फैक्ट चेक

मीडिया आउटलेट ने पाकिस्तानी सेना में सामूहिक इस्तीफे के दावे वाले फेक लेटर दिखाए

बूम ने जांच में पाया कि वायरल पत्र फर्जी हैं. इनमें भाषाई और व्याकरण की अशुद्धियां हैं. पत्रों में सैन्य अधिकारियों के गलत पद और नाम लिखे गए हैं.

By -  Anmol Alphonso |

1 May 2025 4:59 PM IST

Fact Check : Pakistani soldiers quits pakistan army after pahalgam terror attack tension

पाकिस्तानी सेना में बड़े पैमाने पर इस्तीफे के दावे से जुड़े दो लेटर वायरल है. कई मीडिया आउटलेट ने इनके आधार पर रिपोर्ट बनाकर प्रसारित की है. सोशल मीडिया पर भी ये लेटर वायरल हैं. पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच इन लेटर को शेयर किया जा रहा है. 

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल लेटर में कई विसंगतियां हैं. लेटर में वर्तनी की कई गलतियां हैं और कई गलत पदनाम शामिल हैं. इससे पता चलता है कि वायरल पत्र वास्तविक और आधिकारिक नहीं है. 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारत ने पाकिस्तान पर पिछले 6 दिनों से कश्मीर में सीमा पार से गोलीबारी करने का आरोप लगाया है. भारत ने कहा है कि उसके सुरक्षा बलों ने संयमित रहते हुए काफी प्रभावी तरीके से जवाब दिया है और बिना उकसावे के छोटे हथियारों से की गई गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया है.

वायरल पहला पत्र लेटर जिसमें तारीख 26 अप्रैल 2025 अंकित है, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को संबोधित है. पत्र में किए गए दावे के अनुसार, इसे Xi Corps के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ओमर अहमद बोखारी की तरफ से लिखा गया है. पत्र में लेफ्टिनेंट जनरल बोखारी ने पाकिस्तान की सेना में इस्तीफों में भारी उछाल को रिपोर्ट किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत के साथ बढ़ते विवाद के बीच तनाव, पारिवारिक दबाव और अनिश्चितता के कारण कई सैन्य दलों (कोर) में 250 अधिकारियों और 1,200 नियोजित कर्मियों ने इस्तीफा दे दिया है, पत्र में सैनिकों के मनोबल और तत्परता को स्थिर करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है.

द इकोनॉमिक टाइम्स, ज़ी न्यूज, जागरण, न्यूज 18, इंडिया डॉट कॉम, द डेली गार्जियन और रिपब्लिक भारत जैसे कई मीडिया संस्थानों ने इस पत्र पर रिपोर्ट प्रसारित की हैं, जिनमें दावा किया गया कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सेना में बड़े पैमाने पर इस्तीफे हुए हैं. 


टीवी 9 नेटवर्क के कार्यकारी संपादक आदित्य राज कौल ने भी इसे अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है. 




दूसरा वायरल लेटर महानिदेशक, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस जनरल फैसल महमूद मलिक को संबोधित करते हुए लिखा गया है. लेटर में पाकिस्तानी सैन्य बलों की सभी रैंक को संबोधित किया गया है. 

कथित तौर पर पाकिस्तान के सैन्य मुख्यालय से लिखे गए इस पत्र में पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ युद्ध की आशंकाओं पर बात की गई है. सैनिकों को पाकिस्तान सेना अधिनियम, 1952 के तहत कार्रवाई की याद दिलाते हुए उन्हें भागने से रोकने की चेतावनी दी गई है. लेटर में पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा गया है कि यह घटना हमारे मुजाहिदीन द्वारा की गई है. 

पत्र में "ऑपरेशन स्विफ्ट रिटॉर्ट" की बात भी की गई है, जब पाकिस्तान ने 27 फरवरी, 2019 को दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया था. कथित तौर पर इन विमानों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था. इस एक्शन में भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तानी सेना द्वारा कैद में रखा गया था और बाद में रिहा कर दिया गया था. 


आर्काइव लिंक

फैक्ट चेक 

 बूम ने अपनी जांच में पाया कि दोनों वायरल पत्र फर्जी हैं. 

अपनी जांच में हमें ऐसी कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें पाकिस्तान सेना के अधिकारियों द्वारा इस तरह के लेटर के बारे में कोई बात कही गई हो. इसी तरह हमें पाकिस्तानी सेना के जवानों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तीफे के दावे से संबंधित भी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें किसी सैन्य अधिकारी का संबंधित बयान हो. 

इसके बाद हमने वायरल लेटर का विश्लेषण किया, अपनी जांच में हमें लेटर में कई विसंगतियां मिलीं.

मेजर जनरल फैसल महमूद मलिक द्वारा लिखा गया पत्र 



पत्र में मेजर जनरल फैसल महमूद मलिक का पद महानिदेशक, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) बताया गया है जबकि वर्तमान में इस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी तैनात हैं. 

पाकिस्तान DG ISPR के आधिकारिक X हैंडल से इसकी पुष्टि होती है. इसके बायो में बताया गया है कि 6 दिसंबर 2022 से लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ पाकिस्तान सशस्त्र बल के प्रवक्ता हैं.




बूम ने हैंडल पर लिखे पते पर ईमेल भी भेजा, लेकिन मेल के रिप्लाई में बताया गया कि डोमेन pakarmy.mil.pk मिला नहीं.


लेटर में 'Zindabad' की स्पेलिंग गलत तरीके से 'jinabad' लिखी गई है. साथ ही, हस्ताक्षर एक ऐसे बॉक्स में किया गया है जिसके किनारे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि इसे दस्तावेज़ में अलग से जोड़ा गया है और एक अक्षर नीचे से कटा हुआ नजर आ रहा है.




अपनी जांच में हमें पाकिस्तानी न्यूज आउट्लेट डॉन द्वारा वायरल पत्र के संबंध में की गई फैक्ट चेक रिपोर्ट भी मिली. इसमें बताया गया है कि मेजर जनरल फैसल महमूद मलिक नाम के किसी पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है.

ओमर अहमद बोखारी द्वारा असीम मुनीर को लिखा गया पत्र




दूसरे पत्र में Commander, Headquarter और Peshawar जैसे शब्दों के पहले अक्षर को कैपिटल में नहीं लिखा गया है, आधिकारिक रूप से जारी किए गए पत्रों में इस तरह की विसंगति नहीं होती है. इसके अलावा सैन्य दल (कोर) का आधिकारिक नाम XI है, जबकि पत्र में इसे Xi लिखा गया है. 

बूम ने पाकिस्तानी मल्टीमीडिया पत्रकार शिराज हसन से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया कि दोनों दस्तावेज फर्जी हैं. उन्होंने भी पत्रों में भाषाई और व्याकरण की विसंगतियों की ओर इशारा किया. उन्होंने बूम को जानकारी देते हुए बताया कि इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक का पद वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी के पास है. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि वायरल लेटर का फॉर्मेट आधिकारिक रूप से जारी किए जाने वाले लेटर से मेल नहीं खाता है.

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