मुस्लिम महिला का हिंदू महिला को बुर्क़ा पहनाने का वीडियो स्क्रिप्टेड है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी द्वारा बनाया गया है.
फ़ेसबुक और ट्विटर पर एक स्क्रिप्टेड वीडियो असल घटना के रूप में वायरल है. इस वीडियो को हिन्दू-मुस्लिम धर्म के बीच सांप्रदायिक सद्भाव दिखाने के तौर पर शेयर किया जा रहा है.
वीडियो में एक महिला मंदिर से निकलकर एक आदमी के साथ बाइक पर बैठती है. थोड़ा आगे चलने पर महिला का पल्लू बाइक के पहिए में फंस जाता है. दोनों पल्लू निकालने की कोशिश करते हैं लेकिन नाकाम होते हैं. इसी बीच वहां से गुज़र रहे एक मुस्लिम व्यक्ति और मुस्लिम उनकी मदद करने के लिए आगे बढ़ते हैं. मुस्लिम व्यक्ति बाइक से पल्लू निकालने में मदद करता है जबकि मुस्लिम महिला अपना बुर्क़ा उतारकर उस महिला को शर्मिंदगी से बचाने के लिए दे देती है.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो जागरूकता के उद्देश्य से बनाये गए एक स्क्रिप्टेड वीडियो का क्लिप्ड वर्ज़न है जिसे डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी द्वारा बनाया गया है.
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ट्विटर पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन दिया, "ये है हमारा हिंदुस्तान. मंदिर से निकाली युवती की साड़ी मोटरसाइकल में फँस कर उतर गयी तो वहाँ से निकलते मुस्लिम परिवार की महिला ने सरेराह अपना बुर्का उतार कर उस महिला को को पहना दिया और शर्मिंदगी से बचा लिया. इंसानियत ज़िंदाबाद."
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न देखने के लिए यहां क्लिक करें.
इसी कैप्शन के साथ वीडियो को फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ख़ूब शेयर किया है.
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा. वीडियो का फॉर्मेट और सबटाइटल देखकर हमें इसपर संदेह हुआ. क्योंकि हमने पहले भी सीसीटीवी फुटेज जैसे दिखने वाले ऐसे वीडियोज़ का फ़ैक्ट चेक किया है.
हम मनोरंजन के उद्देश्य से स्क्रिप्टेड वीडियोज़ बनाने वाले कई यूट्यूब चैनल्स पर पहुंचे.
इस दौरान हमें वायरल वीडियो का फ़ुल वर्ज़न '3RD EYE' नाम के यूट्यूब चैनल पर 23 अगस्त 2022 को अपलोड हुआ मिला.
वीडियो के आख़िरी में एक डिस्क्लेमर दिया गया है, जिसमें लिखा है कि वीडियो के पात्र काल्पनिक हैं और वीडियो केवल मनोरंजन और शिक्षा के उद्देश्य से बनाया गया है.
नीचे डिस्क्लेमर में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह चैनल लोगों को जागरूक करने के लिए स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडी पेश करता है.
हमने अपनी जांच में यह भी पाया कि 3RD EYE चैनल हैदराबाद स्थित एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी IdeasFactory नामक एक फ़ेसबुक पेज से जुड़ा है. वे स्क्रिप्टेड वीडियो बनाते हैं; फिर इन वीडियोज़ को फ़ेसबुक इन्फ्लुएंसर्स द्वारा लाइक और शेयर पाने के लिए पोस्ट किया जाता है.
बूम ने वास्तविक घटना के रूप में सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी और भ्रामक दावों के साथ वायरल हुए ढेरों स्क्रिप्टेड वीडियोज़ का फ़ैक्ट चेक किया है. यहां पढ़ें.
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