सोशल मीडिया पर एक तथाकथित मुुस्लिम धर्मगुरु का वीडियो वायरल है. इसमें वह अजमेर शरीफ से जोड़ते हुए भारत के हिंदुओं पर हिंसा और नफरत से भरी सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो पाकिस्तान के एक तथाकथित मुस्लिम धर्मगुरु पीर पिंजर सरकार का है, जो वहां की राजनीति और अन्य मसलों पर अपनी भविष्यवाणी करने के लिए प्रसिद्ध हैं.
वायरल वीडियो में तथाकथित मुुस्लिम धर्मगुरु कहते सुनाई दे रहे हैं, ' भारत से बूत निकल जाएंगे, 4-5 साल से भारत के अंदर एक बूत भी नहीं रहेगा, एक मंदिर भी नहीं रहेगा, एक भी हिंदू नहीं रहेगा. अभी कोरोना आया हुआ है तो यह मुसलमानों के पास जाकर माफी मांगते हैं, हर मुसलमान इनके लिए मोइनुद्दीन अजमेर ही बने हुए हैं. अजमेर शरीफ ने नब्बे हजार हिंदूओं को मुसलमान बनाया था. अब वो वक्त आ गया है कि हिन्दुओं का अपना बोरिया बिस्तरा बांध लेना चाहिए. 2027 तक एक हिंदू नहीं नजर आएगा.'
एक एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'यह सब देखने के बाद भी क्या आप अजमेर शरीफ दरगाह जाएंगे. एक आंकड़े के अनुसार 85% हिंदू अजमेर दरगाह जाते हैं. वहां जियारत के लिए. इस समुदाय की प्लानिंग आप खुद देख लीजिए. जागो हिंदुओं जागो अब तो जागो.'
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. यह वीडियो कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा 2021 में भी शेयर किया गया था. एक्स पर शेयर किए गए वीडियो के कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने इस शख्स को पीर पिंजर बताया.
इससे संकेत लेकर हमने पीर पिंजर के बारे में गूगल पर सर्च किया. दरअसल, पीर पिंजर पाकिस्तान में एक तथाकथित मुस्लिम धर्मगुरु हैं. वह पाकिस्तान में देश की राजनीति और अन्य मसलों पर अपनी पेशीन-गोई (भविष्यवाणी) करने के लिए प्रसिद्ध हैं.
हमें गूगल सर्च करने पर पीर पिंजर सरकार का एक यूट्यूब चैनल भी मिला, हालांकि यह इंडिया में बैन किया गया है. इसलिए इसे डायरेक्ट ओपेन नहीं किया जा सका.
हमने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) की मदद से इस चैनल को ओपन करके देखा. पीर पिंजर को इस तरह के कई मसलों पर टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है.
एक वीडियो में वह इमरान खान को दोबारा पाकिस्तान की हुकूमत हासिल करने की भविष्यवाणी करते नजर आ रहे हैं.
चूंकि यूजर्स मौलवी के बयान को अजमेर शरीफ से अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ रहे हैं. ऐसे में बूम ने अधिक स्पष्टिकरण के लिए अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीं (कस्टोडियन) सैयद नजर हसन चिश्ती से बात की. उन्होंने कहा, "इनका अजमेर शरीफ दरगाह से कोई लेना-देना नहीं है. ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के दरबार से अमन और शान्ति का पैगाम जाता है. यहां से कोई इस तरह की बात नहीं कर सकता."