बाइक चलाते समय हेलमेट पहनने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बनाया गया एक वीडियो साम्प्रदायिक कोण के साथ वायरल है. वीडियो में मुस्लिमों (Muslims) से बाइक चलाने (riding bike) के दौरान हेलमेट पहनने (wearing helmet) के लिए कहा जाता है जिसपर वे बेहद आक्रामक हो जाते हैं. वीडियो शेयर करते हुए इस घटना को कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा किया गया कार्य बताया जा रहा है, जबकि यह वीडियो एक स्क्रिप्टेड एक्ट है.
बूम ने उस व्यक्ति- राघवेन्द्र कुमार उर्फ़ हेल्मेट मैन (Raghvendra Kumar aka Helmet Man) से बात की, जिन्होंने वीडियो शूट किया था, इस बात की पुष्टि की कि यह घटना स्क्रिप्टेड थी.
वायरल वीडियो (viral video) में दिखाया गया है कि एक शख्स मस्जिद के रास्ते में दो मोटरसाइकिल सवार युवकों को रोकता है और उनसे पूछता है कि उन्होंने हेलमेट क्यों नहीं पहना है. वह शख्स, जो हिंदी में बोल रहा है, नौजवानों से कहता है कि वे अपने घर वापस जाएं और हेलमेट पहनकर वापस आएं और तभी वह उन्हें नमाज़ पढ़ने के लिए जाने देंगे. इस बीच टोपी पहने युवाओं ने अपने दोस्तों को कॉल किया किया जो बंदूक और तलवारों के साथ उन्हें 'बचाने' के लिए दौड़कर आते हैं.
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इस दौरान वीडियो में लोगों को अपनी तलवारें लहराते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में एक जगह पर एक युवक को ख़ुद को हेलमेट मैन के रूप में संदर्भित करते हुए सुना जा सकता है. आगे वीडियो में, एक युवक और उसकी टीम हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करती है, लेकिन युवा ज़्यादा से ज़्यादा आक्रामक हो जाते हैं.
फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन दिया गया कि "मदरसे की शिक्षा का असर, कट्टरता का दूसरा नाम इश्लाम-नफरतों की आगोश में पलता मुसलमान. महासेना इस तरह की हिंसा का विरोध करती है. #संघियोंभारतछोडो #महासेना"
फ़ेसबुक पर वायरल
ट्विटर पर भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया गया है.
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फ़ैक्ट चेक
हमने वीडियो के साथ किये जा रहे दावे को जांचने के लिए वीडियो को ध्यान से देखा. हमने वीडियो में बाइक सवार कुछ युवकों को मुस्कुराते हुए पाया. इससे हमें यह वीडियो स्क्रिप्टेड लगा. वीडियो के ऊपरी कोने पर टुडे दर्पण के लोगो से हिंट लेते हुए हमने यूट्यूब पर खोज की तो उसी नाम से एक चैनल मिला.
बूम ने इसी साल 23 मार्च को अपलोड किए गए उसी वीडियो का एक लंबा संस्करण ढूंढा, जिसका शीर्षक- 'नमाजियों को मस्जिद जाने से सड़क पर रोका तो आया गुस्सा, तलवार और बंदूकों पर भारी पड़ा हेलमेट. समझे बात.'
हालांकि, 13 मिनट लंबा यह वीडियो इस बात की पुष्टि नहीं करता कि यह स्क्रिप्टेड है या नहीं.
हमने यूट्यूब वीडियो के कैप्शन में HelmetMan और RaghvenderKumar जैसे हैशटैग देखे. इससे हिंट लेते हुए हमने राघवेंद्र कुमार या हेलमेट मैन पर कीवर्ड के साथ खोज तो न्यूज़ रिपोर्ट हाथ लगी. बिहार से संबंध रखने वाले 34 वर्षीय युवक को सड़क सुरक्षा जागरूकता के तहत हेलमेट वितरित करने के लिए 'हेलमेट मैन' के सम्मान से नवाज़ा जा चुका है.
हमें राघवेन्द्र कुमार का यूट्यूब चैनल भी मिला जहां वो इस वायरल वीडियो की तरह ही कई अन्य जागरूकता वीडियो अपलोड किए गए हैं.
बूम ने तब राघवेन्द्र कुमार से वीडियो के संदर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए संपर्क किया.
"संदेश सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए है. मैं सड़क दुर्घटना में अपने दोस्त की मौत के बाद अब 7-8 सालों से हेलमेट बांट रहा हूं. यह पहली बार नहीं है जब मैंने उस मस्जिद के पास एक वीडियो शूट किया है. यह वीडियो बिहार में कैमूर ज़िले के बरौली गांव का है. वीडियो स्क्रिप्टेड है और क्लिप में देखा गया हर कोई सड़क सुरक्षा जागरूकता संदेश का हिस्सा बनने के लिए सहमत था, " राघवेन्द्र कुमार ने बूम को बताया.
"मेरे पास एक स्पष्ट संदेश है. आपका धर्म तब तक है जब तक आप जीवित हैं. इसीलिए मैं सालों से सड़क सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे जागरूकता वीडियो को इतनी बार नहीं देखा गया है लेकिन एक बार इस वीडियो को क्लिप किया गया और फ़र्ज़ी ख़बर के रूप में शेयर किया और यह वायरल हो गया, "कुमार ने बूम को बताया.
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राघवेन्द्र ने बूम को यह भी बताया कि उनका किसी धर्म को ग़लत तरीक़े से पेश करने का कोई इरादा नहीं था.