सोशल मीडिया पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के भाषण का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह बता रही हैं अमेठी की जनता राजीव गांधी को काम न होने पर डांट देती थी. प्रियंका के इस क्रॉप्ड वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है कि कांग्रेस तब भी कुछ नहीं करती थी, अब भी कुछ नहीं करती है.
बूम ने पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. मूल वीडियो में प्रियंका नेताओं की जवाबदेही को लेकर यह बोल रही हैं कि पहले जनता इतनी जागरूक थी कि काम नहीं करने पर नेता को डांट देती थी, उनसे सवाल पूछती थी.
वायरल वीडियो में प्रियंका को कहते सुना जा सकता है, "..इंदिरा जी को मैंने देखा, राजीव जी को देखा.. एक जमाने में राजीव जी के साथ जब गांव जाती थी.. डांट पड़ती थी उन्हें गांव वालों से.. उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में, अमेठी में, डांट देते थे कि भई राजीव भइया आपने हमारी सड़क नहीं बनाई.."
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 2 मई को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ के चिरमिरी पहुंची थीं. यहां वह कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योत्सना महंत के लिए प्रचार कर रही थीं. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा. यूजर्स इसी जनसभा में प्रियंका गांधी द्वारा दिए गए भाषण के अधूरे वीडियो को भ्रामक दावों के साथ शेयर कर रहे हैं. आपको बताते चलें कि कोरबा लोकसभा सीट के लिए वोटिंग 7 मई (तीसरे चरण में) को होनी है.
फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'कांग्रेस तब भी कुछ नहीं करती थी, अब भी कुछ नहीं करती है.'
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फेसबुक पर एक अन्य यूजर ने भी वीडियो को इसी दावे से शेयर किया है.
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फैक्ट चेक
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने प्रियंका गांधी के इस भाषण के मूल वीडियो की तलाश की. कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर हमें वीडियो का ब्रीफ वर्जन मिला. 2 मई को पोस्ट किए गए इस वीडियो के साथ लिखा था, 'एक जमाने में जवाबदेही नाम की चीज होती थी. मैं खुद राजीव गांधी जी के साथ जाती थी तो लोग उन्हें अपने काम के लिए डांट देते थे. लेकिन आज नेता आपको धर्म के नाम पर भड़काते हैं और वोट ले जाते हैं. क्योंकि उसे पता है कि धर्म के नाम पर वोट मिल जाएगा तो काम क्यों करना? @priyankagandhi जी📍 कोरबा, छत्तीसगढ़.'
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इस एक मिनट 15 सेकेंड के वीडियो में प्रियंका गांधी को कहते सुना जा सकता है, "जवाबदेही होती थी पहले, इंदिरा जी को मैंने देखा.. राजीव जी को देखा. एक जमाने में राजीव जी के साथ जब गांव जाती थी, डांट पड़ती थी उन्हें गांव वालों से. उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में, अमेठी में.. डांट देते थे कि भई राजीव भइया आपने हमारी सड़क नहीं बनाई. आओ चाय पीओ, बैठो हमारे साथ लेकिन वोट हम तभी देंगे जब सड़क बनेगी."
फिर वह आगे कहती हैं, "जागरूकता बहुत थी. प्रधानमंत्री से सवाल उठा सकते थे कि हमारी सड़क क्यों नहीं बनाई. आज वो जागरूकता जो है कम हो गई है. आज आपके सामने नेता आते हैं आपको उकसा देते हैं. धर्म की बातें कर लेंगे.. कह देंगे कि आपका धर्म संकट में है या फिर आपकी परंपराएं सुरक्षित नहीं हैं. और उसी के आधार पर फिर आपका वोट ले लेंगे. तो फिर नेता को लगने लगा है कि मुझे काम करने की जरूरत ही नहीं है. चाहे आपको सड़क मिले, पाठशाला मिले, सही वेतन मिले, रोजगार मिले... उसको कोई परवाह नहीं है. वह तो जानता है वोट तो उसको मिलना ही है. उसको बस धर्म का नाम लेना है. ये जो सिलसिला है ये आपकी जागरूकता से ही खत्म होगा.."
स्पष्ट है कि प्रियंका गांधी की एक लाइन को मूल संदर्भ से हटाकर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया गया. असल में प्रियंका गांधी जनता के प्रति नेताओं की जवाबदेही की बात करते हुए राजीव गांधी और इंदिरा गांधी का उदहारण दे रही थीं. बाद में वह जनता की जागरूकता के संदर्भ में बोलते हुए कहती हैं कि पहले जनता काम नहीं करने पर नेता से सवाल पूछती थी, अभी उसमें कमी आई है और यह तभी खत्म होगा जब जागरूकता आएगी.
छत्तीसगढ़ में प्रियंका गांधी द्वारा दिए गए इस भाषण का पूरा वीडियो कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मौजूद है. लगभग 55 मिनट के इस लाइव वीडियो में 17 मिनट के बाद यह बात सुनी जा सकती है.