"जब काशी में कॉरिडोर बन रहा था तो कितने मंदिरों को तोड़ा गया..कई मूर्तियाँ, शिवलिंग इधर उधर बिखरे पड़े थे. तब धर्म के ठेकेदारों की आत्मा नहीं जागी..". यह दावा किया जा रहा है सोशल मीडिया पर वायरल एक कोलाज के साथ. चार अलग-अलग तस्वीरों के इस कोलाज को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
बूम ने पाया कि वायरल कोलाज के साथ किया गया दावा भ्रामक है. चार में से पहली दो तस्वीरें राजस्थान के जयपुर से हैं और क़रीब 7 साल पुरानी हैं, जबकि खंडित शिवलिंग की तस्वीरें वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर विस्तार में एक मलबे में मिले खंडित शिवलिंग की हैं.
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फ़ेसबुक पर कई यूज़र्स द्वारा इस कोलाज को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से जोड़कर शेयर किया गया है.
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फ़ैक्ट चेक
पहली और दूसरी तस्वीर
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल कोलाज की पहली दो तस्वीरें राजस्थान के जयपुर से हैं. जेसीबी से मंदिर को ध्वस्त करते दिखातीं दोनों तस्वीरें क़रीब 7 साल पुरानी है. जयपुर में मेट्रो रेल परियोजना के लिए रास्ता बनाने के लिए इस मंदिर को 2015 में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा ढहाया गया था.
जांच के दौरान हमें इससे संबंधित दो मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में मेट्रो ट्रेन संचालन में बाधक बने जयपुर के दो प्राचीन मंदिरों को क्रेन एवं अतिक्रमण हटाने में काम ली जाने वाली अन्य मशीनरी के माध्यम से हटाया गया.
बूम पहले भी इस वायरल तस्वीर का फ़ैक्ट चेक कर चुका है. यहां पढ़ें.
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तीसरी और चौथी तस्वीर
वायरल कोलाज की तीसरी और चौथी तस्वीर क्रमशः अमर उजाला और जनसत्ता की 20 दिसंबर 2018 की रिपोर्ट्स में मिली.
अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर विस्तार में एक मलबे में क़रीब सवा सौ से ज़्यादा खंडित शिवलिंग मिले. इसके बाद लोगों ने वहां पहुंच कर विरोध शुरू कर दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, आशंका जताई जा रही थी कि यह मलबा काशी मंदिर कॉरिडोर के लिए चल रहे ध्वस्तीकरण के काम से निकला हो सकता है, लेकिन मंदिर प्रशासन ने कॉरिडोर का मलबा होने से साफ इंकार कर दिया.
रिपोर्ट में विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम विनोद सिंह के हवाले से बताया गया कि "कॉरिडोर क्षेत्र का मलबा राजघाट की ओर फेंका जा रहा है. यह मलवा हम लोगों का नहीं है."
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी के रोहित नगर में टूटे हुए खंडित शिवलिंग पाए गए थे. पुलिस की जांच में सामने आया था कि टूटे हुए शिवलिंग का संबंध काशी विश्वनाथ मंदिर से नहीं है
वहीं, जनसत्ता की रिपोर्ट में बताया गया है कि वाराणसी में असि नाले किनारे के प्लॉट को शिवलिंगों से भरा जा रहा था. इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय लोग जुट गए और शिवलिंग को अपने घर ले जाने लगे. सिटी एडीएम विनय सिंह और सिटी एसपी दिनेश सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे. जल्द ही शिवलिंगों को हटा दिया गया.
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