कर्नाटक के गुलबर्ग में बादशाह कादिरी के 'उर्स' के वार्षिक उत्सव के लिए तेलंगाना के हैदराबाद और कर्नाटक के वाडी के बीच चलने वाली एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन का वीडियो इस गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि मुस्लिमों ने एक यात्री ट्रेन को "मुस्लिम एक्सप्रेस" में परिवर्तित कर लिया है, जो हैदराबाद से पश्चिम बंगाल तक चलती है.
उर्स एक सूफी संत की पुण्य तिथि है जो आमतौर पर संत की दरगाह पर आयोजित किया जाता है, यह कर्नाटक के हलकट्टा शरीफ में है. सैयद मोहम्मद बादशाह कादरी-उल-चिश्ती यमनी रायचुरी भारत में चिश्ती संप्रदाय के एक सूफी संत थे, जिन्हें आमतौर पर बादशाह कादरी या बदेशा कादरी के नाम से जाना जाता है.महान संत हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा क़ादरी चिश्ती यमनी का उर्स - ए - शरीफ हर साल मनाया जाता है, इस दौरान भारतीय रेलवे द्वारा तेलंगाना के हैदराबाद और कर्नाटक के वाडी जंक्शन के बीच विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं.
फ़ेसबुक पर 30 सेकंड के इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन को जिहादीयों ने मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया। गार्ड कह रहा है ऐसे गाड़ी नही जायेगी किन्तु जिहादी अड़े हैं कि गाड़ी ऐसे ही भेजो."
फ़ेसबुक पर इसी दावे से अनेक यूज़र्स ने इस वीडियो को शेयर किया है, यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो कर्नाटक के गुलबर्ग जिले में वाडी के पास हलकट्टा शरीफ़ में बादशाह कादिरी के 46वें 'उर्स' के लिए एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन का है. ये तीर्थ ट्रेनें हर साल उर्स के उत्सव के दौरान तेलंगाना के हैदराबाद और कर्नाटक के वाडी के बीच भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाती हैं.
वायरल वीडियो के ध्यानपूर्वक देखने पर हमें 46वें उर्स उत्सव के लिए उसी प्लेकार्ड के साथ इस ट्रेन इंजन के चलने के अन्य वीडियो मिले. यूट्यूब चैनल गोहाश ने 2 अगस्त, 2023 को महान संत हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा कादरी चिश्ती यमनी के 46वें उर्स-ए-शरीफ के जश्न पर एक वीडियो रिपोर्ट अपलोड की थी, इसमें वायरल वीडियो में दिख रही ट्रेन के दृश्य दिखाई दे रहे थे.
ट्रेन का इंजन नंबर 13418
वायरल वीडियो की तरह यहां भी वही ट्रेन का इंजन नंबर-13418 देखा जा सकता है.
हमें 4 अगस्त 2023 का एक और वीडियो मिला जिसमें इसी ट्रेन इंजन नंबर के दृश्य हैं.
दक्षिण मध्य रेलवे हलकट्टा शरीफ के लिए विशेष उर्स ट्रेनें
दक्षिण मध्य रेलवे ने 27 जुलाई 2023 को "उर्स समारोह के लिए हैदराबाद - वाडी के बीच अनारक्षित विशेष ट्रेनों" पर एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है.
प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है, "1 अगस्त, 2023 को वाडी जंक्शन के पास हलकट्टा शरीफ में महान संत हज़रत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा क़ादरी चिश्ती यमनी के उर्स-ए-शरीफ की 46वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए चार विशेष ट्रेनें चलेंगी." जिन्हें नीचे दिए गए विवरण के अनुसार चलाया जाएगा -
दक्षिण मध्य रेलवे हर साल उर्स उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों के लिए कर्नाटक में हलकट्टा शरीफ जाने के लिए इन विशेष ट्रेनों का आयोजन करता रहा है. हमें 2017 और 2018 के समान यात्रा सूचनाओं वाले ट्वीट भी मिले.
भारतीय रेलवे द्वारा हिंदू और मुस्लिम दोनों त्योहारों के लिए समान विशेष तीर्थ ट्रेनें चलायी जाती हैं.
बूम ने इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण के लिए दक्षिण मध्य रेलवे से संपर्क किया. दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी राकेश ने बूम को बताया कि “वायरल दावा ग़लत है, सूफ़ी संत के ‘उर्स’ पर दक्षिण मध्य रेलवे हर वर्ष स्पेशल ट्रेन चलाता है. इस बार यह 1 और 3 अगस्त को वाडी और हैदराबाद के बीच चलायी गई थीं. हम साल में ऐसा कई बार करते हैं. हिंदू त्योहार होली, दिवाली और आषाढ़ एकादशी पर भी विशेष ट्रेन चलाई जाती हैं. भीड़ को देखते हुए ऐसा किया जाता है."
इसके अतिरिक्त, हमें फेसबुक और यूट्यूब पर 2015 तक की मुस्लिम भक्तों द्वारा सजाई गई विशेष ट्रेन पर वायरल वीडियो में दिख रही तख्ती के साथ पोस्ट किए गए कई वीडियो भी मिले.
मेवात हिंसा के सन्दर्भ में पाकिस्तानी यूट्यूबर का वीडियो भारतीय बताकर वायरल