प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का एक एडिट किया हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें दावा किया गया है कि जनता ने उनकी हालिया वाराणसी यात्रा के दौरान मोदी विरोधी नारे लगाए थे. बूम ने पाया कि मूल वीडियो में एक अन्य रैली में लगे मोदी विरोधी नारों को एडिट करके जोड़ा गया है और झूठे दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रमुख विकास कार्यों का निरीक्षण किया था. प्रधानमंत्री ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ अपनी वाराणसी यात्रा की तस्वीरें भी ट्वीट की थीं. मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन करने के लिए वाराणसी गए थे.
वायरल वीडियो उसी दौरे का है. 26 सेकंड लंबी वायरल क्लिप में मोदी को योगी आदित्यनाथ के साथ सड़क पर चलते हुए दिखाया गया है. इस बीच पुलिस कर्मियों को सड़क पर उमड़ी भारी भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते देखा जा सकता है. वायरल वीडियो के बैकग्राउंड में ज़ोर ज़ोर से मोदी विरोधी नारे सुने जा सकते हैं.
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तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हेमंत ओगले, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता रिजू दत्ता के साथ-साथ कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने झूठे दावों के साथ इस फ़र्ज़ी वीडियो को पोस्ट किया है. वायरल वीडियो नीचे देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के मध्यरात्रि के निरीक्षण से संबंधित खबरों के लिये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक कीवर्ड सर्च किया तो हमें राष्ट्रीय भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला के 14 दिसंबर, 2021 को पोस्ट किए गए ट्वीट पर यह मूल वीडियो मिला. पूनावाला ने लिखा, "कल आधी रात को, पीएम नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी में विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण किया था. इतनी देर रात के समय में भी, अपने प्रधानमंत्री के लिए लोगों का स्नेह पूर्ण प्रदर्शन देखिये."
पत्रकार रोहन दुआ ने 14 दिसंबर, 2021 को बिल्कुल वही वीडियो ट्वीट किया, जिसमें मोदी विरोधी ऐसी कोई भी नारेबाजी नहीं सुनाई देती है. बूम ने वायरल वीडियो के संबंध में दशाश्वमेध घाट थाने में संपर्क किया. इंस्पेक्टर आशीष मिश्रा ने बूम को बताया कि वायरल वीडियो एडिटेड है.
उन्होंने कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री की वाराणसी आगमन हुआ था वो खुद ड्यूटी पर मौजूद थे और इस तरह की कोई भी घटना वहाँ नहीं हुई. उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो ग़लत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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हमने वायरल वीडियो के साथ चल रहे ऑडियो को बहुत ध्यान से सुना और पाया कि इसमें 'मोदी हाय हाय' ,'मोदीजी चोर है' जैसे नारे सुने जा सकते हैं. यहाँ से संकेत लेते हुए बूम ने हिंदी में एक कीवर्ड सर्च किया और 7 अक्टूबर, 2019 को महाराष्ट्रनामा नाम के एक फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो पाया.
वीडियो में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) यूनियन के सदस्यों को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के भारत पेट्रोलियम के निजीकरण के फ़ैसले का विरोध करते हुए दिखाया गया है.
इसी वीडियो को Don ki Jung न्यूज नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 9 अक्टूबर, 2019 को अपलोड किया गया था. बिल्कुल इसी तरह के नारे लगाने का पैटर्न वीडियो में 00:48 और 1:02 मिनट के बीच के टाइम स्टैंप में सुना जा सकता है. इसकी तुलना नीचे देखी जा सकती है.
सांप्रदायिक दावे के साथ अपहरण का स्क्रिप्टेड वीडियो वायरल
4 अक्टूबर, 2019 को द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेड यूनियनों ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के निजीकरण के केंद्र सरकार के फ़ैसले के खिलाफ विरोध शुरू करने की योजना बनाई थी. YouTube और Facebook पर अपलोड किया गया विरोध प्रदर्शन का वीडियो ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो है.
हालाँकि बूम यह पता लगाने में असमर्थ था कि बीपीसीएल यूनियन के सदस्यों के विरोध का वीडियो वास्तव में कहां का था, लेकिन हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि उसी वीडियो का ऑडियो प्रधानमंत्री की वाराणसी यात्रा पर एक वीडियो क्लिप के साथ एडिट किया गया है और झूठे दावों के साथ शेयर किया गया है.