कोरोनो महामारी की दूसरी लहर में देश के कई अन्य हिस्सों से कई विचलित करने वाली तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे. चूंकि अगले महीने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या अहम चुनावी मुद्दा है और इसी के तहत कुछ पुरानी तस्वीरें फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल हैं.
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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ये उत्तर प्रदेश की लचर व्यवस्था को दिखाती है. तस्वीर में दो लोग बाइक पर एक बुज़ुर्ग महिला का शव लेकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसे शेयर कर उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है और प्रदेश के मुख्यमंत्री की आलोचना की जा रही है. वायरल तस्वीर के ऊपर टेक्स्ट में लिखा है, "योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस न मिलने के कारण शव को मोटरसाइकिल पर ले जाते हुए पिता पुत्र."
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फेसबुक पर एक यूजर ने इसे शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "उत्तर प्रदेश में बाबा जी का विकास ऐ है"
एक अन्य यूज़र ने लिखा 'उत्तर प्रदेश के जागरूक मतदाताओं से अपील है कि ऐसे दृश्यों को वोट डालते समय जरूर ध्यान करना'.
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फ़ैक्ट-चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि ये तस्वीर उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि बिहार के पूर्णिया की है. हालांकि ये दावा सच है कि एंबुलेंस न मिलने की वजह से महिला के शव को उसके पति और बेटे द्वारा बाइक पर ले जाया गया था.
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बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो ये तस्वीर हमें 4 जून 2017 को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में मिली. रिपोर्ट में बताया गया है कि ये मामला पूर्णिया के एक सरकारी अस्पताल का है जहां शंकर साह नाम के एक व्यक्ति की पत्नी की बीमारी के चलते अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.
रिपोर्ट के अनुसार शंकर ने अस्पताल प्रशासन से पत्नी का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग को तो उन्होंने कहा की वह इसका इंतेज़ाम खुद करें. शंकर ने जब एंबुलेंस वालों से बात की तो वे ढाई हजार रुपए मांग रहे थे, शंकर इतना भुगतान करने में असमर्थ थे इसलिए अपने बेटे के साथ बाइक पर ही शव ले गांव ले जाने लगे. शंकर और उनका बेटा पंजाब में मजदूरी करते थे.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के प्रकाश में आने के बाद अस्पताल स्टाफ में कुछ लोगों को सस्पेंड भी किया गया था.