बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के भाषण का वीडियो ग़लत संदर्भ में वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है और तेजस्वी यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि “उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना है”.
बिहार के उप मुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें वह बिहार विधानसभा में भाषण देते नज़र आ रहे हैं. वीडियो को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि "तेजस्वी यादव तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हिंसा की भ्रामक ख़बर फ़ैलाने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए यूट्यूबर मनीष कश्यप से डर गए और उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का सपना छोड़ दिया".
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है और इसके साथ शेयर किया गया वीडियो बिहार विधानसभा में 20 मार्च 2023 को दिए गए भाषण का है. इस दौरान तेजस्वी यादव ने अपने ऊपर पड़े ईडी और सीबीआई के छापे सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि “उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना है”.
वायरल वीडियो क़रीब पांच मिनट का है. वीडियो में ऊपर की ओर ‘एनडीटीवी भारत’ लिखा हुआ लोगो भी मौजूद है. वीडियो में तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा में भाषण देते नज़र आ रहे हैं. वीडियो की शुरुआत में तेजस्वी यादव यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि “ना उनको मुख्यमंत्री बनना है और ना इनको(नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री बनना है, हम जहां है खुश हैं”. इस दौरान वे तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हिंसा की भ्रामक ख़बर फ़ैलने और अपने ऊपर केंद्रीय एजेंसियों के पड़े छापे की चर्चा करते भी नज़र आ रहे हैं.
फ़ेसबुक यूज़र्स ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मनीष कश्यप से डर गए #तेजस्वी यादोव #मुख्यमंत्री बनने की छोड़ा सपना तेजस्वी #यादव ने किया खुलासा”.
वायरल वीडियो से जुड़े अन्य फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने जांच के दौरान सबसे पहले वायरल वीडियो को उस 'एनडीटीवी भारत' के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर खोजना शुरू किया, जिसका लोगो वीडियो में मौजूद है. इस दौरान हमें 'एनडीटीवी भारत' के यूट्यूब चैनल पर वह वीडियो मिला. हमने पाया कि यूट्यूब वीडियो के टाइटल में वायरल दावा किया गया है. क्योंकि टाइटल में लिखा हुआ है, “#मनीष कश्यप से डर कर #तेजस्वी यादव ने #मुख्यमंत्री बनने का सपना छोड़े”.
एनडीटीवी भारत के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मौजूद वीडियो को देखने पर हमने पाया कि यह एक स्थानीय पोर्टल है, जो बिहार से जुड़े वीडियो को भ्रामक हेडिंग के साथ प्रकाशित करता है. यह किसी भी तरह से न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से संबंधित नहीं है. एनडीटीवी का हिंदी चैनल एनडीटीवी इंडिया है.
इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो तेजस्वी यादव के भाषण से जुड़ी कई न्यूज़ रिपोर्ट मिली. कई रिपोर्ट में मौजूद फ़ीचर ईमेज वायरल वीडियो में दिख रहे दृश्यों के ही थे. न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 20 मार्च 2023 को विधानसभा में यह भाषण दिया था.
इसलिए हमने webcast.gov.in पर मौजूद 20 मार्च 2023 को आयोजित हुए बिहार विधानसभा के दूसरे सत्र का पूरा वीडियो देखा. 3 घंटे लंबे इस वीडियो में क़रीब 2 घंटे 27 मिनट से तेजस्वी यादव को भाषण देते हुए सुना जा सकता है.
विधानसभा में जैसे ही तेजस्वी यादव भाषण देने के लिए उठे तो भाजपा विधायक ईडी और सीबीआई के छापों का आरोप लगाकर सदन से वॉक आउट कर गए. इसके बाद तेजस्वी यादव ने पहले पथ निर्माण विभाग से जुड़ी चर्चा की. इसके बाद उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि “विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने तमिलनाडु मामले को लेकर कहा था कि अगर यह गलत साबित हुआ तो वह माफ़ी मांग लेंगे. उनके कहने पर मुख्यमंत्री ने वहां टीम भी भेजी और जांच में यह साबित हुआ कि यह फ़ेक वीडियो और प्रोपेगैंडा था, यह दो राज्यों को लड़ाने की साजिश थी”.
हमने यह भी पाया कि तेजस्वी यादव ने इस दौरान अपने परिवार के ऊपर पड़े केंद्रीय एजेंसी के छापों का भी जिक्र कर भाजपा पर निशाना साधा. इसके बाद करीब 2 घंटे 54 से हमें तेजस्वी यादव का वह बयान भी मिला, जिसमें वो कहते हुए नज़र आ रहे हैं, “ना हमें मुख्यमंत्री और ना इनको(नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री बनना है. हम जहां वहां खुश है. इनके नेतृत्व में काम करने की ख़ुशी है”. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी तेजस्वी यादव के बगल में बैठे हुए थे.
पूरा वीडियो देखने पर हमने पाया कि तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नहीं बनने वाला बयान भाजपा की तरफ़ से लगाए जा रहे आरोपों को लेकर दिया था.साथ ही हमने यह भी पाया कि वायरल वीडियो में तेजस्वी यादव के द्वारा दिए भाषणों के अलग अलग हिस्सों को जोड़ा गया है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर हिंसा की भ्रामक ख़बर फैली थी. दोनों ही राज्यों की पुलिस ने इस मामले से जोड़कर शेयर किए जा रहे कई ख़बरों को फ़र्ज़ी बताया था. जिसके बाद बिहार और तमिलनाडु पुलिस ने इस मामले में कई एफ़आईआर दर्ज की. बिहार पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ़्तार किया है, जिसमें यूट्यूबर मनीष कश्यप का नाम भी शामिल है. बुधवार को तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप को अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई है.
बूम ने बीते दिनों ऐसे कई वीडियो और फ़ोटो का फ़ैक्ट चेक किया था, जो सोशल मीडिया पर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ हुए हिंसा के दावे से वायरल हुए थे. हमारी जांच में ये दावे फ़र्ज़ी साबित हुए थे.