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फैक्ट चेक

मालदीव में पीएम मोदी के विरोध में प्रदर्शन का पुराना वीडियो हालिया दावे से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मालदीव में जुलाई 2023 में हुए भारत विरोधी प्रदर्शन का है. इसका हालिया मालदीव-लक्षद्वीप विवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है.

By - Sachin Baghel | 10 Jan 2024 4:02 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेश बनाकर सड़क पर रैली निकाल रहे हैं. प्रदर्शनकारी पीएम मोदी का मुखौटा लगाकर, गले में चप्पलों की माला डालकर, लंगड़ाते हुए चलकर उनका मजाक बना रहे हैं. 

सोशल मीडिया यूज़र्स इसे हाल के मालदीव-लक्षद्वीप विवाद से जोड़ते हुए शेयर कर रहे हैं और मालदीव का सम्पूर्ण बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं. 

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो जुलाई 2023 का है. इसका हालिया मालदीव-लक्षद्वीप विवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है. 

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 4 जनवरी को लक्षद्वीप भ्रमण की अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं. इसके बाद, यूज़र्स ने लक्षद्वीप को मालदीव से बेहतर बताते हुए भारतीय पर्टयकों को मालदीव के स्थान पर लक्षद्वीप जाने की बात कही. पीएम मोदी ने भी भारतीयों को लक्षद्वीप घूम आने का आग्रह किया.

पीएम मोदी की तस्वीरों पर मुइज़्ज़ू सरकार में मंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक ट्वीट किए थे. शिउना ने पीएम मोदी को इसराइल से जोड़ते हुए निशाने पर लिया था. इसके अलावा वो लक्षद्वीप का भी मज़ाक उड़ाते हुए दिखी थीं. मालदीव के नेता मालशा शरीफ़ और महज़ूम माजिद भी भारत को घेरते हुए नज़र आए थे. ये मामला बढ़ता देख मालदीव की सरकार को सफ़ाई देनी पड़ी. मालदीव सरकार ने बयान जारी कर कहा, ''जो बातें सोशल मीडिया पर कही जा रही हैं, वो हमें पता हैं. ये निजी बयान हैं. इनका सरकार से कोई नाता नहीं. इसके बाद खबर आयी कि मालदीव सरकार ने मंत्रियों को निलंबित कर दिया. इसी क्रम में यह वीडियो शेयर की जा रही है.

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मालदीव में जिहादियों द्वारा जुलूस निकालकर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान किया गया. सभी भारतीयों को जिहादी मालदीव का बहिष्कार करना चाहिए. एक विशिष्ट पंथ के लोग 'उस हाथ को काटो, जो उन्हें खिलाता है' के लिए जाने जाते हैं. राष्ट्रपति कार्यालय आपके लिए शर्म की बात है."



 

फ़ेसबुक पर अनेक यूज़र्स ने इस वीडियो को हाल का बताते हुए शेयर किया है. यहां देखें.



 एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी इस वीडियो को हालिया विवाद के बाद का बताकर शेयर किया गया है. यहां देखें.



फ़ैक्ट चेक

बूम ने अपनी सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 1 जुलाई 2023 को हिंदुस्तान टाइम्स की वीडियो रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य देखे जा सकते हैं. 

Full View


वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक़, ईद-अल-अधा के अवसर पर देश के विपक्ष द्वारा "इंडिया आउट" अभियान के बाद मालदीव सरकार ने डैमेज कंट्रोल करने का प्रयास किया है. मालदीव सरकार ने भारत के खिलाफ अभियान को "अपमानजनक कृत्य और नफरत भड़काने का प्रयास" बताया है. उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखौटे के इस्तेमाल की भी आलोचना की. विपक्ष पर निशाना साधते हुए मालदीव सरकार ने कहा कि वह अपनी "इंडिया फर्स्ट" नीति पर मजबूती से कायम है.

इससे मदद लेते हुए हमने 'इंडिया आउट' अभियान को लेकर और पड़ताल की. स्क्रॉल की 1 जुलाई 2023 की रिपोर्ट में हमें एक ट्वीट मिला जो हूबहू वायरल वीडियो के समान है. 


इस रिपोर्ट में बताया गया कि मालदीव में हुए प्रदर्शनों में कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का चित्रण करने वाले मुखौटे पहने थे, जबकि अन्य ने बैनर ले रखे थे जिन पर "इंडिया आउट" लिखा था. भारत-विरोधी प्रदर्शन की भर्त्सना करते हुए मालदीव के विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ जारी की.

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में विरोध प्रदर्शन के लिए देश की विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया. मालदीव सरकार ने कहा, 'प्रदर्शन ने न केवल नफरत को उकसाया, बल्कि भारत के साथ देश के लंबे समय से चले आ रहे सौहार्दपूर्ण संबंधों को खराब करने के उद्देश्य से शत्रुता को भी बढ़ावा दिया'. हालांकि प्रदर्शन का तात्कालिक कारण स्पष्ट नहीं हुआ. 

टेलीग्राफ ने भी इस प्रदर्शन पर अपनी रिपोर्ट में तात्कालिक विपक्ष को इसका जिम्मेदार बताया. प्रदर्शन पर भी मालदीव के विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया का उल्लेख करते हुए बताया गया कि सोलिह सरकार ने माले की 'इंडिया फर्स्ट' नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई, जिसका विपक्ष महीनों से विरोध कर रहा है, आरोप लगाया कि मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार नई दिल्ली के साथ मिलकर द्वीपसमूह की स्वायत्तता को खतरे में डाल रही है.

22 अक्टूबर 2023 की बीबीसी रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव के नये राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने देश से भारतीय सेना को बाहर करने की बात कही है. मालदीव में भारतीय सेना की उपस्थिति को मुइज्जू देश की संप्रभुता के लिए ख़तरा मानते हैं और विपक्ष में रहते हुए उन्होंने इसके विरोध में लगातार प्रदर्शन किए थे. रॉयटर्स की 3 दिसंबर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मद मुइज्जू ने कहा है कि भारत सरकार ने भी मालदीव से अपनी सेना को हटाने पर सहमति प्रदान की है. 

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