HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

क्या पुण्य प्रसून बाजपेई ने पीएम मोदी से जुड़ा ख़ुलासा किया है? फ़ैक्ट चेक

वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मशहूर पत्रकार ने ख़ुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगले में छापा पड़ा है. क्या है सच्चाई, जानिए इस रिपोर्ट में.

By - Mohammad Salman | 6 July 2021 5:58 PM IST

वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई की एक वीडियो जिसमें वो भारत के चुनाव में काला धन, विनिवेश और निजीकरण पर चर्चा कर रहे हैं, फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है. वीडियो के साथ एक अन्य वीडियो को दूसरे फ्रेम में चलाया गया है और दावा किया जा रहा है कि मशहूर पत्रकार ने ख़ुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगले में छापा पड़ा है.

बूम ने पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. वीडियो में दिखने वाले पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई हैं और उन्होंने अपनी वीडियो में इस तरह का कोई ख़ुलासा नहीं किया.

दुनिया के 50 सबसे ईमानदार लोगों की लिस्ट में मनमोहन सिंह टॉप पर? फ़ैक्ट चेक

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि स्क्रीन पर दो अलग अलग फ्रेम्स में दो वीडियो क्लिप चल रही हैं. पहली क्लिप में वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई चुनावों में करोड़ों रुपये खर्च, विनिवेश और सरकारी संस्थाओं के निजीकरण के मुद्दे का विश्लेषण कर रहे हैं, जबकि दूसरी क्लिप में हज़ार, दो हज़ार के नए और पुराने नोटों की गड्डियां दिख रही हैं.

टीवी चैनल नाम के फ़ेसबुक पेज ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में दावा किया कि "अभी-अभी PM मोदी के अरबों के बंगले में पडी़ रेड,मशहूर पत्रकार का जबरदस्त खुलासा लाइव." इस वीडियो को अब तक 34 हजार से ज़्यादा लाइक्स मिल चुके हैं जबकि एक मिलियन से ज़्यादा देखा जा चुका है.

Full View



वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें. 

गुजरात में दिल्ली दंगों के आरोपी की गिरफ़्तारी के रूप में वायरल वीडियो का सच

फ़ैक्ट चेक

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो क्लिप वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 1 जुलाई 2021 को अपलोड की गई वीडियो से ली गई है. "Political Corruption: कैसे विनिवेश और निजीकरण इक्नामिक रिफार्म नहीं पॉलेटिकल लूट है…" शीर्षक वाली इस वीडियो में पुण्य प्रसून बाजपेई लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हर सीट पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपये, विनिवेश और सरकारी संस्थाओं के निजीकरण के मुद्दे का विश्लेषण करते हैं.

वरिष्ठ पत्रकार अपनी इस वीडियो में निजीकरण के नाम पर होने वाले इकॉनोमिक रिफ़ॉर्म को राजनीतिक लूट करार देते हैं. वीडियो में वो आगामी यूपी विधानसभा चुनाव में संभवतः खर्च होने वाले लाखों करोड़, बैंकों के एनपीए, एलआईसी और निजीकरण से मिलने वाले सरकारी मुनाफ़े को किस तरह चुनाव में इस्तेमाल किया जाता है, इन तमाम मुद्दों पर बाजपेई अपनी बात रखते हैं.

Full View

उन्होंने इस पूरे वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा ऐसा कोई ख़ुलासा या टिप्पणी नहीं की, जैसा कि वायरल वीडियो के साथ दावा किया गया है. हालांकि, वीडियो में एकाध जगह उन्होंने विनिवेश और निजीकरण की नीतियों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को 'प्रधान सेवक' कहकर ज़रूर संबोधित किया.

बूम ने पाया कि यूट्यूब वीडियो के शुरुआती 10 मिनट की क्लिप काटकर इसे बेबुनियाद दावे के साथ शेयर किया गया है.

बूम ने आगे अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के दूसरी क्लिप में जो नोटों की गड्डी दिख रहीं है, वो दरअसल इनकम टैक्स के अलग-अलग छापों में ज़ब्त किये गए पैसों की तस्वीरें हैं, जिसे वीडियो एडिटिंग ऐप KINEMASTER की मदद से वीडियो की शक्ल दी गई है.


वायरल वीडियो की शुरुआत में 2 हजार के नोटों की गड्डियों के साथ दो लोगों को दिखाने वाली तस्वीर साल 2017 में कर्नाटक के कांग्रेस नेता डी शिवकुमार के घर में इनकम टैक्स अधिकारियों के छापे के दौरान क्लिक की गई थी.


इसी तरह भाषण देते हुए नेता को दिखाता स्केच काले धन के संबंध में है. यह तस्वीर हमें द इकॉनोमिक टाइम्स की एक 2014 की रिपोर्ट में मिली. इसके बाद अगली स्लाइड में 500 के नोटों की गड्डी दिखाती तस्वीर हमें डेक्कन क्रॉनिकल की दिसंबर 2014 की एक रिपोर्ट में मिली. इसके बाद अगली तस्वीर जिसमें 1000-500 के नोट हैं, इंडिया टीवी न्यूज़ की 2014 की एक रिपोर्ट में मिली. वीडियो में दिखने वाली अगली स्लाइडनुमा तस्वीर जिसमें काले कपड़ों में दो लोगों को नोटों के बंडल को रखते हुए देखा जा सकता है, एक व्यवसायी के घर से बरामद किये गए थे. 

वायरल क्लिप की अगली स्लाइड में चार सूटकेस में 1000-2000 और 100 के नोट दिखाती तस्वीर एनडीटीवी की 2016 की रिपोर्ट में मिली, जिसमें बताया गया है कि इनकम टैक्स के छापों में देश के अलग-अलग हिस्सों से 3100 करोड़ रुपये के नए और पुराने नोट ज़ब्त किये गए हैं. अगली तस्वीर हमें डेक्कन हेराल्ड द्वारा प्रकाशित 2016 की एक रिपोर्ट में मिली.

बूम ने पाया कि वीडियो क्लिप में दिखाई गई तस्वीरें पुरानी हैं और काले धन से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट व  नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स के छापों में नोटों की बरामदगी दिखाती हैं. 

हमने पुण्य प्रसून बाजपेई से इस मामले पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया है. उनका जवाब मिलते ही उसे इस रिपोर्ट में अपडेट कर दिया जायेगा.

नवीनीकरण के बाद ऐसा दिखता है विश्वनाथ मंदिर? वायरल वीडियो का सच

Tags:

Related Stories