नहीं, रतन टाटा ने आधार कार्ड से शराब बेचने का बयान नहीं दिया
वायरल मैसेज का दावा है कि रतन टाटा ने आधार कार्ड के माध्यम से शराब बेचने और शराब ख़रीदने वालों की सब्सिडी बंद करने का सुझाव दिया है.
उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) से जोड़कर एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल है. इस मैसेज में दावा किया गया है कि रतन टाटा ने आधार कार्ड (Aadhar Card) के माध्यम से शराब (Liquor) बेचने और शराब ख़रीदने वालों की सब्सिडी बंद करने का सुझाव दिया है. सोशल मीडिया यूज़र्स वायरल मैसेज के स्क्रीनशॉट को सच मानकर ख़ूब शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. रतन टाटा स्वयं इसका खंडन कर चुके हैं.
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वायरल मैसेज में लिखा है, "आधार कार्ड के द्वारा बेची जानी चाहिए शराब! शराब ख़रीदने वाले की बंद होनी चाहिए सभी सब्सिडी और सुविधाएं! हम भोजन दें और वे शराब पिएं, ऐसा नहीं चलेगा – रतन टाटा उवाच"
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल मैसेज में किये गए दावे की सत्यता जांचने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. इस दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो.
जांच के दौरान हमें इंडियन एक्सप्रेस पर 5 सितंबर 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल मैसेज को रतन टाटा के हवाले से फ़र्ज़ी बताया गया है.
अंग्रेजी में लिखे वायरल मैसेज का खंडन करते हुए रतन टाटा ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा था, "यह मेरे द्वारा नहीं कहा गया. धन्यवाद"
बूम पहले भी इस वायरल मैसेज को ख़ारिज कर चुका है. यहां पढ़ें.
इससे पहले भी रतन टाटा के नाम से फ़र्ज़ी प्रेरणादायक और प्रगतिशील कोट्स शेयर किये गए हैं. उन्होंने ख़ुद ट्विटर पर कई ऐसे वायरल दावों का खंडन किया है.
बूम ने रतन टाटा से जोड़कर वायरल हुए कई फ़र्ज़ी दावों का फ़ैक्ट चेक किया है. यहां और यहां पढ़ें.
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