सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि इतिहास में पहली बार यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने हमारे देश के प्रधानमंत्री को खाने के लिए अपने महल में आमंत्रित किया और शाही परिवार ने उनके साथ फ़ोटो भी खिंचवाया है.
सोशल मीडिया यूज़र्स पीएम मोदी की आलोचना करने वालों को घेरते हुए वीडियो को शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. इससे पहले भी अन्य भारतीय प्रधानमंत्रियों को यूनाइटेड किंगडम के शाही परिवार ने भोज के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि यह वीडियो डेनमार्क के शाही परिवार के साथ भोज का है यूके के शाही परिवार से कोई सबंध नहीं है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "यह पहली बार है कि यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने हमारे देश के प्रधान मंत्री को अपने घर भोज के लिए उनके साथ बैठने के लिए आमंत्रित किया था और उनके अच्छे व्यक्तित्व के लिए उन्हें जो सम्मान मिला, जब शाही परिवार ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाया. ये न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदीजी बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है."
फ़ेसबुक पर इसी दावे से कई यूज़र्स ने शेयर किया है जिसे यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 04 मई 2022 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट मिला. ट्वीट में वायरल वीडियो के दृश्यों के समान कई तस्वीरें सलंग्न हैं. ट्वीट के साथ कैप्शन था "कोपेनहेगन में डेनमार्क साम्राज्य की महारानी मार्ग्रेथ द्वितीय से मुलाकात हुई."
आगे हमें इस सम्बन्ध में हिंदुस्तान टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर 04 मई 2022 को अपलोड किया हुआ वीडियो मिला. वीडियो में दिए गए डिस्क्रिप्शन के अनुसार, 'कोपेनहेगन में डेनमार्क साम्राज्य की महारानी मार्ग्रेथ द्वितीय ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. पीएम मोदी ने ऐतिहासिक अमालिएनबोर्ग पैलेस में शाही परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. इसके अलावा, पीएम मोदी ने डेनमार्क साम्राज्य की महारानी द्वारा महल में आयोजित रात्रिभोज में भी भाग लिया."
इस वीडियो में हम वायरल वीडियो के दृश्य देख सकते हैं.
आगे हमें प्रधानमत्री मोदी के इस दौरे से सम्बंधित भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज़ मिली. 27 अप्रैल 2022 की इस प्रेस रिलीज़ में दी गयी जानकारी के अनुसार, 'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 02-04 मई 2022 को जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की आधिकारिक यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डेनमार्क के प्रधानमंत्री सुश्री मेटे फ्रेडरिकसेन के निमंत्रण पर कोपेनहेगन की आधिकारिक यात्रा करेंगे'.
हालांकि पीएम मोदी की इस यात्रा से पहले भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने 1957 और डॉ. मनमोहन सिंह ने 2009 में भी डेनमार्क की यात्रा की थी.
इसके बाद हमने पीएम मोदी के ब्रिटेन यात्रा और वहां के शाही परिवार से मुलाकात को लेकर सर्च किया तो पीएम मोदी के अधिकारिक एक्स हैंडल पर 8 सितंबर 2022 का ट्वीट मिला. इस ट्वीट में पीएम मोदी ने 2015 और 2018 के अपने यूके दौरे के दौरान क्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय से हुई मुलाकात को याद किया. पीएम मोदी को महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने बकिंघम पैलेस में आमंत्रित किया था. इस सम्बन्ध में यहां और यहां देखें.
आगे सर्च किया तो पाया कि बकिंघम पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले भी अन्य भारतीय प्रधानमंत्री को शाही भोज पर आयोजित किया जा चुका है. महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय ने 1969 में भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बकिंघम पैलेस में कॉमनवेल्थ प्राइम मिनिस्टर्स के लिए आयोजित भोज में आमंत्रित किया था.
इसी प्रकार अप्रैल 2009 में लंदन के बकिंघम पैलेस में G20 नेताओं के स्वागत समारोह के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी आमंत्रित किया गया था.
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो यूके के शाही परिवार द्वारा पीएम मोदी के लिए आयोजित भोज का नहीं है बल्कि डेनमार्क के शाही परिवार द्वारा आयोजित भोज का है. इसके अतिरिक्त पीएम मोदी से पहले भी यूके के शाही परिवार द्वारा भारतीय प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया गया है.
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