एक मस्जिद के पास सड़क पर नमाज़ अदा करते लोगों की भीड़ को दिखाते हुए एक वीडियो को सांप्रदायिक स्पिन के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह पेरिस में शुक्रवार के दिनों मुस्लिमों को नमाज़ अदा करते दिखाता है.
वायरल वीडियो के साथ हिन्दुओं को आगाह किया जा रहा है कि अगर 'हिन्दू जागते नहीं हैं' तो भारत में भी ऐसे दृश्य देखने को मिलेंगे.
वायरल वीडियो में, मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक विशाल समूह को सड़क पर नमाज़ अदा करते देखा जा सकता है.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो पेरिस में शुक्रवार की नमाज़ का नहीं बल्कि रूस की राजधानी मॉस्को में ईद की नमाज़ अदा करते लोगों का दृश्य दिखाता है.
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सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार ने अपने वेरिफ़ाईड ट्विटर हैंडल से वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में दावा किया, "यह पेरिस की तस्वीर है कल शुक्रवार जुम्मा की हिंदुओं अभी भी नहीं जागे तो भारत में ही ऐसा ही होने वाला है."
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
बाद में, सागर ने करेक्शन करते हुए लिखा कि वीडियो पेरिस का नहीं रूस का है. हालांकि, सागर ने वीडियो किस मौक़े का है इसका ज़िक्र नहीं किया.
पेरिस में शुक्रवार की नमाज़ का दृश्य दिखाने के दावे से ही एक एक यूज़र ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को टैग किया.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न देखने के लिए यहां क्लिक करें.
फ़ेसबुक पर इसी वीडियो को शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया, "यह पेरिस की तस्वीर है कल शुक्रवार जुम्मा की हिंदुओं अभी भी नहीं जागे तो भारत में ही ऐसा ही होने वाला है."
पोस्ट यहां देखें.
ट्विटर और फ़ेसबुक पर वीडियो को इसी दावे के साथ बड़ी संख्या में यूज़र्स ने शेयर किया है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो में दिखाई देने वाली मस्जिद को रिवर्स इमेज सर्च पर खोजा तो पाया कि यह रूस की राजधानी मॉस्को में स्थित मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद है. इससे स्पष्ट हो गया कि वायरल वीडियो पेरिस का नहीं बल्कि मॉस्को का है.
हमने मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद को गूगल मैप पर खोजा. इसके बाद 3D की मदद से मस्जिद के आसपास के इलाक़े का जायज़ा लिया. हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिखने वाले दृश्य मस्जिद के आसपास की इन्हीं सड़कों का है.
मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद के सामने से जो सड़क निकलती है उसे उलित्सा दुरोवा के नाम से जाना जाता है. जबकि वीडियो के आख़िरी हिस्से में ऊँची बिल्डिंग की तरफ़ जाने वाली सड़क को उलित्सा शेप्किना के नाम से जाना जाता है.
वायरल वीडियो में नज़र आने वाली कुछ इमारतों को हमने गूगल मैप की मदद से ट्रेस किया. नीचे देखें
इसके बाद, हमने मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद में नमाज़ से जुड़ी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. इस दौरान हमें मई 2022 में ईद उल फ़ितर और जुलाई 2022 में ईद उल अज़हा के मौक़े पर हजारों की तादाद में लोगों को नमाज़ अदा करते दिखाती वीडियो रिपोर्ट्स मिलीं.
हमें मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद के बाहर नमाज़ अदा करते लोगों की तस्वीर दिखाती रिपोर्ट्स मिलीं जो अलग-अलग सालों में प्रकाशित हुईं थीं. यहां और यहां देखें.
हमें वोइस ऑफ़ अमेरिका के यूट्यूब चैनल पर साल 2019 में लोगों को ईद उल फ़ित्र की नमाज़ अदा करते दिखाता वीडियो मिला. इसमें मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ अदा करते लोगों को देखा जा सकता है.
हमने इन वीडियोज़ को देखा और पाया कि मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद के बाहर सड़क पर हजारों की तादाद में लोग नमाज़ अदा करते नज़र आते हैं.
हालांकि, हम यह पता नहीं लगा सके कि वायरल वीडियो असल में कब शूट किया गया था. लेकिन हमारी जांच से यह ज़रूर स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो रूस के मॉस्को शहर का है नाकि पेरिस में शुक्रवार की नमाज़ अदा करने का.
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