सोशल मीडिया पर एक बाइक रैली पर हमले का वीडियो वायरल हो रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह पश्चिम बंगाल का वीडियो है, जहां भगवा झंडे के साथ रैली निकालने की वजह से उनपर हमला किया गया.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. यह पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि ओडिशा के संबलपुर का लगभग एक साल पुराना वीडियो है, जहां हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में 12 अप्रैल 2023 को निकाली गई एक बाइक रैली में हिंसा भड़क गई थी.
आपको बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 17 अप्रैल को रामनवमी के जुलुस में झड़प हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस झड़प में लगभग 20 लोग घायल भी हुए थे. सोशल मीडिया यूजर्स लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर इस घटना से जोड़ते हुए ओडिशा में बाइक रैली में हुई हिंसा के वीडियो को गलत दावे से शेयर कर रहे हैं. यूजर्स इसे पश्चिम बंगाल का मानकर ममता बनर्जी की सरकार पर भी निशाना साध रहे रहे हैं.
लगभग 20 सेकेंड के इस वायरल वीडियो में कुछ लोगों को सड़क पर कई मोटरसाइकिलों को तोड़ते देखा जा सकता है. इन मोटरसाइकलों पर भगवा झंडे लगे हुए हैं. वीडियो के पीछे से गाली-गलौज की आवाज भी सुनी जा सकती है.
एक्स पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'भगवा झंडे के साथ आप बंगाल में रैली भी नहीं कर सकते हैं. देखिए कैसी गुंडा गर्दी है बंगाल में. बंगाल ना हुआ बांग्लादेश हो गया हो जैसे.' वीडियो में अपशब्दों का इस्तेमाल है, इसलिए हम स्टोरी में इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फेसबुक पर भी इस वीडियो को यूजर्स बंगाल का बताकर ही शेयर कर रहे हैं.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें 15 अप्रैल 2023 की इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलती-जुलती तस्वीर देखी जा सकती है. रिपोर्ट में बताया गया था कि यह ओडिशा के संबलपुर की घटना है, जहां हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई एक मोटरसाइकिल रैली के दौरान हिंसा भड़क गई थी.
आगे हमने इससे संबंधित और मीडिया रिपोर्ट्स की तलाश की. 13 अप्रैल 2023 की अमर उजाला की रिपोर्ट में भी बताया गया था कि ओडिशा के संबलपुर में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान बाइक रैली में हिंसा हो गई थी.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस हिंसा में लगभग 10 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. स्थिति पर काबू पाने के लिए जिले में धारा 144 लगा दी गई थी और 48 घंटे के लिए इंटरनेट भी बंद किया गया था.
इसके अतिरिक्त, हमें 13 अप्रैल 2023 की ईटीवी भारत की भी एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में घटना से संबंधित ओडिशा गृह विभाग की तरफ से जारी की गई नोटिस की कॉपी मौजूद थी.
इस नोटिस में बताया गया था कि हनुमान जयंती शोभायात्रा पर हनुमान जयंती समन्वय समिति के सदस्यों और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने 12 अप्रैल 2023 को शाम के लगभग 6 बजे मोटरसाइकिल जुलूस निकाला था. इस जुलुस के दौरान संबलपुर शहर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झड़प हो गई. चूंकि शरारती तत्व इस स्थिति को बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से झूठे और भड़काऊ मैसेज शेयर कर रहे हैं. इसलिए, संबलपुर जिले में सार्वजनिक व्यवस्था को ठीक करने और शांति बहाल करने के लिए 48 घंटों के लिए इंटरनेट सुविधा निलंबित कर दी गई है.
17 अप्रैल 2023 की ओडिशा टीवी की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि इस घटना के बाद ओडिशा पुलिस कटघरे में आ गई थी. असल में संबलपुर के तत्कालीन एसपी बी गंगाधर ने घटना को पूर्व नियोजित बताया था, जिसके बाद से पुलिस सवालों के घेरे में आ गई थी कि संभावित हिंसा की चेतावनी के बाद भी पुलिस के पास इसकी कोई तैयारी नहीं थी.
इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का पश्चिम बंगाल से कोई संबंध नहीं है. यह ओडिशा के संबलपुर में पिछले साल हनुमान जयंती के मौके पर 12 अप्रैल 2023 को निकाली गई बाइक रैली का वीडियो है. इस बाइक रैली के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी.