ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद सोशल मीडिया पर घटनास्थल की वीभत्सता दिखातीं कई तस्वीरें तैर रही हैं. ऐसी ही एक ड्रोन से ली गयी तस्वीर को वायरल कर दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. कई हिंदू दक्षिणपंथी सोशल मीडिया यूजर्स एक तस्वीर जिसमें ईमारत की ओर इशारा करते हुए एक तीर दिखाया गया है, को वायरल कर रहे हैं. यूज़र्स वायरल तस्वीर में नज़र आ रही ईमारत को मस्जिद बताकर, इस दुर्घटना के पीछे मुस्लिम समुदाय का हाथ होने की सम्भावना व्यक्त करते हुए पूरे समुदाय को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.
बूम ने पाया कि तस्वीर बालासोर में बहनागा बाज़ार स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के बगल में एक इस्कॉन मंदिर को दिखाती है, न कि एक मस्जिद को जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है.
2 जून, 2023 को हुए इस दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की जान चली गई है. सैकड़ों यात्री जो बुरी तरह घायल हो गए, उन्हें एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने स्थानीय बचावकर्ताओं के साथ इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भेजा है. रेलवे के एक अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर कर, एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और इसके डिब्बे चलती हावड़ा सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस से टकरा गए, जिससे भारतीय रेल के इतिहास में सबसे भयानक दुर्घटनाओं में से एक हुई.
तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूज़र ने फ़ेसबुक पर लिखा कि, "ट्रेन हादसा शुक्रवार को हुआ और दुर्घटनास्थल पर एक बड़ी मस्जिद मौजूद है। बाकी आप समझदार हैं."
एक अन्य यूज़र ने तस्वीर को इसी तरह दावा करते हुए शेयर किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि दुर्घटनास्थल के ठीक बगल में एक मस्जिद होने का दावा झूठा है. वायरल पोस्ट में एक तीर से हाइलाइट की गई ईमारत वास्तव में एक इस्कॉन मंदिर को दर्शाती है.
हमें ऐसी कई खबरें मिलीं जिनमें बताया गया कि दुर्घटना ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुई है.
फिर हमने दुर्घटनास्थल पर क्लिक की गई तस्वीरों को देखने की कोशिश की और उनकी तुलना वायरल तस्वीर से की. हालांकि, हमने अन्य तस्वीरों में पाया कि वायरल तस्वीर में हाइलाइट की गई इमारत मस्जिद की तरह नहीं दिखती, बल्कि एक मंदिर को दिखाती है. तुलना करने के लिए, हमने एएफपी (AFP) और रॉयटर्स (Reuters) जैसी समाचार एजेंसियों द्वारा ली गयीं दुर्घटनास्थल की तस्वीरों का इस्तेमाल किया. तुलना नीचे देखी जा सकती है.
हमें समाचार आउटलेट्स द्वारा दुर्घटना के बारे में उनकी रिपोर्ट में चलाये गए दुर्घटनास्थल के ड्रोन फ़ुटेज भी मिले. 0.12 सेकंड के टाइमस्टैम्प से वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखता है कि ईमारत एक मंदिर है न कि मस्जिद.
अधिक स्पष्टता के लिए बूम ने एक स्थानीय पत्रकार से भी संपर्क किया जिसने उस क्षेत्र का दौरा किया और पुष्टि की कि वह ईमारत वास्तव में एक इस्कॉन मंदिर है. स्थानीय पत्रकार ने हमें मंदिर के आसपास के दृश्य और मंदिर के अंदर के वीडियो भी भेजे, जहां वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहा है.
इलाके का एक वीडियो दिखाता है कि रेलवे ट्रैक के बगल में स्थित ईमारत, जहां दुर्घटना हुई, एक मंदिर है, शीर्ष शिखर की डिजाइन स्पष्ट रूप से इमारत के मंदिर होने का संकेत दे रही है.
पत्रकार ने स्थानीय लोगों से पुष्टि की कि फ़िलहाल इस्कॉन मंदिर के तहखाने का उपयोग दुर्घटना स्थल पर मौजूद पुलिस कर्मियों द्वारा अस्थायी सोने के लिए क्वार्टर के रूप में किया जा रहा है.
इसके बाद हमने ओडिशा के बहनागा बाज़ार स्टेशन क्षेत्र को गूगल अर्थ पर जिओलोकेट किया जहां ट्रेन दुर्घटना हुई थी और दृश्यों में भौगोलिक समानताएं पाईं. यहां Google earth के दृश्यों और दुर्घटनास्थल की एक तस्वीर के बीच तुलना की गई है.
मंदिर की तस्वीरें गूगल मैप्स पर देखी जा सकती हैं.
सहायक रिपोर्टिंग : Sujith A
झाड़ फूंक का वीडियो पाकिस्तान में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण के दावे से वायरल