इज़राइल और ग़ाज़ा पट्टी में हाल ही में हुई लड़ाई को लेकर सोशल मीडिया पर कई फ़र्ज़ी दावे वायरल हो रहे हैं. इन दावों की कड़ी में एक एडिट की हुई तस्वीर शामिल हो गयी है. यह फ़र्ज़ी तस्वीर मिस्र के काहिरा टॉवर को दिखाती है जिसपर फ़िलिस्तीनी झंडा है.
बूम ने पाया कि यह वायरल तस्वीर सितम्बर 2008 में ली गयी थी जिसका वर्तमान से कोई सम्बन्ध नहीं है. इसके अलावा वास्तविक तस्वीर में किसी भी देश का झंडा नहीं दिखाई देता है.
पिछले दो हफ़्तों में इज़राइल और फ़िलिस्तीन के लोगों के बीच टकराव चरम पर रहा है. इज़राइल और ग़ाज़ा पट्टी के बीच हवाई बमबारी हुई जिसमें कई लोगों की जाने गयी हैं. यह मामला इतना गरमा गया था कि संयुक्त राष्ट्र को बीच में आना पड़ा. हालांकि अब माहौल ठंडा होता नज़र आ रहा है क्योंकि दोनों पक्षों ने समझौते की और कदम बढ़ाया है. दोनों पक्षों ने ceasefire की ओर रज़ामंदी की है.
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इसी बीच नेटिज़ेंस एडिटेड तस्वीर शेयर करते हुए लिख रहे हैं: "इजिप्ट (मिस्र) की राजधानी में काहिरा टावर पर फिलिस्तीन के समर्थन में फिलिस्तीनी झण्डा लहराया गया और सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बुर्ज खलीफा वाली बिल्डिंग में बिजली नही आ रही है इसलिए उसपे लहराने में असुविधा हो रही....Cairo Tower today is decorated with the flag of beloved Palestine...... #FreePalestine."
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च में Flickr नामक फ़ोटो वेबसाइट पर यही तस्वीर पायी. इस वेबसाइट के मुताबिक़ फ़ोटो 11 अक्टूबर 2010 को पोस्ट की गयी थी.
इसके बाद हमनें "cairo tower picture in night" कीवर्ड्स के साथ खोज की और Wikimedia Commons पर यही तस्वीर पाई. इस तस्वीर की जानकारी देते हुए पेज पर बताया गया था कि इसे 3 सितम्बर 2008 को लिया गया है.
आगे खोज करने पर हमें कई वेबसाइटों पर वास्तविक फ़ोटो मिली. यहां और यहां देखें. काहिरा टॉवर ख़ास मौकों पर संदेशात्मक रूप से लाइटिंग करता है पर उसपर फ़िलिस्तीनी झंडा नहीं फेहराया गया है.
बूम ने वायरल तस्वीर और Wikimedia Commons पर प्रकाशित फ़ोटो की तुलना की है. दोनों एकदम सामान तसवीरें हैं. नीचे देखें.