HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
लोकसभा चुनाव 2024No Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

पटना में 'जन विश्वास रैली' के दौरान जुटी भारी भीड़ की यह तस्वीर फर्जी है

सोशल मीडिया पर 'जन विश्वास रैली' के दौरान उमड़ी भीड़ दिखाने वाली एक तस्वीर वायरल है. बूम ने पाया कि यह सात साल पुरानी तस्वीर है, रैली में ज्यादा भीड़ दिखाने के लिए असली तस्वीर को एडिट किया गया था.

By -  BOOM FACT Check Team |

4 March 2024 12:47 PM GMT

सोशल मीडिया पर जन सैलाब की एक सात साल पुरानी और मॉर्फ्ड तस्वीर फिर से वायरल है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह रविवार, 3 मार्च को पटना में हुई इंडिया गठबंधन की 'जन विश्वास रैली' में जुटी भीड़ की तस्वीर है.

इस तस्वीर को शेयर करते हुए एक्स यूजर सुप्रिया भारद्वाज ने लिखा, '… पटना का गांधी मैदान @yadavtejashwi जी ने कहा था 'खेल अभी बाकी है' …और आज उस खेल की पहली झलक दिख गई है …अभूतपूर्व !!! #INDIA गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता पहुंच रहे हैं.'


आर्काइव लिंक.

गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना में 3 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की 'जन विश्वास रैली' में विपक्षी गठबंधन के दलों के नेता एकजुट हुए. इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सीपीआई(एम) के नेता सीतराम येचुरी समेत कई नेता मौजूद रहे.

वायरल तस्वीर को मध्यप्रदेश के कांग्रेस के एक नेता रामनिवास रावत ने भी इसी दावे के साथ शेयर किया.


यह मॉर्फ्ड तस्वीर हालिया जन विश्वास रैली के गलत दावे से एक्स और फेसबुक पर खूब वायरल है. बूम ने 2017 में इस तस्वीर का फैक्ट चेक किया था, रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.  


2017 की है मॉर्फ्ड तस्वीर

बूम ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, इसके जरिए हम राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के एक ट्वीट तक पहुंचे. 27 अगस्त 2017 को किए इस पोस्ट में लालू प्रसाद ने भीड़ की मॉर्फ्ड तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था, 'लालू के "आधार" के सामने कोई "चेहरा" नहीं टिकेगा. आइए और जितना गिन सकते हैं गिनिए. गांधी मैदान, पटना. #DeshBachao' (अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)


उस समय भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह और कपिल मिश्रा समेत कई लोगों ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट के जरिए भारी संख्या में भीड़ दिखाती इस फोटोशॉप्ड तस्वीर को शेयर करने के लिए लालू यादव की आलोचना की थी.

पड़ताल में हमें न्यूज एजेंसी ANI के एक्स अकाउंट पर भी तस्वीर से मिलता-जुलता एक पोस्ट मिला, इस पोस्ट की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि ग्राउंड में वायरल तस्वीर की तुलना में काफी कम भीड़ है.


इसके अलावा हमें फेसबुक पर इसकी मूल तस्वीर मिली, जिसे शमशीर अहमद नाम के यूजर ने शेयर किया था. अहमद ने राजद के देश बचाओ- बीजेपी भगाओ अभियान का जिक्र करते हुए कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिसमें वायरल तस्वीर भी शामिल है.


Full View


इससे स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर 2017 की है और एडिटेड है. इसका हाल में बिहार में हुई 'जन विश्वास रैली' से कोई संबंध नहीं है. 

Related Stories