझने की कोशिश की कि आख़िर क्या वजह हो सकती है कि शरीर से चीजें चिपक रही हैं. उन्होंने कहा कि," ये मामला वैक्सीन से जुड़ा नहीं है. बचपन में हम सब अपने माथे पर सिक्का चिपका लेते थे क्योंकि चमड़ी में थोड़ी चिपचिपाहट रहती थी. अगर थोड़ी भारी चीजों को चिपचिपी चमड़ी पर ज़ोर से दबाया जाये तो वो चिपक जायेगी थोड़ी देर के लिये. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई हो."
एक बार साल 2011 में सर्बिया में इसी तरह की खूब खबरें वायरल हुई थीं जिसमें कहा गया कि एक सात साल की बच्ची के शरीर में चुंबकीय शक्ति आ गई है. बाद में एक मैग्जीन के एडिटर बेंजामिन रैडफोर्ड ने बताया कि ये इसलिये हो रहा है क्योंकि जो चीजें चिपक रही हैं उनकी सतह बहुत चिकनी होती है जिससे वो चमड़ी में चिपक जाती हैं.